बिहार में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद कहाँ होगी पदस्थापना ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार 2 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बाटेंगे. जिसके बाद शिक्षकों को पोस्टिंग दी जाएगी. ऐसे में शिक्षकों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि उन्हें की जिले में कौन सा स्कूल मिलेगा. जानकारी के अनुसार बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों की नियुक्तियां सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र के उन स्कूलों में की जाएगी, जहां एक भी शिक्षक नहीं है. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है.
ऐसे होगा स्कूल का आवंटन
गुरुवार को सीएम नवचयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने वाले हैं. वहीं शिक्षा विभाग भी शिक्षकों की पोस्टिंग को लेकर अपनी कार्य योजना को अंतिम रूप देने में लगा है. शिक्षा विभाग की रणनीति है कि जिन स्कूलों में सबसे अधिक रिक्तियां हैं, शिक्षकों से सबसे पहले वहां योगदान दिलाया जाए. स्कूलों में रिक्त पदों को भरने की कवायद सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों के दूर दराज के गांवों / पंचायतों के स्कूलों से शुरू की जायेगी. विभाग की पूरी तैयारी है कि शहरी क्षेत्रों को स्कूलों को पहले चरण की नियुक्ति प्रोसेस से बाहर रखा जाए. शिक्षा विभाग ने इसके लिए राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की सूची मांगी है,
ग्रामीण क्षेत्रों में होगी नियुक्ति
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहरी इलाकों के स्कूलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा पर शिक्षक दिए जाने का फैसला लिया जाएगा. इससे साफ है कि जिस स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक और शिक्षकों की संख्या कम है, उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी.
इसी हिसाब से अध्यापकों की नियुक्ति के लिए तैयार सॉफ्टवेयर में अध्यापकों, स्कूलों और बच्चों के जरूरी आंकड़े फीड किए जा रहे हैं. दो नवंबर के बाद ही शिक्षकों के स्कूल आवंटन के संदर्भ में जरूरी कदम उठाये जायेंगे. हालांकि पूरी तरह स्कूल आवंटन की प्रक्रिया अगले दो-ढाई महीने तक चल सकती है, क्योंकि आवासीय प्रशिक्षण लंबा खिंचेगा. हालांकि यह साफ कर दिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों की नियुक्तियां पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में ही की जायेंगी.
नियुक्ति के लिए क्राइटेरिया किया जा रहा तैयार
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सॉफ्टवेयर के जरिये जरूरी हुआ तो 31 अक्टूबर तक आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 23 हजार विद्यालय अध्यापकों को स्कूलों में पदस्थ किया जा सकता है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक निर्णय नवंबर के प्रथम सप्ताह में ही लिया जायेगा. फिलहाल विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के लिए क्राइटेरिया निर्धारित करने की माथा-पच्ची चल रही है. विभागीय जानकार बताते हैं कि सबसे पहले उन स्कूलों में अध्यापकों को भेजा जायेगा, जहां अभी एक भी शिक्षक नहीं है.
नियुक्ति में नहीं होगी अधिकारियों की भूमिका
जानकारी के मुताबिक सॉफ्टवेयर में शिक्षकों के नाम, स्कूलों के नाम, सब्जेक्ट वाइज़ पोस्ट भी फीड किये जा रहे हैं. सॉफ्टवेयर के जरिए ही शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे. किस शिक्षक को कौन सा स्कूल मिलेगा, इसमें अधिकारियों की भूमिका नहीं होगी. ऐसे में जिस स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं हैं, सॉफ्टवेयर से वहां सबसे पहले शिक्षकों की पोस्टिंग करेगा.
बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से चयनित 1,20,336 विद्यालय प्राध्यापकों में से 1,10,000 शिक्षकों को ही औपबंधिक (प्रोविजनल) नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे. इसके बाद शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग शुरू की जायेगी. यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों को दी है. उन्होंने जिला पदाधिकारियों को बताया है कि कई महीने तक आपके जिले में स्थित संस्थानों में आवासीय प्रशिक्षण चलता रहेगा. अपर मुख्य सचिव पाठक ने जिला पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि इंडक्शन ट्रेनिंग की मॉनीटरिंग करें और जिले के वरीय पदाधकारियों से ट्रेनिंग सेंटर्स का निरीक्षण भी कराएं.
केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों को दिया निर्देश
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों से कहा है कि आप लोग स्वयं, विकास आयुक्त अथवा अनुमंडलीय पदाधिकारियों को प्रशिक्षण संस्थाओं का निरीक्षण कराएं. उन्होंने कहा है कि पता लगायें कि जिन विद्यालय अध्यापकों की जो संख्या बतायी जा रही है, उस अनुसार विद्यालय अध्यापक प्रशिक्षण संस्थान में उपस्थित हो रहे हैं या नहीं. कितने विद्यालय अध्यापक प्रशिक्षण से गायब हैं? इन शैक्षणिक संस्थानों के टीचिंग फैकल्टी आ रही है या नहीं? वरीय पदाधिकारियों को चाहिए कि वह विद्यालय अध्यापकों को शैक्षणिक व्यवस्था के बारे में संबोधित करें.
77 संस्थानों में होगा प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव के के पाठक की तरफ से जारी पत्र में बताया गया है कि चार नवंबर से 77 प्रशिक्षण संस्थानों एससीइआरटी /डीआइइटी / सीटीइ/ पीटीसीइ में प्रारंभ की जायेगी. वर्तमान में अभी 23 हजार विद्यालय अध्यापकों की पूर्णतया आवासीय प्रशिक्षण चल रहा है.
एक लाख दस हजार शिक्षक दे चुके हैं योगदान
दरअसल शिक्षा विभाग की मंशा है कि चयनित विद्यालय अध्यापकों का आवासीय प्रशिक्षण गंभीरता से कराया जाये. इसके लिए जरूरी है कि चयनित प्रशिक्षणार्थी अध्यापक और प्रशिक्षण देने वाले अध्यापकों पर निगरानी रखी जाये. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एक लाख दस हजार विद्यालय अध्यापक काउंसिलिंग के बाद जिलों में अपना योगदान दे चुके हैं.