भारतीय कहीं भी रहे, उनका दिल भारत के लिए धड़कता है: PM मोदी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस दौरे के पहले दिन पेरिस में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया।उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ऑर्डर में भारत खास रोल निभा रहा है। हर चुनौती से निपटने में भारत का अनुभव और प्रयास दुनिया के लिए मददगार साबित हो रहा है।

डेलीगेशन लेवल की बातचीत हुई…
इससे पहले पेरिस के जिस होटल में मोदी ठहरे हैं, उसके बाहर भारतीय मूल के लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाकर उनका स्वागत किया। इससे पहले शाम करीब 4 बजे फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने मोदी को एयरपोर्ट पर रिसीव किया। यहां रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया गया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

इसके बाद मोदी ने सीनेट के चेयरमैन गेरार्ड लार्शर से मुलाकात की। सीनेट चेयरमैन के साथ मीटिंग के बाद भारत और फ्रांस के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। इसमें भारत की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस की तरफ से PM एलिजाबेथ बोर्ने भी शामिल हुईं।

17वीं सदी में शुरू हुए भारत-फ्रांस ट्रेड रिलेशंस​​​​​​भारत और फ्रांस के बीच 17वीं सदी से ट्रेड रिलेशंस हैं। दोनों देशों में 10.7 अरब यूरो (97 हजार करोड़) का बाइलैट्रल ट्रेड है। भारत में 1 हजार से ज्यादा फ्रेंच कंपनियों का कुल कारोबार 20 अरब अमेरिकी डॉलर (164 हजार करोड़) है। इसके अलावा, 210 भारतीय कंपनियां 1 बिलियन यूरो के निवेश स्टॉक के साथ फ्रांस में काम कर रही हैं।

फ्रांस भारत में निवेश करने वाला 11वां सबसे बड़ा देश है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2022 के बीच फ्रांस का भारत में 10,389 मिलियन अमेरिकी डॉलर (85.6 करोड़ रुपए) का FDI स्टॉक था।

फ्रांस में 2025 तक 20 हजार भारतीय छात्रों को बुलाने का लक्ष्य
पढ़ाई के लिहाज से भी यूरोप जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस बड़ा डेस्टिनेशन बनने जा रहा है। फ्रांस ने 2025 तक हर साल 20 हजार भारतीय छात्रों को अपने यहां पढ़ाई के लिए आमंत्रित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। फ्रांस के विदेश मंत्री कैथरीन कोलोन्ना ने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान फ्रांस आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आई थी।

फ्रांस में 2021-22 के सत्र के दौरान भारतीय छात्रों की संख्या 6 हजार थी। फ्रांस की सरकार ने भारत के 12 शहरों में ‘कैंपस फ्रांस’ के जरिए काउंसलिंग को बढ़ाया है। भारत से फ्रांस जाने वाले 70% भारतीय छात्र मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए जाते हैं। दूसरे नंबर पर लगभग 11% स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं। शेष 19% ह्यूमैनिटीज, फैशन डिजाइनिंग और टूरिज्म कोर्स के लिए जाते हैं।

  • मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे आपसे मिलने का अवसर मिला. आज रात यहां आने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं.
  • कुछ तो 10-12 घंटे से भी ज्यादा का सफर करके यहां आए हैं. हमें प्यार का और क्या सबूत चाहिए?
  • हम भारतीय जहां भी जाते हैं, मिनी इंडिया का निर्माण करते हैं.
  • आपके द्वारा भारत-फ्रांस साझेदारी को मजबूत किया जा रहा है.
  • क्लाइमेट चेंज से लड़ना, ग्लोबल सप्लाई चेंज को बैलेंस करना, आतंकवाद से लड़ना… इनमें भारत का अनुभव दुनिया के लिए उपयोगी है.
  • फ्रांस के फुटबॉल खिलाड़ी किलियन एम्बाप्पे को शायद फ्रांस के मुकाबले पूरे भारत में अधिक लोग जानते हैं.
  • भारतीय कहीं भी रहे, उनका दिल भारत के लिए धड़कता है.
  • आप भारत में निवेश करिए. इसके विकास का भागीदार बनिए.
  • नमस्ते फ्रांस फेस्टिवल होता है तो भारत में लोग बोन्सू इंडिया का आनंद उठाते हैं.
  • भारत कहता है कि हम एक साथ चलें, एकसाथ बोलें, हमारे मन एक साथ हों.

रूस से हथियारों की खरीद आधी, फ्रांस से 10 गुना बढ़ी
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदार है। वैसे तो रूस भारत का सबसे बड़ा डिफेंस पार्टनर है और भारत अपने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत ने फ्रांस से जमकर हथियार खरीदे हैं।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-2021 के दौरान रूस के बाद फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा। 2016-2020 के दौरान भारत की फ्रांस से हथियारों की खरीद में 709% की बढ़ोतरी हुई। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2017-2021 के दौरान भारत की रूस से हथियार सप्लाई में 47% तक की गिरावट आई, जबकि इस दौरान भारत की फ्रांस से हथियार खरीद में 10 गुना बढ़ोतरी हुई।

फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के मुतबिक भारत फ्रांस से 17.65 हजार करोड़ रुपए में एयरक्राफ्ट, स्पेसक्राफ्ट और इनके पार्ट्स को इम्पोर्ट करता है। इसके अलावा हम 6 हजार करोड़ में परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और कई मेकिनिकल अप्लायंस के साथ इनके पार्ट्स को भी फ्रांस से इम्पोर्ट करते हैं।

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