काैन है पटियाला हिंसा का मास्टरमाइंड परवाना?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पटियाला हिंसा के मास्टरमाइंड बरजिंदर सिंह परवाना के बारे में कई खुलासे हाे रहे हैं। पटियाला हिंसा के बाद किसान आंदाेलन  एक बार फिर चर्चा में है। बताया जा रहा है कि परवाना किसान आंदाेलन में शामिल हाेने दिल्ली के टिक्करी बार्डर गया था।  ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ मार्च के खिलाफ उपद्रवी बरजिंदर सिंह परवाना ने एसएसपी को मांगपत्र सौंप इंटरनेट मीडिया पर प्रचार किया था। एसएसपी व आइजी के नोटिस में उक्त गतिविधियां पहुंच चुकी थीं। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उपद्रवियों की भीड़ श्री काली माता मंदिर तक पहुंची, दोनों गुटों पर पथराव हुए।

परवाना को पुलिस निगरानी में रखा था, लेकिन शुक्रवार बाद दोपहर वह भीड़ को संबोधित करने पहुंचा, जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई। इसके पुलिस के बीच ही वह बाइक पर मुंह ढककर भाग निकला। डीएसपी मोहित अग्रवाल ने प्रसाद की दुकान पर हमला करने वालों को रोकने का प्रयास नहीं किया।

परवाना दमदमी टकसाल का राजपुरा प्रमुख

बता दें कि बरजिंदर सिंह परवाना एक हार्डकोर अपराधी है। वह दिल्ली बार्डर पर हुए किसान आंदोलन में भी शामिल रहा था। परवाना पंजाब के सिख धार्मिक नेताओं में से एक है, जो दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा प्रमुख है। उसकी पहचान भड़काऊ भाषण देने वाले नेता को रूप में होती है।

बीए करने के बाद गया था सिंगापुर

1984 में जन्मे बरजिंदर सिंह परवाना मूल रुप से गगन चौक के नजदीक गुरु गोबिंद सिंह नगर का रहने वाला है। परवाना कट्‌टरपंथी ख्यालों का व्यक्ति है। बीए करने के बाद वह 2007 में सिंगापुर चला गया था। वहां करीब  18 महीने रहने के बाद भारत लौट था। यहां आकर परवाना इंटरनेट मीडिया पर ज्यादातर आतंकी गतिविधियों संबंधित पोस्ट शेयर करने लगा। फिर उसने दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा की स्थापना की और उसका प्रमुख बन गया।

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पटियाला में  काली माता मंदिर के बाहर खड़े पंजाब पुलिस व पैरा मिल्ट्री फोर्स के जवान। 

10-15 दिनों से फेसबुक पर दिए भड़काऊ बयान

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने पटियाला के राजपुरा में कहा कि पंजाब संवेदनशील राज्य है। इसने पहले बहुत संताप भोगा है। सरकार समय पर एक्शन लेती, तो इस घटना को रोका जा सकता था। इसके लिए सिर्फ पंजाब सरकार ही दोषी है। पिछले 10-15 दिनों से फेसबुक पर भड़काऊ बयान आ रहे थे, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की गई। विदेश में बैठी देश विरोधी ताकतें पंजाब को तोड़ना चाहती हैं। पटियाला के श्री काली माता मंदिर को जिस तरीके से निशाना बनाया गया वह दुखदायी है।

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मंदिर के प्रसाद वाली दुकान के अंदर हमले को रोकते हुए डीएसपी मोहित अग्रवाल।

इसलिए भड़की हिंसा

  • गुरुद्वारा साहिब के बाहर इकट्ठा हुए उपद्रवियों को रोकने की कोशिश नहीं हुई।
  • पुलिस नंगी तलवारें लहराते हुए उपद्रवियों के साथ चलती रही, लेकिन सीनियर अधिकारियों ने बैरिकेडिंग के निर्देश नहीं दिए।
  • दोनों पक्षों की मार्च निकालने की घोषणा की जानकारी होने के बावजूद रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की गई।
  • वाटर कैनन, दंगा रोकने वाली पुलिस फोर्स को योजनाबद्ध तरीके से तैनात नहीं किया गया।
  • डीएसपी ने प्रसाद की दुकान पर हमला करने वालों को नहीं रोका

 

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