शारदीय नवरात्रि में किस दिन मां का है पंसदीदा भोग, लगाएं भोग होगी मनोकामना पूरी
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :
03 अक्टूबर 2024, गुरुवार से माता के शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया हैं। अतः आप प्रत्येक नवरात्र पर निम्न वस्तुओं का भोग लगा सकते हैं जिससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी :
माता के पसंदीदा भोग-:
1- मां शैलपुत्री- “घी”
मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन देवी मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।
यदि आप ज्योत या हवन करते हैं तो उसमें शुद्ध घी की आहूति दें।
2- मां ब्रह्मचारिणी- “मिश्री”
नवरात्रि के दूसरे दिन मां को “मिश्री” का भोग लगाये हैं. इस दिन माता को मिश्री, और पंचामृत का भी भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन इन खास चीजों का दान करने से आयु लंबी होती है।
3- मां चंद्रघंटा- “खीर”
मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां को खीर व दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं।
मां चंद्रघंटा खुश होती हैं और व्यक्ति के सभी दुखों का नाश करती हैं।।
4- मां कुष्मांडा- “मालपुआ”
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां का थोड़ा सा प्रसाद गाय को भी खिलाएं।
5- मां स्कंदमाता- “केला”
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता देवी की पूजा की जाती है। इस दिन मां को केले का भोग लगाया जाता है। मां के थोड़े से प्रसाद में कुछ केले गाय व नंदी को भी खिलाएं। यह प्रसाद छोटे बच्चों में भी बांटें।ऐसा करने से सद्बुद्धि आती है।।
6- मां कात्यायनी- “शहद”
छठे दिन देवी कात्यायनी को शहद का भोग लगाते हैं. इस दिन प्रसाद में शहद का प्रयोग करने से साधक को सुंदर रूप की प्राप्ति होती है।।
7- मां कालरात्रि- “गुड़”
नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि देवी की पूजा की जाती है. इस दिन माता को गुड़ का भोग लगाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवती को गुड़ का भोग लगाने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।।
8- मां महागौरी- “नारियल”
इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है।इस माता को नारियल का भोग लगाया जाता है।मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूरी होगी।।
9- मां सिद्धिदात्री- “तिल” नवरात्र के अंतिम दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। इस दिन मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे छोटे बच्चों, देवी स्वरूपा कन्याओं को प्रसाद खिलाएं और उन्हें दक्षिणा दें। ऐसा करने से जीवन में हर प्रकार की सुख-शांति मिलती है।।
मां के नौ स्वरूपों का उनका पसंदीदा भोग लगाएं और प्रसाद छोटे बच्चों व बुजुर्गों को भी दे और उसके उपरांत स्वयं ग्रहण करे.
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