कौन है IPS भारती अरोड़ा,जो कृष्ण भक्ति में नौकरी छोड़ने वाली है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हरियाणा कैडर की 1998 बैच की आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा (IPS Officer Bharti Arora) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. गुरुवार को ही भारती अरोड़ा के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन पर हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने मंजूरी दी है. भारती अरोड़ा अब अपना शेष जीवन श्रीकृष्ण भक्ति में गुजारेंगी. अरोड़ा इस वक्त अंबाला रेंज की आईजी के पद पर तैनात हैं. 1 दिसंबर 2021 के बाद वह पद पर नहीं रहेंगी. भारती अरोड़ा के पति विकास अरोड़ा भी हरियाणा कैडर के 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस वक्त फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त हैं.
IPS की नौकरी छोड़कर कृष्ण भक्ति की राह पर चलने वाली भारती अरोड़ा अपनी जमात की पहली अधिकारी नहीं हैं. उनसे पहले भी कई आईपीएस अधिकारी भक्ति के मार्ग पर चलकर चर्चित हुए हैं. बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अफसर रहे किशोर कुणाल हों या यूपी के डीजीपी रहे डीके पांडा या फिर बिहार के ही गुप्तेश्वर पांडे जैसे आईपीएस अधिकारियों ने देश की प्रतिष्ठित पुलिस सेवा को छोड़कर आध्यात्म की राह चुनी है.
महावीर भक्त किशोर कुणाल
बात सबसे पहले करेंगे उस आईपीएस अधिकारी की जिसकी ईमानदारी के डर से बिहार की सरकार हिल गई थी. कई चर्चित घोटालों और अपनी दबंगता का लोहा मनमाने के बाद गुजरात के कैडर के आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल भगवान की भक्ति के सामने हर गए. गुजरात से बिहार में कैडर ट्रांसफर के बाद वह काफी चर्चित हुए, लेकिन हनुमान भक्ति में पद का त्याग कर दिया. बाद में वह किशोर कुणाल से आचार्य किशोर कुणाल हो गए.
कुणाल की संस्कृत भाषा पर भी जबरदस्त पकड़ है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद में इन्होंने कोर्ट में सरयू नदी और राम के वर्चस्व को लेकर महत्वपूर्ण शोध किया, जो बाद में फैसले में अहम रोल अदा किया. किशोर कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. साथ ही वे पटना के महावीर मन्दिर न्यास के सचिव भी हैं. इसके साथ ही पटना के ज्ञान निकेतन नामक प्रसिद्ध विद्यालय के संस्थापक भी हैं.
किशोर कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.
किशोर कुणाल हनुमान तो डीके पांडा बने ‘मीरा’
अब बात करते हैं 1971 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी डीके पांडा की, जिन्होंने ये कहते हुए अपना पद त्याग दिया था कि उनके सपने में श्रीकृष्ण ने आकर कहा कि तुमा पांडा नहीं, मेरी राधा हो. देवेंद्र किशोर पांडा ने जिस समय पद का त्याग किया था उस समय वह आईजी के पद पर तैनात थे. पांडा साल 2005 में सुर्खियों में आए. पांडा ने तब कहा कि वह 1991 में उसी समय राधा बन गए जब उनके सपने में श्रीकृष्ण ने आ कर कहा कि तुम मेरी राधा हो मेरी प्रेमिका हो.
1991 से साल 2005 तक पांडा चोरी-छुपे राधा बनते रहे. साल 2005 में वह तब सुर्खियों में आए जब वह किसी नई दुल्हन की तरह श्रृंगार करने लगे. मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदी, कानों में बालियां, हाथ में चूड़ियां और मस्तक पर टीका, नाक में नथुनी, पीला सलवार कुर्ता और पैरों में घुंघरू पहन कर ऑफिस पहुंचने लगे. साथ ही हर पल कृष्ण-कृष्ण कहते थे. पांडा प्रयागराज के रहने वाले थे. राधा बनने के चक्कर में वह पद का त्याग कर दिया.
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी अब कृष्ण भक्ति की राह पर
बिहार के पूर्व डीजीपी और आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय ने वैसे तो नौकरी चुनाव लड़ने के लिए छोड़ी थी, लेकिन बाद में वह श्रीकृष्ण भक्ति में ऐसे लीन हुए कि अब पूरे देश में घूम-घूम कर श्रीकृ्ष्ण भक्ति पर प्रवचन दे रहे हैं. पिछले साल सुशांत सिंह राजपूत की मौत के समय गुप्तेश्वर पांडेय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ डीजीपी के पद पर रहते ही मोर्चा खोल दिया था. बाद में वह बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए रिटायरमेंट से कुछ महीना पहले ही वीआरएस ले लिया था. पांडेय ने जेडीयू की सदस्यता भी ग्रहण कर ली था, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद उनका राजनीति से मोह भंग हो गया. अब पांडेय श्रीकृष्ण भक्ति में ऐसे लीन हो गए हैं कि उन्होंने देश में ही नहीं विदेशों में भी ऑनलाइन प्रवचन देना शुरू कर दिया है.
वीआरएस मिलने पर खुशी जताते हुए IG भारती अरोड़ा ने कहा कि अब वह बाकी जिंदगी कृष्ण भक्ति में गुजारेंगी.
भारती अरोड़ा भी अब बनने जा रही हैं कृष्ण की ‘मीरा’
अब हरियाणा कैडर की आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा ने भी कहा है कि वह वीआरएस श्रीकृष्ण की भक्ति में लीने होने के लिए लिया है. भारती बीते 10 साल से वीआरएस लेने का मन बना रही थी. अरोड़ा सही वक्त का इंतजार कर रही थी. इस बार भारती ने दूसरी बार वीआरएस के लिए आवेदन किया था. पहले वह जुलाई में डीजीपी को पत्र लिख कर वीआरएस लेने की मांग की थी, तब हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भारती के फाइल पर टिप्पणी लिख कर सीएम खट्टर को भेजा था. विज ने लिखा फाइल में लिखा था कि वह (भारती) एक काबिल और ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.
बता दें कि अनिल विज को 2009 में सड़क अवरुद्ध करने के मामले में अपने 6 सहयोगियों के साथ एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा था. भारती उस समय अंबाला की एसपी थीं. साल 2015 में गुरुग्राम की संयुक्त पुलिस आयुक्त रहते भारती अरोड़ा का तत्कालीन पुलिस आयुक्त नवदीप विर्क के साथ विवाद भी हुआ था.
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