मणिपुर का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ?
क्या मणिपुर में लगेगा राष्ट्रपति शासन ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मणिपुर में एन बीरेन सिंह के अचानक इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में नये मुख्यमंत्री को लेकर मंथन जारी है. सीएम के लिए 5 नाम सबसे आगे चल रहे हैं. जिसमें सत्यव्रत सिंह, राधेश्याम सिंह, मंत्री वाई खेमचंद सिंह, विश्वजीत सिंह और बसंत कुमार सिंह शामिल हैं. बीजेपी प्रभारी संबित पात्रा ने सभी संभावित नामों से मुलाकात भी कर ली है.
‘सब कुछ आलाकमान के हाथ में’: पार्टी विधायक
मणिपुर से बीजेपी विधायकों सपाम केबा और के इबोम्चा ने कहा कि राज्य के नये मुख्यमंत्री के बारे में फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा. इंफाल के एक होटल में मंगलवार को बीजेपी के पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी संबित पात्रा के साथ बैठक के बाद विधायकों ने यह बात कही. जब केबा से पूछा गया कि क्या नये मुख्यमंत्री के चयन के लिए कोई समय-सीमा है तो उन्होंने कहा, “हमने इस पर कोई चर्चा नहीं की है.”
नये मुख्यमंत्री की तलाश के बीच बीजेपी विधायकों ने कहा कि उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के लिए प्रयास करे. सोमवार को बैठकों के दौरान राज्य में शांति बहाली पर चर्चा की गई. एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद से संबित पात्रा इंफाल में डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने सोमवार को कई विधायकों, मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत के साथ बंद कमरे में अलग-अलग बैठकें की थीं.
सांसद संबित पात्रा ने सोमवार को सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह और हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष डी गंगमेई से भी अलग-अलग मुलाकात की थी. मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
मणिपुर का अगला सीएम कौन होगा? यह अब भी सवाल ही बना हुआ है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के रविवार को इस्तीफा देने के बाद, उनके स्थान पर नए चेहरे को चुनना बीजेनी के लिए अगला बड़ा काम है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर आम सहमति बनाने के लिए समय ले सकता है. इंफाल में राजभवन की ओर से बयान जारी किया गया है. इसके अनुसार, राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने एन बीरेन सिंह को “वैकल्पिक व्यवस्था” होने तक पद पर बने रहने को कहा है. सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में बैठक चल रही है. इसके बाद राज्यपाल को अगले कदम के बारे में बता दिया जाएगा.
क्या मणिपुर में लगेगा राष्ट्रपति शासन ?
सूत्रों ने बताया कि इस्तीफा देते समय सिंह ने सिफारिश की थी कि विधानसभा को निलंबित रखा जाए. हालांकि, चूंकि अभी तक कोई ऐसा नेता नहीं है जिसे पार्टी के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त हो, इसलिए केंद्र को राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ सकता है. बीरेन के इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद, राज्यपाल भल्ला ने एक अधिसूचना जारी की. इसमें विधानसभा को बुलाने के पिछले आदेश को “अमान्य और अमान्य” घोषित किया गया, जिसे सोमवार को बुलाया जाना था.
मणिपुर के एक बीजेपी नेता ने कहा, ”मुख्यमंत्री ने विधानसभा को निलंबित करने की सिफारिश की है. केंद्र द्वारा इस पर कोई निर्णय लिए जाने तक बीरेन सिंह कार्यवाहक के रूप में काम करते रहेंगे.” राज्यपाल भल्ला कुछ दिनों के अंदर केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
केंद्र सरकार मणिपुर पर लेना चाहती है समय
संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार, राष्ट्रपति शासन की घोषणा दो महीने के भीतर संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखी जानी चाहिए. सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार संसद में जाने से पहले और समय लेना चाहती है. बजट सत्र का पहला भाग, हालांकि 13 फरवरी तक निर्धारित है, लेकिन बुधवार को रविदास जयंती के कारण छुट्टी होने के कारण दो दिन पहले ही स्थगित होने की संभावना है. बजट सत्र 10 मार्च को फिर से शुरू होने वाला है. यह 4 अप्रैल को समाप्त होगा. यदि संसद के अवकाश के बाद राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो यह मामला अगली बैठक में ही सामने आ सकता है.
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