जब सीवान में सदर एसडीएम, एसडीपीओ, के नेतृत्व में प्रशासन बना हजारों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा कवच
सीवान में दशहरा के दिन मेला देखने उमड़ी भारी भीड़, प्रशासन की तात्कालिक सक्रियता से किसी बड़े हादसे की आशंका टली
अभी आगे भी है भीड़ प्रबंधन की चुनौतियां, प्रशासन को कोसने के बजाय अगर सहयोग दिया जाए तो हमारी सुरक्षा पुख्ता रुप से सुनिश्चित हो पाएगी
✍️गणेश दत्त पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान में बुधवार की संध्या में जिला प्रशासन की तात्कालिक सक्रियता से एक बड़ा हादसा होने से टल गया। कोरोना महामारी के कारण, जहां दो साल से श्रद्धालुगण मेले का आनंद नहीं उठा पा रहे थे। वहीं पिछले दो दिनों से बारिश के कारण श्रद्धालु इस बार भी मेले का आनंद नहीं ले पा रहे थे। बुधवार को मौसम खुला तो सीवान की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। दाहा नदी और ललित बस स्टैंड के बीच भारी भीड़ जमा हो गई।
स्थिति यह हो गई कि भारी भीड़ जमा हो जाने के कारण हादसे की आशंका बढ़ने लगी। लेकिन सूचना मिलने पर जिला प्रशासन की टीम तत्काल हरकत में आई। मौके पर तत्काल पहुंचे सदर एसडीएम, एसडीपीओ और एसपीजीआरओ की तात्कालिक सक्रियता हजारों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा कवच बन गई। कोई हादसा यदि हो जाता तो प्रशासन को हर कोई कोसता लेकिन यदि सभी सुरक्षित रहे तो प्रशासन बधाई का पात्र तो बनता ही है।
भारी भीड़ ने पेश की बड़ी चुनौती
जिलाधिकारी श्री अमित कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक श्री शैलेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में सीवान जिला प्रशासन की टीम कई दिनों से भीड़ प्रबंधन की रणनीति बना रही थी। लेकिन बुधवार को उमड़ी भीड़ ने बड़ी चुनौती पेश कर दी। ललित बस स्टैंड से दाहा नदी पुल तक भारी भीड़ जमा हो गई थी। भारी भीड़ की सूचना मिलते ही तत्काल जिला प्रशासन हरकत में आया। सदर एसडीएम श्री रामबाबू बैठा, एसडीपीओ श्री अशोक कुमार आजाद, अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी श्री अभिषेक चंदन के नेतृत्व में भारी पुलिस बल पहुंचा और तत्काल भीड़ प्रबंधन में जुट गया।
सदर एसडीएम और एसपीजीआरओ की जोड़ी विकट परिस्थिति में दिखती कमाल की सक्रियता
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में श्रद्धालुओं को समझा बुझा कर लाइन से निकाला गया। अगर तत्काल करवाई नहीं होती तो एक बड़ा हादसा भी हो सकता था। वैसे सीवान के लोग पहले भी देख चुके हैं कि जब भी कानून व्यवस्था के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है तो सीवान सदर के एसडीएम श्री राम बाबू बैठा और अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी श्री अभिषेक चंदन की जोड़ी अपार ऊर्जा से लैस होकर अपने प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करती आई है।
जब भीड़ में फंसा होने पर डीपीओ साहब के मैसेज ने मुझे दी बड़ी राहत
बुधवार को दाहा नदी के पास उमड़ी भीड़ में मैं यानी गणेश दत्त पाठक भी सपरिवार फंस गया था। चारों तरफ बस भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही थी। कहीं निकलने का रास्ता भी नहीं दिख रहा था। आवाज इतनी तेज थी कि फोन पर भी बात नहीं हो पा रही थी तो मैंने भीड़ के बारे में फेसबुक पर एक पोस्ट डाला। तत्काल सीवान के डीपीओ श्री दिलीप कुमार जी, जो उस समय मजिस्ट्रेट की भूमिका में थे, का मैसेज आया कि कंट्रोल रूम को सूचना दे दी गई है।
उनकी यह सूचना मेरे लिए राहत की सबब बनी क्योंकि मुझे भरोसा था कि तत्काल जिला प्रशासन की टीम सक्रिय होगी। सबसे ज्यादा भरोसा मुझे एसडीएम और एसपीजीआरओ की जोड़ी पर था। हालांकि कुछ लोग भीड़ में प्रशासन को कोसे जा रहे थे। लेकिन उन्हें समझ नही आ पा रहा था कि प्रशासन को कोसने के बजाय यदि सहयोग प्रदान किया जाए तो ज्यादा राहत विकट परिस्थितियों में मिल सकती है।
एसडीएम ने जनसहयोग को सराहा
गुरुवार को सुबह जब एसडीएम श्री राम बाबू बैठा जी को बुधवार की रात्रि में तात्कालिक सक्रियता के लिए धन्यवाद देने के लिए मैंने फोन किया तो उन्होंने बताया कि उम्मीद से ज्यादा भीड़ आ गई थी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने डीएम और एसपी साहब के मार्गदर्शन में भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष रणनीति बनाई थी। जिसे भीड़ प्रबंधन के लिए तुरंत लागू किया गया। अपने विनम्र व्यवहार के लिए प्रख्यात एसडीएम साहब ने कहा कि जनसहयोग के बल पर हम इस भारी भीड़ को नियंत्रित करने में सफल हो पाए। उन्होंने शानदार सीवान के माध्यम से लोगों से भी अपील किया कि आम जनता प्रशासन के निर्देशों का पालन कर सहयोग करें। श्रद्धालुगण की सुरक्षा ही हमारी प्राथमिकता है।
निश्चित तौर पर बुधवार को मां दुर्गा की असीम कृपा और प्रशासन की सक्रियता से कोई अनहोनी नहीं हो पाई। लेकिन अभी मेला शहर में दो तीन दिन और चलने वाला है। ऐसे में किसी भी विकट परिस्थिति के उत्पन्न होने पर हमें प्रशासन को कोसने के बजाय उसे सहयोग प्रदान करना चाहिए । प्रशासन के दिशा निर्देशों का पूर्णतः पालन करना चाहिए। ध्यान रखें हम प्रशासन को चाहे जितना कोस लें लेकिन हमारी सुरक्षा ही प्रशासन की प्राथमिकता होती है। इसलिए प्रशासन को हरसंभव सहयोग दें।
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