जब जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, तब -तब भगवान किसी न किसी रूप में जन्म लेते हैं
श्रीनारद मीडिया, रिजवान उर्फ राजू, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
जब जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ा है, तब तब भगवान किसी न किसी रूप में जन्म लेते हैं और अधर्मियों का नाश किए हैं l अधर्म और पाप भगवान के शत्रु हैं l उनका अत्याचार भगवान से सहन नहीं होता और उनका नाश निश्चित होता है l उक्त बातें सिधवलिया प्रखंड के बुचेया गांव स्थित रामजानकी मन्दिर के प्रांगण में आयोजित दुर्गा पूजन सह श्रीराम कथा ज्ञान महायज्ञ में कथावाचिका सुश्री तन्नू तिवारी ने कहीं l उन्होंने कहा कि श्री राम बचपन से ही अधर्म और पाप का नाश करते आए l
तारका जैसे राक्षसों का वध किया l अहिल्या तरण जैसे अन्य लोगों का उद्धार किया l पृथ्वी पर लंकेश्वर सहित पूरे राक्षसी सेना का विध्वंस किया l प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने केवल अधर्म और पाप का नाश नहीं किया , उन्होंने मानवता, व्यक्तित्व, सभ्यता-संस्कृति, भाई, मां, पिता, गुरु के साथ प्रेम भाव को भी अपने कर्तव्यों से दर्शाया l
जिसके कारण श्रीराम मनुष्य होकर भी भगवान हो गए l उन्होंने पृथ्वी वासियों को मर्यादा का पाठ अपने कर्तव्यों से पढ़ाया जिसके कारण श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहलाने लगे l प्रवचन के दौरान राजद विधायक प्रेमशंकर प्रसाद यादव और पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया l मौके पर, अंगद पांडेय, विक्रमा प्रसाद, भिखर यादव, छोटेलाल यादव, मुकेश यादव, अजीत पांडेय सहित अन्य भक्त शामिल थे l
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