सीमा पर तैनात जवानों को कौन बांधता है राखी ? उन तक कैसे पहुंचते हैं बहनों के भेजे राखी, पढ़े यह खबर
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
“रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम और पावन रिश्ते को दिखाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. लेकिन जम्मू-कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर तैनात BSF यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवानों को राखी कौन बांधता होगा?
क्योंकि ये जवान अपनी बहनों से तो मिल नहीं पाते हैं.आर्मी के एक अफसर ने मीडिया को बताया कि सीमा पर तैनात जवानों को राखी कौन बांधता है? उन्होंने बताया कि आर्मी के जवानों को उनकी बहनें हर साल राखी भेजती हैं. हर आर्मी यूनिट का एक पुजारी होता है, जो सारे धार्मिक कार्यक्रम करवाता है. उसके बाद जवानों को राखी बांधी जाती है.
आर्मी अफसर ने आगे बताया कि स्थानीय लड़कियां भी आर्मी कैम्प आती हैं और जवानों की कलाई पर राखी बांधती हैं. कई मौकों पर आर्मी के जवान भी स्थानीय लड़कियों के पास जाकर उनसे वो राखी बंधवाते हैं, जो उनकी बहन उन्हें भेजती है.उन्होंने बताया कि BSF के जवान अपने साथियों से भी राखी बंधवाते हैं. इसके अलावा राखी के दिन BSF और आर्मी के जवान वीडियो कॉल के जरिए भी अपनी बहनों से बात करते हैं.
जवानों को राखी जल्दी मिल जाती है
रक्षाबंधन से पहले जवानों को उनकी राखी मिल जाए, इसके लिए पोस्टल सर्विस के साथ-साथ आर्मी की भी पोस्टल सर्विस काफी तेजी से काम करती है. जवानों को राखी पहुंचाने की प्रक्रिया भी काफी आसान होती है.अगर आपका भाई सेना या BSF में जवान है और उस तक जल्द से जल्द राखी पहुंचाना है, तो इसके लिए एक लिफाफे में राखी रखना है और उस लिफाफे में सबसे ऊपर बड़े अक्षरों में RAKHI FOR SOLDIERS& लिखना होगा.इस लिफाफे को C/O 99 APO या C/O 56 APO एड्रेस पर भेज दें. 99 APO पूर्व में सिक्किम, पश्चिम बंगाल, सात पूर्वोत्तर राज्यों समेत सभी सैनिकों को कवर करता है. जबकि, 56 APO में उत्तर से दक्षिण और पश्चिम तक के जवान आते हैं. आपकी राखी की चिट्ठी पोस्ट के जरिए आर्मी पोस्ट तक पहुंचाई जाती है. इसके बाद आर्मी पोस्ट इन राखियों के लिफाफों को सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंचा देती है.