बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए कौन होंगे उम्मीदवार?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार विधान परिषद की 11 खाली सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए प्रक्रिया सोमवार (4 मार्च) से शुरू हो गई है. इन सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो रहा है. सीएम नीतीश कुमार और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के अलावा जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें बीजेपी के तीन, जेडीयू के 3, राजद के 1, कांग्रेस के 1 और हम के 1 एमएलसी शामिल हैं.
इन सीटों पर उम्मीदवार कौन होंगे इसकी तस्वीर भी साफ होती जा रही है. जदयू ने अपने दो उम्मीदवार तय कर लिये हैं. इसमें सीएम नीतीश कुमार के अलावा खालिद अनवर को उम्मीदवार बनाया जा रहा है. अन्य दलों के उम्मीदवारों की बात करें तो मंगलवार को तस्वीर साफ हो सकती है.
मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे सीएम नीतीश
जानकारी के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार मंगलवार (5 मार्च) को एमएलसी पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. क्योंकि 6 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेतिया आ रहे हैं और इस कार्यक्रम में सीएम को भी शामिल होना है. वहीं इसके बाद 7 मार्च को नीतीश कुमार विदेश जा रहे हैं. ऐसे में अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण सीएम 5 मार्च को ही नामांकन दाखिल करेंगे.
विधान परिषद का चुनावी कार्यक्रम
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 11 मार्च है. जबकि नामांकन पत्रों की जांच 12 मार्च को होगी. 14 मार्च तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. 21 मार्च को सुबह नौ बजे से लेकर शाम चार बजे तक वोटिंग. वोटिंग के बाद उसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना होगी और देर शाम तक चुनाव परिणाम की घोषणा कर दिया जायेगा. चुनाव आयोग के अनुसार चुनाव की पूरी प्रक्रिया 23 मार्च के पहले पूरी कर ली जाएगी.
एक सीट के लिए 21 वोट की जरूरत
विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए विधानसभा के 21 सदस्यों के वोट की जरूरत होगी.विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से एनडीए आसानी से छह सीटों पर जीत हासिल कर लेगा. वहीं विपक्ष को पांचसीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के वोट की दरकार होगी.
इनका कार्यकाल हो रहा है पूरा
बिहार विधान परिषद के सदस्य खालिद अनवर, नीतीश कुमार, प्रेमचंद मिश्रा, मंगल पांडेय, राबड़ी देवी, रामचंद्र पूर्वे, रमईशबर महतो, संजय पासवान, शैयद शहनवाज हुसैन, संजय कुमार झा और संतोष कुमार सुमन का कार्यकाल पूरा हो रहा है.
मालूम हो कि इस चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी बिहार विधानसभा के सचिव होते हैं। पहले दिन किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। अधिसूचना के अनुसार नामांकन पत्र 11 मार्च तक दाखिल किया जा सकेगा। 12 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। वहीं, नामांकन पत्रों की वापसी की अंतिम तिथि 14 मार्च तक निर्धारित है। 21 मार्च को मतदान होगा और उसी दिन वोटों की गिनती की जाएगी तथा परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा।
वहीं अगर बात बिहार विधान परिषद के शेड्यूल की करें तो
नोटिफिकेशन की तिथि : 4 मार्च
नामांकन करने की अंतिम तिथि : 11 मार्च
नामांकन पत्रों की जांच : 12 मार्च
नामांकन वापसी की तारीख : 14 मार्च
चुनाव के लिए मतदान : 21 मार्च
मतगणना : 21 मार्च की शाम
चुनाव पूरा कराने की तारीख: 23 मार्च
जानकारी के मुताबिक अपने व्यस्त शेड्यूल के चलते सीएम नीतीश कुमार कल एमएलसी पद के लिए नामांकन करेंगे। क्योंकि 7 मार्च को नीतीश विदेश दौरे पर जा रहे हैं। इससे पहले नीतीश 6 मार्च को पीएम मोदी के बेतिया दौरे में भी शामिल होंगे। नीतीश कुमार सात मार्च को इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे। देश की सबसे बड़ी साइंस सिटी पटना में 17 एकड़ में बन रही है। इसके लिए इंग्लैंड में मुख्यमंत्री वहां के साइंस म्यूजियम को देखेंगे। पहले से ही प्रोग्राम बन रहा था, लेकिन पॉलिटिकल डेवलपमेंट हो गया, सदन की कार्यवाही शुरू हो गयी। आगे लोकसभा का चुनाव भी होने वाला है।
वहीं अगर संख्या बल की बात करें तो विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए विधानसभा के 21 सदस्यों के वोट की जरूरत है। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से एनडीए आसानी से छह सीटों पर जीत हासिल करता हुआ दिख रहा है। विपक्षी गठबंधन की सभी सीटों पर जीत में थोड़ा संदेह है क्योंकि विश्वास मत से ठीक पहले आरजेडी के चार विधायक टूटकर जदयू के साथ आ गए। विपक्ष को पांच सीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के वोट की जरूरत होगी जिसके लिए वे एड़ी चोटी एक कर देंगे।
विधानसभा में दलवार स्थिति इस प्रकार है। 78 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। राजद के 79 विधायकों में से 4 ने जदयू खेमें में आ जाने से उनकी संख्या अब 79 से घटकर अब 75 रह गई है। एनडीए के जदयू के 45, हम के चार विधायक हैं। महागठबंधन में कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 11, माकपा और भाकपा के चार तथा एक निर्दलीय और एएमआइएएम के एक विधायक हैं।
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