वापस भेजे गए अवैध प्रवासियों का क्या होगा?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ट्रंप प्रशासन ने सीमाओं पर भी कर डाली सख्ती
ट्रंप प्रशासन ने सीमाओं पर सख्ती कर दी और अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को वापस उनके देशों में भेजने का संकल्प लिया। यह भी एक दुखद सपने की तरह है कि जिन्होंने अमेरिका में रहने का सपना देखा था, उन्होंने सोचा नहीं था कि उन्हें कैदियों की तरह हथकड़ियों से बांधकर वापस इस तरह लाया जाएगा।
क्या अवैध प्रवासियों पर भारत में अपराध दर्ज होगा?
- सबसे पहले तो पुलिस इस बारे में यह जांच करेगी कि अवैध प्रवासी किस तरीके से अमेरिका पहुंच गए। क्या उन्होंने ‘डंकी रूट’ इस्तेमाल करके ऐसा किया? इन प्रवासियों में से कई ऐसे भी हो सकते हैं जो पर्यटन वीजा लेकर अमेरिका प्रवास पर गए थे और बाद में अवसर पाकर वहीं अवैध रूप से निवास करने लगे।
- ऐसे लोगों पर भारत में कोई अपराध दर्ज नहीं होगा। कारण यह है कि इन्होंने अवैध रूप से रहने का अपराध अमेरिका में किया है भारत में नहीं।
- पुलिस इस एंगल से भी तफ्तीश करेगी कि क्या भारत में ये कोई क्राइम करके अमेरिका गए थे या फिर मानव तस्करी की सहायता से क्राइम करके ‘डंकी रूट’ का रास्ता अपनाकर अमेरिका भागे थे। ऐसे मामले सामने आए तो उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
केस की धाराएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि मुकदमे का प्रकार कैसा है। सामान्यत: ऐसे मामलों में एक वर्ष से सात वर्ष तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है।
अवैध प्रवासियों पर किन किन कानूनों में हो सकती है जांच?
- अमेरिका से भारत आए अवैध प्रवासियों पर नियमानुसार चार तरह से कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यदि पासपोर्ट में हेराफेरी की गई हो या फिर पासपोर्ट ही नष्ट कर दिया गया हो। तो नागरिकता अधिनियम 1955 और पासपोर्ट अधिनियम 1967 के नियम के अनुसार कार्रवाई करने का प्रावधान है।
- कोई प्रवासी भारतीय यदि अवैध तरीके से अपने देश से रकम या कोई संपत्ति बाहर ले गए हों, तो सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है।
- यदि मानव तस्करों को हवाला के माध्यम से डंकी रूट पहुंचाने के लिए रकम दी गई हो तो इनकम टैक्स अधिनियम 1961 में प्रवर्तन निदेशालय कार्रवाई कर सकता है।
- भारत की बॉर्डर अवैध रूप से पार करके दूसरे देश जाने वाले लोगों पर इमिग्रेशन अधिनियम 1983 के प्रावधानों में कार्रवाई करने का अधिकार है।
क्या होता है डंकी रूट?
- भारत की सीमा पार करके अवैध रूप से अमेरिका या अन्य देशों की ओर भागने वाले लोग ‘डंकी रूट’ का रास्ता अपनाते हैं। आइए समझते हैं कि यह डंकी रूट क्या होता है?
- डंकी रूट एक ऐसा रास्ता होता है जो कई देशों से होकर गुजरता है। विदेश भागने वाले लोग अनाधिकृत रूप से इस रूट का उपयोग करके भागते हैं। यही कारण है कि भारत से विदेश की ओर भागने का जो रास्ता होता है उसे डंकी रूट कहा जाता है।
किन देशों के लिए ज्यादा भागते हैं अवैध प्रवासी
कदम कदम पर होता है खतरा
डंकी रूट का इस्तेमाल करना बेहद जोखिमभरा होता है। कदम कदम पर खतरा बना रहता है। कई बार तो लोगों की मौत भी हो जाती है। कई देशों की सीमाओं को अवैध रूप से पार करना आसान नहीं होता, इसलिए यह काफी खतरनाक होता है। क्योंकि सीमा पर तैनात जवान घुसपैठियों को गोली मार देते हैं। कई बार विपरीत मौसम और खाने के अभाव में भूख से भी मौत हो जाती है।
संसद में पेश की गई रिपोर्ट
यह बात कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में सामने आई है। यह रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई थी। समिति ने यह भी कहा है कि वह राज्यों में उन स्थानों पर पीओई (प्रोटेक्टर आफ इमिग्रेंट्स) की स्थापना करना चाहती है, जहां वे वर्तमान में नहीं हैं।
1983 में आया था इमिग्रेशन एक्ट
- समिति का कहना है कि भारत में इमिग्रेशन की प्रक्रिया 1983 के इमिग्रेशन एक्ट के तहत आती है, जिस पर प्रशासनिक नियंत्रण प्रोटेक्टर जनरल ऑफ इमिग्रेंट्स (पीजीई) के जरिये विदेश मंत्रालय का होता है।
- रिपोर्ट के अनुसार, ‘माइग्रेशन की सामयिक वैश्विक स्थितियों और भारतीय नागरिकों की आवश्यकताओं के मद्देनजर समिति वर्षों से पुराने पड़ चुके इमिग्रेशन एक्ट, 1983 को बदलने के लिए व्यापक विधायी बदलावों की जरूरत को रेखांकित करती रही है। काफी देरी से विदेश मंत्रालय नया कानून बनाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’
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