दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होने वाला है?

दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होने वाला है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे हैरान करने वाले आए हैं। दिल्ली में कमल का कमाल ऐसा दिखा कि इसने झाड़ू के तिनके को बिखेड़ कर रख दिया। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज सरीखे नेता को भी जनता ने विधानसभा से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस का तो नामोनिशां इस बार भी नहीं दिख रहा। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर बीजेपी ने इस बार भी इतनी बड़ी जीत कैसे पा ली? दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी करो या मरो के मूड से मैदान में उतरी थी।

उसके हाथ से सत्ता गए 27 साल हो गए थे। 2014 से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बीजेपी की सरकार धमाकेदार तरीके से चल रही है। लेकिन दिल्ली में 90 के दशक में सत्ता में आने के बाद से ऐसे बाहर हुई कि ढाई दशक तक अपना सीएम बनाने का ख्वाब हकीकत में नहीं तब्दील हो सका। लेकिन इस बार दिल्ली में बीजेपी ने पूरा दम लगाया। दिल्ली में पिछली दफा आखिरी बार बीजेपी की तरफ से 1998 सुषमा स्वराज ने दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली थी। अब बीजेपी की तरफ से 27 साल का वनवास खत्म  कर मुख्यमंत्री कौन होगा इसकी चर्चा भी तेज हो चली है। क्या अमित शाह प्रवेश वर्मा को आगे करेंगे या किसी अन्य नेता की लॉटरी लग सकती है। कुल मिलाकर कहे तो दिल्ली की सीएम की कुर्सी पर मोदी-शाह का फैसला क्या होगा?

केजरीवाल की हार के चर्चे

दिल्ली को अभी पूर्ण राज्य का दर्जा भी नहीं मिला है। दूसरे विधानसभा सीटों के मुकाबले  देश की राजधानी के चुनाव परिणाों को लेकर आम लोगों की दिलचस्पी को नेशनल मीडिया में मिल रही कवरेज से आंका जा सकता है। ये दिलचस्पी दिल्ली के नेशनल कैपिटल होने की वजह से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की वजह से भी है।

अरविंद केजरीवाल ने देश में नई तरह की राजनीति की शुरुआत की। सरकारें आम जनता के फायदे के लिए बहुत पहले से काम करती नजर आ रही हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल की जनता को सीधे फायदा पहुंचाने वाली मुफ्त की घोषणाओं ने उन्हें दिल्ली और पंजाब में मशहूर कर दिया। एक तरह से वो हीरो बन गए। लेकिन इस बार बीजेपी की हार से ज्यादा केजीरावल के हार के चर्चे हैं। इसके साथ ही वो जिस तरह से पीएम मोदी और बीजेपी पर हार्ड हिटिंग करते हैं उससे देश में काफी लोग ये मानने लगे कि मोदी का मुकाबला वही कर सकते हैं।

बीजेपी जीती तो कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री

बीजेपी में यूं तो विधायक दल ही अपना नेता चुनता है। लेकिन आज की तारीख में माना जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की हामी बहुत मायने रखती है। इसके साथ साथ लोकसभा चुनावों के बाद माहौल में आरएसएस की सहमति की भी अपेक्षा की जा सकती है। दिल्ली बीजेपी के सूत्रों की माने तो पार्टी के अंदर तीन से चार नामों की जानकारी सामने आ रही है। बीजेपी के सीएम दावेदारों में सबसे पहले मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम आ रहा है। उसके बाद आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए कैलाश गहलोत का नाम भी सामने आ रहा है। तीसरे नाम के तौर पर निर्वतमान विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता विजेंद्र गुप्ता का नाम भी सुनाई पड़ रहा है।

बीजेपी के सबसे बड़े सिख नेता

दिल्ली के रजौरी गार्डन से विधानसभा चुनाव में उतरने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा केंद्र शासित प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े सिख चेहरे हैं। रजौरी गार्डन में उनका मुकाबला  आम आदमी पार्टी से धनवती चंदेला और कांग्रेस के धर्मपाल चंदेला से हुई। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के धनवती चंदेला ने 62,212 वोट पाकर जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर बीजेपी के रमेश खन्ना रहे थे। 2013 में सिरसा इसी सीट से शिरोमणि अकाली दल से चुनाव जीते थे। तब शिअद एनडीए का हिस्सा थी। इस सीट पर 2017 में उपचुनाव हुए थे। दरअसल, इस सीट से आम आदमी पार्टी के तत्कालीन विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफा देने की वजह से उप चुनाव हुए थे।

10 सालों से लगातार केजरीवाल और आप के खिलाफ अटैकिंग मोड में रहने वाले नेता 

रोहिणी से चुनाव मैदान में उतरने वाले विजेंद्र गुप्ता बीजेपी के मौजूदा विधायक भी रहे हैं। गुप्ता रोहिणी से ही पहले भी लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। इस बार उनका मुकाबला आप के निगम पार्षद प्रदीप मित्तल और कांग्रेस के सुमेश गुप्ता से हुआ। इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल खुद को बनिया बताते हुए वैश्य समाज का वोट पाने की कोशिश करते देखे गए। गुप्ता दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी हैं। वो बीजेपी के दिल्ली के बड़े चेहरे माने जाते हैं। पिछले 10 सालों से लगातार केजरीवाल औऱ आप के खिलाफ पार्टी के धाकड़ नेता की भूमिका निभा रहे हैं। इनका पार्टी कैडर भी काफी मजबूत है और उस पर पकड़ भी है। संगठन में गुप्ता की स्थिति मजबूत मानी जाती है।

हालांकि प्रवेश वर्मा के बारे में इस बात की चर्चा है कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को चुनाव में हरा देने के बाद उन्होंने अपनी दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत कर ली है। नई दिल्ली सीट पर जीत के बाद उनके गृह मंत्री अमित शाह संग मुलाकात की भी खबर सामने आई है। प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और बीजेपी की तरफ से एक  बड़ा जाट चेहरा भी हैं। ये वो नाम है जिनकी चर्चा तेज है। लेकिन बीजेपी हर बार सीएम के नामों को लेकर चौंकाती रही है। ऐसे में क्या इस बार भी दिल्ली में ऐसा ही हो सकता है। सीएम फेस को लेकर मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान तक में बीजेपी ने हमेशा चौंकाया है। यानी बीजेपी की रणनीति मुख्यमंत्रियों को लेकर ऐसी रही है जिससे राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान रह गए।

Leave a Reply

error: Content is protected !!