सुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त करने पर निकले मलवे का क्या होगा?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सुपरटेक के ट्विन टावर (Noida Twin Towers) का मलबा भी करोड़ों रुपये का है। इसमें सबसे ज्यादा कीमत है मलबे से निकलने वाली सरिया की। ट्विन टावर के मलबे से जो सरिया निकलेगी, उसकी मात्रा इतनी ज्यादा होगी कि उससे फिर विशालकाय बिल्डिंग या 100 वर्ग मीटर के लगभग 1200 घर बन सकते हैं। जानते हैं- कैसे होगा इन सरियों का इस्तेमाल।
12 करोड़ की है 3500 टन सरिया
सुपरटेक के ट्विन टावर में दो टावर थे, जिनमें से एक 29 मंजिला सियान टावर था, जिसकी ऊंचाई 95 मीटर थी। दूसरा 32 मंजिला एपेक्स टावर था, जिसकी ऊंचाई 102 मीटर थी। दोनों टावरों में कुल 900 अपार्टमेंट बने हुए थे। एडिफिस इंजीनियरिंग (Edifice Engineering) के पार्टनर जिगर खेड़ा के अनुसार दोनों टावर को गिराने के बाद जो मलबा एकत्र हुआ है, उसमें 3500 टन सरिया है। करीब 12 करोड़ रुपये की ये सरिया एडिफिस कंपनी, अपनी पार्टनर कंपनियों को बेचेगी। मलबे से बरामद इस सरिया से लगभग सात लाख वर्ग फुट (तकरीबन 65 हजार वर्ग मीटर) की विशालकाय बिल्डिंग खड़ी की जा सकती है।
80 हजार टन मलबे में क्या-क्या है
एडिफिस के जिगर खेड़ा के अनुसार ट्विन टावर को विस्फोटक से गिराने के बाद मौके पर कुल 80 हजार टन के लगभग मलबा एकत्र हुआ है। इसमें से 50 हजार टन मलबा दोनों टावर के बेसमेंट को भरने में प्रयोग होगा। मलबे में से 3500 टन सरिया निकालकर एडिफिस कंपनी अपनी पार्टनर कंपनियों को बेचेगी। इस सरिया की अनुमानित कीमत करीब 12 करोड़ रुपये है। शेष 30 हजार टन मलबे में केवल कंक्रीट है, जो नोएडा सेक्टर 80 स्थिति रैमकी के प्लांट (Ramky Reclamation And Recycling Pvt Ltd) में रीसाइकल होगा। इसके अलावा दोनों टावरों में लगी करीब पांच टन लकड़ी और कई टन ईंटें एडिफिस कंपनी पहले ही निकाल चुकी थी।
बन सकते हैं 1200 घर या 66 मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग
ट्विन टावर के मलबे से जो सरिया निकल रहा है, वो कितना ज्यादा होगा इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस सरिया से 100 वर्ग मीटर के प्लॉट पर एक मंजिल के लगभग 1200 घर या 1000 वर्ग मीटर के प्लॉट पर तकरीबन 65 मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग खड़ी की जा सकती है।
निर्माण में सरिया का गणित
आरकेजी कंस्ट्रक्शन के मालिक आरके गुप्ता ने रिहायशी भवन और कमर्शियल बिल्डिंग के निर्माण में लगने वाले सरियों का पूरा गणित समझाया। जो निम्न प्रकार है-
– ट्विन टावर के मलबे से निकलने वाला सरिया कुल 3500 टन (35,00,000 किलो) होगा।
– 100 वर्ग मीटर प्लॉट पर तीन मंजिला घर का निर्मित क्षेत्रफल लगभग 270 वर्ग मीटर (2900 वर्ग फुट) और एक मंजिला घर का करीब 90 वर्ग मीटर (1000 वर्ग फुट) होगा।
– घर बनाने में प्रत्येक वर्ग फुट में करीब तीन किलो सरिया का इस्तेमाल होता है।
– तीन मंजिला घर (2900 वर्ग फुट) बनाने में करीब 8700 किलो और एक मंजिला घर (1000 वर्ग फुट) बनाने में
लगभग 3000 किलो सरिया लगेगा।
– इस तरह 3500 टन सरिया से 100 वर्ग मीटर प्लॉट पर तीन मंजिल के तकरीबन 402 और एक मंजिल के लगभग 1200 घर बन सकते हैं।
– 1000 वर्ग मीटर प्लॉट पर एक मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग का निर्मित क्षेत्रफल लगभग 10,000 वर्ग फुट होगा।
– कमर्शियल बिल्डिंग बनाने में प्रति वर्ग फुट पांच से छह किलो सरिया का इस्तेमाल होता है।
– एक मंजिला (10,000 वर्ग फुट) कमर्शियल बिल्डिंग बनाने में 53820 से 64584 किलो सरिया लगेगा।
– 3500 टन सरिया से 1000 वर्ग मीटर प्लॉट पर 54 से 65 मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग खड़ी बन सकती है।
(नोट- सरियों के इस्तेमाल का यह अनुमानित आकलन है)
कंक्रीट से सरिया निकालने का काम जारी
फिलहाल मौके पर एडिफिस कंपनी (Edifice Engineering) द्वारा मलबे से कंक्रीट और सरिया को अलग करने का काम जोरशोर से किया जा रहा है। इससे मौके पर सरियों का अंबार लग चुका है। सरिया निकालने के बाद कंक्रीट का मलबा नोएडा के सेक्टर-80 स्थिति रैम्की कंपनी (Ramky Reclamation And Recycling Pvt Ltd) के रीसाइक्लिंग प्लांट में भेजा जाएगा
रीसाइक्लिंग का खर्च
रैमकी प्लांट में कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (C&D Waste) प्रोजेक्ट के हेड मुकेश धीमान ने बताया कि प्लांट में 90 दिनों तक लगातार 250 से 300 टन मलबा रीसाइकल होगा। इससे प्रतिदिन 3000 इंटरलॉकिंग टाइल्स और काफी मात्रा में निर्माण सामग्री बनेगी। ये निर्माण सामग्री सड़क बनाने से लेकर घर बनाने तक में इस्तेमाल होगी। रीसाइक्लिंग में प्रतिदिन 40 से 50 कर्मचारी और 30 हजार लीटर एसटीपी वाटर लगेगा। इस मलबे को रीसाइकल करने में 450 रुपये प्रति टन का खर्च होगा। इसमें से 156 रुपये प्रति टन की दर से नोएडा प्राधिकरण भुगतान करेगी। नोएडा प्राधिकरण ये रकम सुपरटेक बिल्डर से वसूलेगी।
आभार —जागरण