शीतलहर कब चलती है, बच्चों के लिए कितना खतरनाक? पढ़ें इससे बचाव के उपाय
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क
शीत लहर एक प्राकृतिक आपदा है जो ठंडी हवाओं के तेज बहने से होती है। यह तब होती है जब मैदानी इलाकों में तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। शीत लहर के दौरान तापमान तेजी से गिर सकता है, जिससे शरीर का तापमान कम हो सकता है और कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। बच्चों का शरीर अभी विकसित नहीं हुआ होता है, इसलिए वे ठंड को सहन करने में सक्षम नहीं होते हैं। बुजुर्गों के शरीर में गर्मी पैदा करने की क्षमता कम होती है।
शीतलहर के कारण होने वाली कुछ स्वास्थ्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:
- हाइपोथर्मिया: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। हाइपोथर्मिया के लक्षण ठंड लगना, कंपकंपी, थकान, चक्कर आना, और भ्रम हैं। गंभीर मामलों में, हाइपोथर्मिया घातक भी हो सकता है।
- न्यूमोनिया: यह एक फेफड़ों का संक्रमण है जो ठंड के कारण हो सकता है। न्यूमोनिया के लक्षण खांसी, सांस लेने में तकलीफ, और बुखार हैं।
- बुखार: ठंड के कारण शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
- गले में खराश: ठंड के कारण गले में खराश हो सकती है।
शीतलहर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- मोटे, गर्म कपड़े पहनें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।
- धूम्रपान न करें। धूम्रपान शरीर को ठंड से बचाने की क्षमता कम करता है।
- अगर आप बाहर जा रहे हैं, तो अपने साथ गर्म कपड़े और गर्म पेय पदार्थ रखें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। उन्हें मोटे कपड़े पहनाएं और उन्हें गर्म रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
यदि आपको या किसी को शीत लहर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
शीतलहर से बचाव के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपाय
भारत सरकार शीत लहर से बचाव के लिए कई उपाय कर रही है। इनमें से कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
- शीतलहर की चेतावनी प्रणाली: मौसम विभाग शीत लहर की चेतावनी जारी करता है ताकि लोग समय रहते तैयारी कर सकें।
- राहत और बचाव कार्य: सरकार शीत लहर के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार रहती है।
- सार्वजनिक जागरूकता: सरकार शीत लहर से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाती है।
शीतलहर एक गंभीर समस्या है, लेकिन इससे बचाव के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर हम शीत लहर के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।