कब से शुरू हो रहा रमजान का पवित्र महीना?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुस्लिमों के लिए रमजान (Ramadan) का पाक महीना काफी मायने रखता है। रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। 30 दिन मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और पांच वक्त की नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। ऐसे में अब रमजान के पवित्र महीने का आगाज होने में कुछ ही दिन बचे हैं। जानकारी के अनुसार, इस बार देश में अप्रैल से रमजान का आगाज हो जाएगा। रमजान का पहला रोज पूरी तरह से चांद के दिखने पर निर्भर रहेगा। इस मौके पर आपकों रमजान से जुड़ी कुछ खास बातें जरुर जाननी चाहिए। इस बार रमजान के पवित्र महीने में सहरी और इफ्तारी का क्या वक्त रहेगा।
कब से शुरू होंगे रमजान
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, इस बार 2 या 3 अप्रैल को पहला रोजा हो सकता है। अगर 1 अप्रैल को चांद दिखाई देगा तो पहला रोजा 2 अप्रैल को होगा। लेकिन 2 अप्रैल को चांद दिखा तो 3 अप्रैल को देश में पहला रोजा होगा। इसके बाद 30 दिन तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करेंगे।
सहरी और इफ्तार का वक्त
वैसे तो देश भर में अलग-अलग समयानुसार सहरी और इफ्तार का वक्त होता है। अगर देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां सहरी का वक्त 4:51 बजे है। वहीं, इफ्तार का वक्त 6:40 बजे है। इसके अलावा देश के दूसरे शहरों में सहरी और इफ्तार का वक्त इस तरह है।
मुंबई- 04:57 AM, 07:00 PM
लखनऊ- 04:23 AM, 06:31 PM
हैदराबाद- 04:47 AM, 06:31 PM
चेन्नई- 04:56 AM, 06:21 PM
इबादत करते हैं मुसलमान
रमजान के पवित्र महीने में 30 दिन तक मुस्लिम समाज के लोग इबादत करते हैं। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मुस्लिम समुदाय के लोग कुछ खा-पी नहीं सकते हैं। इस दौरान वह पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं और सूर्यास्त के बाद ही वह रोजा खोलते हैं। साथ ही रमजान में मस्जिदों और घरों में में कुरान की तिलावत भी की जाती है। सभी लोगों के लिए रमजान में रोजा रखना जरुर माना जाता है। हालांकि, सिर्फ नवजात बच्चों, महिलाओं, गर्भवती औरतों को रोजा न रखने की छूट होती है।
इन बातों पर रहती हैं पाबंदियां
रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समाज पूरी तरह से इबादत करता है। रमजान के दौरान मुसलमान किसी भी गलत कार्य करने से बचता है। इस दौरान किसी को अपशब्द बोलने, लड़ाई और झूठ बोलने की मनाही होती है। साथ ही स्मोकिंग और शराब का सेवन भी वर्जित माना जाता है।
इसलिए मनाई जाती है ईद
रमजान के 30 रोजे पूरे होने के बाद ही ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है। इस बार ईद का पर्व 2 या 3 मई को मनाया जाएगा। ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग गरीबी में जकात देते हैं। साथ ही इस दिन घरों में अच्छे-अच्छे पकवान भी बनते हैं। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह बहुत ही खुशी का त्योहार होता है।
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