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बिहार शराब कांड में हम कहाँ हुए फेल-पूर्व डीजीपी एस के सिंघल - श्रीनारद मीडिया

बिहार शराब कांड में हम कहाँ हुए फेल-पूर्व डीजीपी एस के सिंघल

बिहार शराब कांड में हम कहाँ हुए फेल-पूर्व डीजीपी एस के सिंघल

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में शराब से मौत  से मचे कोहराम के बीच ही सूबे के डीजीपी बदल गये. कार्यकाल खत्म होने के बाद एसके सिंघल (SK Singhal) ने नये डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी को अपना प्रभार सौंपा. इस दौरान एसके सिंघल ने शराबबंदी और शराब से जुड़े मामलों को लेकर बड़ा बयान दिया. जहरीली शराब से हुई मौत की घटना में पुलिस कहां विफल रही. ये खुलकर एसके सिंघल ने बताया.

पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हुआ- एसके सिंघल

सारण में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना पर एसके सिंघल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने माना है कि यहां पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस इंटेलीजेंस फेल होने की जो बात कही जा रही है वह सही है लेकिन अभी तक की जांच में यह साफ है कि थाने से स्पिरिट की चोरी नहीं हुई है और ना ही थाने से स्पिरिट बेचा गया है.

चौकीदार को लेकर बोले डीजीपी

एस के सिंघल ने कहा कि कोई अगर बाहर से शराब लाकर रख दे और उस गांव-परिवार के लोग चौकीदार को खबर नहीं करेंगे तो बात बढ़ जाती है. हालाकि बात जब चौकीदार की आती है तो सवाल यह भी उठता है कि आखिर सारण में ही शराब पीकर पड़ोसी जिले सिवान में एक चौकीदार की मौत हो जाती है. फिर आखिर चौकीदार को लेकर कितना आश्वस्त हुआ जाए कि शराबबंदी को सफल बनाने में वो बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से बने डीजीपी- एसके सिंघल

बता दें कि एसके सिंघल सोमवार को पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे. वहीं नये डीजीपी आरएस भट्टी सोमवार को ही शाम 7 बजे के करीब कोलकाता से पटना पहुंचे और नये डीजीपी के रूप में पदभार ग्रहण किया. वहीं एसके सिंघल ने पदमुक्त होने से पहले कहा कि दो साल के कार्यकाल में मैने अपना रोल निभाया. अब कुछ याद नहीं रखना चाहता हूं. उन्होंने अपनी उपलब्धियां भी गिनाई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा और अदृश्य शक्ति ने मुझे डीजीपी बनकर काम करने का मौका दिया.

क्या बिहार में शराबबंदी फेल हो चुकी है? क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वादों की उन्हीं के सिस्टम ने धज्जियां उड़ाकर रख दी हैं? ये सवाल यूं ही नहीं उठे हैं, बेतिया में 5 महीने में दूसरे शराबकांड, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज में भी 13 लोगों की मौत के बाद इन सुलगते सवाल से बिहार सरकार घिर गई है।

बेतिया में 5 महीने में दूसरा जहरीली शराब कांड
जुलाई 2021 में बेतिया में जहरीली शराब का साल का पहला कहर बरपा था।तब लौरिया थाना क्षेत्र के देवरवा देवराज गांव में 16 लोगों की जहरीली शराब ने जान ले ली थी। उसी वक्त पैक्स प्रमुख और तेलपुर के पूर्व मुखिया मोहम्मद जावेद ने मरने वाले 16 लोगों की लिस्ट होने का दावा किया था। उन्होंने मृतकों के नाम तक साझा किए थे।

मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब का तांडव
28 अक्टूबर 2021 को ही मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब ने तांडव किया। पूरा मामला तब सामने आया जब 8 लोगों की मौत हो गई। ये घटना मुजफ्फरपुर के सरैया थाना इलाके के रूपौली और विशहर पट्टी गांव में हुई थी।

चार साल पहले भी गोपालगंज में हुआ था बड़ा कांड
चार साल पहले गोपालगंज के ही नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड में कुल 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 06 लोग अंधे हो गए थे। इस शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी , रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया था। इस मामले में नामजद एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी। 2021 में सिर्फ 13 नामजद अभियुक्त जिन्दा बचे और गोपालगंज एडीजे दो की कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को खजुरबानी कांड में दोषी करार दिया।

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