Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
तालिबान सरकार की क्‍या होंगी सबसे बड़ी चुनौतियां. - श्रीनारद मीडिया

तालिबान सरकार की क्‍या होंगी सबसे बड़ी चुनौतियां.

तालिबान सरकार की क्‍या होंगी सबसे बड़ी चुनौतियां.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

अफगानिस्‍तान में तालिबान सरकार के गठन की लगभग सारी कवायद पूरी कर ली गई है। अब केवल इसकी औपचारिक घोषणा होना ही बाकी रह गया है। ये घोषणा शुक्रवार तक की जा सकती है। तालिबान की तरफ से ये पहले ही साफ कर दिया गया था कि उसकी सरकार उसके आका हिबातुल्‍ला अखुंदजादा के दिशा-निर्देशों पर चलेगी, जिसमें पीएम और राष्‍ट्रपति भी होंगे। अमेरिकी फौज के काबुल से पूरी तरह से निकलने के बाद हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत लगभग सभी जगहों पर उसका कब्‍जा है।

पंजशीर केवल एक ऐसा प्रांत है जहां पर कब्‍जे को लेकर तालिबान अब भी कवायद कर रहा है। इसके अलावा बागलान में भी तालिबान और उसके विरोधियों में लड़ाई जारी है। तालिबान इन दोनों को भी फतह करने के लिए पूरी जी जान से जुटा है। उसको उम्‍मीद है कि सरकार बनने के बाद उसकी ये राह और आसान हो जाएगी। लेकिन, एक हकीकत ये भी है कि सरकार गठन के बाद तालिबान के सामने एक साथ कई चुनौतियां होंगी, जिससे निपटना उसके लिए आसान नहीं होगा।

सरकार को मान्‍यता दिलवाना

तालिबान के लिए सबसे बड़ी चुनौ‍ती फिलहाल उसकी भावी सरकार के लिए वैश्विक स्‍तर पर समर्थन जुटाना है। इसके लिए वो पूरा प्रयास भी कर रहा है, लेकिन इसमें अभी तक उसको कोई कामयाबी नहीं मिली है। हालांकि, तालिबान के साथ कुछ बड़े देशों की वार्ता हो चुकी है और कुछ की वार्ता होनी है, लेकिन इन सभी देशों ने बेहद स्‍पष्‍ट शब्‍दों में ये साफ कर दिया है कि उनका तालिबान सरकार को मान्‍यता देने का फिलहाल कोई प्‍लान नहीं है। सरकार को मान्‍यता मिलने बाद ही विभिन्‍न देश अफगानिस्‍तान में किसी तरह के निवेश के बारे में अपना कदम आगे बढ़ाएंगे।

विकास के लिए पैसे की कमी

तालिबान सरकार के सामने पैसे की कमी एक दूसरी सबसे बड़ी चुनौती बनने वाली है। आपको बता दें कि अमेरिका पहले ही अफगानिस्‍तान की विदेशों में जमा अरबों डालर की रकम की निकासी पर रोक लगा चुका है। वहीं अफगानिस्‍तान को दी जाने वाली वित्‍तीय मदद भी रोक दी गई है। ऐसे में तालिबान सरकार वहां के विकास कार्यों को आगे नहीं बढ़ा सकेगी। सरकार को मान्‍यता न मिलने से इसमें और परेशानी आने वाली है। गौरतलब है कि तालिबान है कि दो दशक से अधिक समय तक चली जंग में तालिबान बुरी तरह से चरमरा गया है। ऐसे में वहां पर बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत होगी, जिसके लिए पैसे की दरकार होनी स्‍वाभाविक है।

आइएस समेत दूसरे आतंकी गुटों पर काबू पाना

तालिबान के लिए एक बड़ी चुनौती आइएस समेत दूसरे आतंकी गुटों पर लगाम लगाना भी हैं। हालांकि अलकायदा और तालिबान पूर्व में अमेरिकी फौज के साथ एक साथ मिलकर जंग कर चुके हैं। लेकिन आइएस- के और तालिबान का छत्‍तीस का आंकड़ा है। हाल ही में काबुल में हुए धमाके इसी गुट ने कराए हैं।

कानून व्‍यवस्‍था

तालिबान को पूरी दुनिया और खुद अफगानी भी एक आतंकी गुट मानते हैं। यही वजह है कि वहां के लोग गई जगहों पर उसके खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। देश में सही मायने में कानून व्‍यवस्‍था करना तालिबान के लिए बड़ी चुनौती है। यहां के अधिकतर लोगों ने तालिबानी कानून व्‍यवस्‍था के नाम पर उसका क्रूर चेहरा देखा है। यही उनके जहन में बसा हुआ है। इसको वो कैसे बदलेगा ये देखना काफी दिलचस्‍प होगा।

चेहरा बदलने की चुनौती

तालिबान का क्रूर चेहरा पूरी दुनिया ने देखा है। अपने दूसरे शासन में वो कह चुका है कि महिलाओं को इस बार पहले के मुकाबले अधिक आजादी मिलेगी। हालांकि अब तक ऐसा कुछ होता नहीं दिखाई दिया है। दुनिया और अफगानियों के लिए उसका नया चेहरा देखना अभी बाकी है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!