कौन हैं जया वर्मा सिन्हा, जो बनेंगी रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन,कैसे?

कौन हैं जया वर्मा सिन्हा, जो बनेंगी रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

रेलवे बोर्ड को अपनी पहली महिला सीईओ और अध्यक्ष मिल गई है। सरकार ने जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति की है। जया हाल ही में उस समय चर्चा में आई थी, जब बालासोर दुर्घटना के बाद रेलवे की प्रेस कॉन्फ्रेंस को वो संबोधित करती थीं। बालासोर दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नलिंग प्रणाली के बारे में जया ने ही बताया था, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए थे।

31 अगस्त 2024 तक कार्यकाल

कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने जया वर्मा सिन्हा को भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस), सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास), रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जया 1 सितंबर या उसके बाद से कार्यभार संभालेंगी और उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक होगा।सिन्हा 1 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाली हैं, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें उसी दिन फिर नियुक्त किया जाएगा। जया अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेने वाली हैं।

जया वर्मा सिन्हा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ीं हैं। सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुई थीं और उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे ई और पूर्वी रेलवे में काम कर चुकी हैं।

मैत्री एक्सप्रेस के उद्घाटन में अहम रोल

सिन्हा ने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया। बांग्लादेश में जया के कार्यकाल के दौरान ही कोलकाता से ढाका तक मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन हुआ था। उन्होंने पूर्वी रेलवे, सियालदह डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया।

जया वर्मा सिन्हा पिछले 35 साल से रेलवे में कार्यरत हैं, इस दौरान उन्होंने रेलवे में कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि बांग्लादेश के ढाका और कोलकाता के बीच मैत्री रेल सेवा शुरू करना रहा था. उस वक्त वे ढाका में स्थित भारतीय दूतावास में रेलवे सलाहकार पद पर थीं. बालासोर में हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का प्रजेंटेशन पीएमओ में जया वर्मा सिन्हा ने ही दिया था.

कौन हैं जया वर्मा सिन्हा

जया वर्मा सिन्हा भारतीय रेलवे यातायात सेवा की 1988 बैच की अधिकारी हैं, उन्होंने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की है, रेलवे में वह दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्व रेलवे में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुकी हैं. उन्होंने सियालदाह डिवीजन में डीआरएम के पद पर कार्य करने का भी बड़ा अनुभव है. वह बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे के सलाहकार पद पर भी रह चुकी हैं. कोलकाता से ढाका के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन उन्हीं के कार्यकाल का माना जाता है. वर्तमान में वह रेलवे बोर्ड के सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के तौर पर काम कर रही थीं.

वर्तमान में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी हैं, जिनका कार्यकाल आज पूरा हो गया है. ऐसे में नए बोर्ड अध्यक्ष के लिए रेलवे की ओर से चार लोगों का पैनल चुना गया था. इस पैनल में से मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने जया वर्मा सिन्हा के नाम पर मुहर लगाई है, 1 सितंबर से वह कार्यभार ग्रहण कर लेंगीं. 31 अगस्त 2024 तक उनका कार्यकाल रहेगा.

बालासोर हादसे में निभाई थी ये जिम्मेदारी

हाल ही में बालासोर में हुए कोरमंडल एक्सप्रेस हादसे के वक्त जया वर्मा सिन्हा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हादसे के बारे में जानकारी देने की जिम्मेदारी जया वर्मा सिन्हा की थी. उन्होंने ने ही पीएमओ में भी घटना का प्रजेंटेशन दिया था. उस वक्त जया वर्मा सिन्हा की कार्यशैली की खूब तारीफ की गई थी.

रेलवे को आगे ले जाने का जिम्मा

रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन बनने वाली जया वर्मा सिन्हा के सामने कई चुनौतियां होंगी, आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रहे रेलवे के कुशल संचालन के साथ-साथ मॉडल स्टेशनों को पूरा करना और बुलेट ट्रेन के सपने को सच करने जैसी कई बड़ी जिम्मेदारियां अब जया वर्मा सिन्हा के कंधों पर होंगी.

अनिल कुमार लाहोटी ने इसी साल संभाला था कार्यभार

1984 बैच के रेलवे अधिकारी अनिल कुमार लाहोटी ने इसी साल 1 जनवरी को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ का कार्यभाल संभाला था. रेलवे बोर्ड में उनकी एंट्री 17 दिसंबर 2022 को सदस्य इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर हुई थी.

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