Breaking

26/11 को जब दहल उठी थी पूरी मुंबई…

26/11 को जब दहल उठी थी पूरी मुंबई…

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमले को शनिवार को 14 साल पूरे होने को है, लेकिन आज भी उसके जख्म देश के हर आदमी के दिल में जिंदा है। भारत के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक 26/11 को आतंकवादियों ने अब तक के सबसे क्रूर आतंकी हमलों को अंजाम दिया था।

इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों ने मुंबई में प्रवेश कर चार दिनों तक गोलीबारी और सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे। इस हमले में 164 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए। इस हमले के पीछे आतंकियों के कई मकसद थे, जिसका खुलासा समय-समय पर होता आया है।

26/11 मुंबई हमले को लेकर यह है तथ्य
  • वर्ष 2008 में 26/11 के हमले में भाग लेने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से भेजे गए थे और काफी प्रशिक्षित थे। ये सभी भारत में प्रवेश करने के लिए समुद्री मार्ग से आए थे। उनका मुख्य मकसद आतंक फैलाना और कुछ प्रमुख आतंकवादियों को कंधार अपहरण मामले से छुड़वाना था।jagran
  • मुंबई आतंकी हमले की योजना कई महीने पहले ही बना ली गई थी। इस हमले में शामिल आतंकवादियों ने भारत-बांग्लादेश सीमा से खरीदे गए तीन सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। ऐसी भी रिपोर्टें थीं कि एक सिम कार्ड अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी में खरीदा गया था।
  • इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से 21 नवंबर 2008 को दस आतंकी नाव में पाकिस्तान से गुजरात के रास्ते भारत आए थे। अपने रास्ते में, उन्होंने चार मछुआरों को भी मार डाला था और नाव के कप्तान को भारत में एंट्री दिलवाने की धमकी दी।
  • 26 नवंबर 2008 को आतंकवादियों ने कप्तान को मार डाला और स्पीडबोट में कोलाबा की ओर बढ़ गए। यहां बता दें कि आतंकी मुंबई में दाखिल होने से पहले एलएसजी, कोकीन और स्टेरॉयड का सेवन करते थे ताकि वे ज्यादा देर तक सक्रिय रह सकें।

    jagran

  • आतंकियों ने इसके बाद मुंबई में दाखिल होते ही ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस में धावा बोल दिया। ताज होटल में लगभग छह विस्फोट हुए और इसमें कई लोग मारे गए। आतंकियों ने कई दिनों तक लोगों को बंधक भी बनाए रखा था।
  • मुंबई में अलग-अलग जगहों पर किए गए इस आतंकी हमले में लगभग 64 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक लोग इसमें घायल हुए थे। इस हमले में सभी आतंकवादी मारे गए लेकिन मोहम्मद अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया। जिसे यरवदा जेल में 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी।
  • एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ आर्म्स एक्ट, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और रेलवे अधिनियम की अन्य विभिन्न धाराओं सहित विभिन्न अधिनियमों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
  • इस हमले में सेवानिवृत्त फौजी तुकाराम ओंबले और मुंबई पुलिस के सहायक सब-इंस्पेक्टर ने एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ने के लिए अपनी जान दे दी थी। ओंबले को कर्तव्य के पालन में असाधारण बहादुरी और वीरता के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
  • जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था। जिसे आज तक पाकिस्तान बचाता आया है।
  • इस हमले में आतंकियों को मार गिराने में मरीन कमांडो ने भी अहम भूमिका निभाई थी और कमांडो सुनील यादव को बचाते हुए एनएसजी के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गए थे, जिन्हें ताज में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पैर में गोली लग गई थी।
  • यह भी पढ़े…..
  • असम-मेघालय ही नहीं इन आठ राज्यों में भी है सीमा विवाद,क्यों?
  • क्या है महाराष्ट्र-कर्नाटक बॉर्डर विवाद, फिर चर्चा में क्यों आया?
  • ‘बिजली की स्पीड’ जैसी क्यों चली अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल-सुप्रीम कोर्ट
  • मतदाता सूची में वोटर हेल्प ऐप से स्वयं जोड़ें अपना नाम: डीवाईईओ

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!