दो साल बाद यानी 2027 में अगला कुंभ कहाँ लगेगा?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कहां होगा अगला महाकुंभ?
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इन चार स्थानों पर होता है कुंभ
भारत में चार शहरों में कुंभ मेले का आयोजन होता है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, उत्तराखंड के हरिद्वार, महाराष्ट्र के नासिक और मध्य प्रदेश के उज्जैन में कुंभ होता है। हर तीन साल में इनमें से किसी भी स्थान पर एक कुंभ मेला पड़ता है। 12 साल में आयोजित होने वाला मेला पूर्ण कुंभ कहलाता है। छह साल में अर्ध कुंभ होता है। महाकुंभ 144 साल बाद होता है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 144 साल बाद पड़ा है।

ये हैं अगले कुंभ मेले
- हरिद्वार में 2021 में लगा था पूर्ण कुंभ। अब 2033 में लगेगा अगला पूर्ण कुंभ।
- नासिक में पिछला सिंहस्थ कुंभ मेला 2015-16 में आयोजित किया गया था। अब 2027 में आयोजित होगा।
- उज्जैन में 2028 में कुंभ मेला लगेगा। यहां आखिरी कुंभ मेला 2016 में लगा था।
कहां-किस नदी के तट पर होता है महाकुंभ
नासिक कुंभ मेला गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होता है। हरिद्वार में गंगा और उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे कुंभ मेला लगता है। प्रयागराज में गंगा-यमुना और अदृश्य नदी सरस्वती के संगम पर कुंभ का भव्य आयोजन किया जाता है। कुंभ मेले की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि करोड़ों श्रद्धालु बिना किसी निमंत्रण के इस भव्य एवं दिव्य मेले का हिस्सा बनते हैं।
2027 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ
2027 में उत्तराखंड के हरिद्वार में अर्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। उत्तराखंड की सरकार ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि 2027 में उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन किया जाएगा। हम संतों, साधुओं और धार्मिक संगठनों के लोगों के साथ चर्चा करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि कुंभ में सर्वोत्तम व्यवस्थाएं हों और लोगों को इसका लाभ मिले।
कुंभ मेला के अखाड़े
कुंभ मेलों में अखाड़ों का सबसे खास महत्व है। विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत विशाल जूलुस में अमृत स्नान करते हैं। अखाड़ों की भव्यता देखने देश-दुनिया से लोग आते हैं। बता दें कि अखाड़ों की स्थापना आदि शंकराचार्य ने किया था। इसके पीछे का उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा करना था। पहले सिर्फ चार अखाड़े थे। मगर बाद में इनकी संख्या 13 हो गई। इनमें से सात अखाड़े भगवान शिव की आराधना करते हैं। बाद में किन्नर अखाड़ा की भी स्थापना हुई।
वैष्णव संप्रदाय के अखाड़े
- निर्वाणी अनी अखाड़ा
- निर्मोही अखाड़ा
- दिगंबर अखाड़ा
शैव संन्यासी संप्रदाय के अखाड़े
- जूना अखाड़ा
- अग्नि अखाड़ा
- आवाहन अखाड़ा
- महानिर्वाणी अखाड़ा
- निरंजनी अखाड़ा
- आनंद अखाड़ा पंचायती
- श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा
उदासीन संप्रदाय के अखाड़े
- बड़ा उदासीन अखाड़ा
- नया उदासीन अखाड़ा
- निर्मल अखाड़ा
रेलवे ने चलाई 17 हजार से ज्यादा ट्रेनें
भारतीय रेलवे ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में कुल 17,152 ट्रेनें चलाईं। पिछले कुंभ की तुलना में यह संख्या चार गुना अधिक है। इसमें 7,667 विशेष और 9,485 नियमित ट्रेनें शामिल थीं। रेलवे के मुताबिक प्रयागराज के 9 रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की। रेलवे ने ड्रोन और 1186 सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार अब दमकल की गाड़ियों से प्रदेश के सभी जिलों में महाकुंभ का जल पहुंचाएगी।
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