दिल्ली में अगला पुस्तक मेला कब लगेगा?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लाखों पाठकों और हजारों प्रकाशकों की भागीदारी के साथ भाषायी विविधता का जश्न मनाते हुए दिल्ली विश्व पुस्तक मेला रविवार को संपन्न हो गया। नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) की ओर से बताया गया कि वर्ष 2025 में यह मेला एक फरवरी से नौ फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।

नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया’ के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने विश्व पुस्तक मेला-2024 के आयोजन को सफल बताते हुए कहा कि अगले वर्ष विश्व के श्रेष्ठ पुस्तक मेला आयोजकों के एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा और अतिथि देश के साथ-साथ एक फोकस राज्य अथवा केंद्र-शासित प्रदेश के साहित्य का भी विशेष प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगले विश्व पुस्तक मेले की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं और इसे वर्ष 2025 में एक फरवरी से नौ फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।

मेले के समापन पर एनबीटी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, नौ दिवसीय नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में इस बार 700 से अधिक साहित्यिक और रचनात्मक कार्यक्रम हुए। नई दिल्ली राइट्स टेबल 2024 (एनडीआरटी) के 10वें संस्करण का आयोजन भी इस मेले के दौरान हुआ, जिसमें ‘बी2बी प्लेटफॉर्म’ के जरिये प्रकाशकों को विचारों के आदान-प्रदान, कॉपीराइट पर विचार-विमर्श और अपनी प्रकाशन सामग्री के अधिकार को हस्तांतरित करने का अवसर दिया गया। विज्ञप्ति के अनुसार, 10वें संस्करण की बैठक में अंग्रेजी, हिंदी सहित सभी भारतीय और विदेशी भाषाओं की पुस्तकों के 60 से अधिक प्रकाशक शामिल थे। ‘सीईओ स्पीक’ में बहुभाषी परिदृश्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के एकीकरण पर विशेष जोर दिया गया।

हिन्दी में सिनेमा के पहले एनसायक्लोपीडिया पर सार्थक चर्चा

इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने हिन्दी में सिनेमा के विश्वकोश का प्रकाशन किया है, जो प्रसिद्ध फिल्म पत्रकार श्रीराम ताम्रकर जी के अथक प्रयासों का परिणाम है। पुस्तक मेले में इस पर भी गंभीर चर्चा हुई।

इस चर्चा में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और अभिनेता राहुल मित्रा, लेखक एवं फिल्मकार डा राजीव श्रीवास्तव, प्रसिद्ध लेखक एवं फिल्म विश्लेषक अविजीत घोष और प्रसिद्ध फिल्म विश्लेषक अर्णब बनर्जी ने भाग लिया। चर्चा का संचालन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मीडिया सेंटर के नियंत्रक अनुराग पुनेठा ने किया।

चर्चा में राहुल मित्रा ने कहा कि भारतीय सिनेमा पर इस तरह के एनसायक्लोपीडिया का प्रकाशन एक शानदार प्रयास है और यह सिनेमाप्रेमियों तथा सिनेमा के अध्येताओं व छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’, ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स’, तथा ‘तोरबाज’ जैसी फिल्मों के निर्माता राहुल मित्रा ने इस एनसायक्लोपीडिया के प्रकाशन के लिए आईजीएनसीए को मुक्तकंठ से धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिनेमाप्रेमियों और छात्रों, दोनों के लिए इसका महत्त्व है और यह एनसायक्लोपीडिया एक अमूल्य संसाधन साबित होगा।

पुस्तक मेले के समापन पर एनबीटी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, नौ दिवसीय नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में इस बार 700 से अधिक साहित्यिक और रचनात्मक कार्यक्रम हुए।

नई दिल्ली राइट्स टेबल 2024 (एनडीआरटी) के 10वें संस्करण का आयोजन भी इस मेले के दौरान हुआ, जिसमें ‘बी2बी प्लेटफॉर्म’ के जरिये प्रकाशकों को विचारों के आदान-प्रदान, कॉपीराइट पर विचार-विमर्श और अपनी प्रकाशन सामग्री के अधिकार को हस्तांतरित करने का अवसर दिया गया।

विज्ञप्ति के अनुसार, 10वें संस्करण की बैठक में अंग्रेजी, हिंदी सहित सभी भारतीय और विदेशी भाषाओं की पुस्तकों के 60 से अधिक प्रकाशक शामिल थे। ‘सीईओ स्पीक’ में बहुभाषी परिदृश्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के एकीकरण पर विशेष जोर दिया गया।

नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया की ओर से एक तरफ जहां ‘बुक्स फॉर ऑल’ अभियान के तहत यूडीआईडी धारक दिव्यांग बच्चों को ब्रेल पुस्तकें वितरित करने की पहल दिखी, वहीं विभिन्न सरकारी संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठनों की ओर से किए गए सामाजिक जागरूकता अभियान भी विश्व पुस्तक मेले का हिस्सा बने।

मेले के आखिरी दिन साहित्यकार राम दरश मिश्र, पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार और साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, सुप्रसिद्ध साहित्यकार माधव कौशिक, लेखक अशोक वाजपेयी, लेखक ओम निश्चल, कवयित्री सविता सिंह, तुबिंगन विश्वविद्यालय, जर्मनी के प्राध्यापक दिव्यराज अमिय और उपन्यासकार प्रियंवद समेत सैकड़ों लेखकों और विचारकों ने मेले में शिरकत की।

 

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