साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कब, कहां और कैसे देख सकेंगे ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के बाद अब चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भी लगने वाला है। जैसे दिवाली पर सूर्य ग्रहण लगा था वैसे ही अब देव दिवाली (dev deepawali) पर चंद्र ग्रहण लगने वाला है। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है जो कि 8 नवंबर को लगने वाला है। कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित करता हैं?

सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण के भी प्रकार है और 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हांलाकि, भारत में यह चंद्र ग्रहण केवल पूर्वी भाग से ही दिखाई देगा और अधिकांश क्षेत्रों में यह आशिंक रूप में देखने को मिलेगा। सूर्य ग्रहण के कारण एक दिन बाद भाई दूज और गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है। वैसे ही देव दिवाली भी अब चंद्र ग्रहण के कारण एक दिन पहले मनाई जा रही है।

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चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) कब लगता है?

जब चंद्रमा धरती की छाया में चला जता है तब चंद्र ग्रहण लगता है। आसान भाषा में समझें तो जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ में आ जाता है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है। बता दें कि पूर्णिमा की रात को ही चंद्र ग्रहण लगता है। 2022 का दूसरा 8 नवंबर को होगा और यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी और पूर्वी यूरोप के कुछ हिस्सों और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा।

बता दें कि साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण 15-16 मई को लगा था। इस दिन वैशाख पूर्णमा थी लेकिन इसका प्रभाव भारत में देखने को नहीं मिला था। पहला चंद्र ग्रहण सुबह 7 बजकर 2 मिनट पर लगा था और दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर खत्म हुआ था। पहला चंद्र ग्रहण अमेरिका, अंटार्कटिका, यूरोप, अफ्रीका और पूर्वी प्रशांत के हिस्सों में दिखाई देगा।

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चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं (Types of Chandra Grahan)

सूर्य ग्रहण की ही तरह चंद्र ग्रहण के भी तीन प्रकार होते है- पूर्ण चंद्रग्रहण (Total lunar eclipse), आंशिक चंद्र ग्रहण (partial lunar eclipse) और पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण (penumbral lunar eclipse)।

  • पूर्ण चंद्रग्रहण (Total lunar eclipse): जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ में आ जाता है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है।
  • आंशिक चंद्र ग्रहण (partial lunar eclipse): यह तब लगता है जब चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी के गर्भ में प्रवेश करता है, ये पूर्ण चंद्र ग्रहण से बिल्कुल अलग होता है। चंद्रमा की औसत कक्षीय गति लगभग 1.03 किमी/सेकंड होती है।
  • पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण (penumbral lunar eclipse): यह तब लगता है जब चंद्रमा पृथवी के पेनम्ब्रा से होकर गुजरता है। पृथ्वी की छाया का हल्का बाहरी हिस्सा चंद्र सतह पर पड़ता है। इसे केवल आप नग्न आखों से ही देख सकते है।

भारत में कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण? (Chandra Grahan)

8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची, गुवाहाटी से दिखाई देगा। ये ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी और पूर्वी यूरोप के कुछ हिस्सों और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। इसका सीधा प्रभाव भारत समेत दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर पर पड़ेगा।

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भारत में कितने बजे दिखाई देगा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan)

  • 8 नवंबर 2022
  • ग्रहण की शुरुआत: शाम 5.32 बजे से
  • ग्रहण की समाप्ति- शाम 6.18 बजे
  • सूतक काल सुबह 9.21 मिनट से शुरू होगा
  • सूतक काल की समाप्ति: शाम 6.18 बजे

शरीर के किन हिस्सों पर पड़ता है ग्रहण का प्रभाव

सूर्य ग्रहण के तरह चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव आंखों पर पड़ता है। इसलिए ग्रहण को खुली आंखों से देखने के लिए मना किया जाता है। हालांकि, सूर्य ग्रहण के अपेक्षा चंद्र ग्रहण का प्रभाव आंखों पर कम पड़ता है, लेकिन फिर भी ग्रहण को खुली आखों से देखने पर रेटिना को नुकसान होता है। आंखों के अलावा चंद्र ग्रहण का असर, स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ग्रहण के दौरान निकलने वाली पैराबैंगनी किरणे मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

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चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान बरतें ये सावधानियां

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