महादलितों पर अत्याचार कौन सुनेगा इनकी पुकार.

महादलितों पर अत्याचार कौन सुनेगा इनकी पुकार.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पूर्णिया जिले के बायसी अंतर्गत खपड़ा पंचायत के मझवा गांव की महादलित बस्ती. पांच दिन पहले तक यहां महादलित परिवारों का बड़ा गांव आबाद था पर आज वहां कहीं राख की ढेर है तो कहीं बांस की टूटी बत्तियों पर लटकती टूटी टाट. बांस और फूस की जली अधजली झोंपड़ियां, बरसाती जमीन पर बिखरे सामान और उजड़े हुए गरीबों के आशियाने आज पांच दिनों के बाद भी दरिन्दगी की बानगी बयां कर रहे हैं. यहां के हर चेहरे पर अनजाना खौफ है और हर आंखें मूक भाव से हैवानियत की दास्तां सुना रही हैं.

किसी की बांह पर लाठी के लाल निशान हैं तो किसी के माथे पर गहरी चोट यह बताने के लिए काफी है कि हजारों के हुजूम ने कैसे महादलितों की बस्ती को तीन तरफ से घेर कर आग के हवाले कर दिया. यह अलग बात है कि इस घटना के बाद बायसी के इलाके में महादलितों की सुरक्षा को लेकर कई सुलझे-अनसुलझे सवाल खड़ा हो गए हैं जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. परमान नदी के किनारे बसे इस गांव में करीब साढे चार सौ महादलित परिवार हैं. इसमें 13 महादलित परिवार के घर जले हैं. एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. इनमें एक रिटायर्ड चौकीदार की मौत हुई है.

बताया जाता है कि बीते बुधवार की रात मझुआ गांव में जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. इस घटना में दो महादलित बुरी तरह घायल हो गये थे. इस घटना के बाद उसी रात करीब साढ़े 11 बजे हमलावरों ने तीन तरफ से महादलित परिवार पर हमला बोल दिया. हमलावरों ने कई घरों में आग लगा दी और बेरहमी से पिटाई की. घटना के बाद जिला प्रशासन की ओर से गांव में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गयी है.

तांत्रिक के मायाजाल में फंसे गांववाले, श्मशान से दो लड़कियों को पकड़ा और डायन समझकर बाल काट डाले

घटनास्थल पर मौजूद बायसी के डीसीएलआर अवधेश कुमार राणा ने बताया कि सभी 13 पीड़ित परिवारों को सूखा राशन एवं पॉलिथीन की आपूर्ति करते हुए अनुग्रह अनुदान प्रति परिवार 9800 रुपया उपलब्ध कराया गया है. पीड़ित परिवारों के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गयी है.

पीड़ित अशोक कुमार राय ने बताया कि बीते बुधवार की रात हमसभी लोग सोये हुए थे. अचानक गांव में हल्ला हुआ- भागो-भागो. हम लो सभी उठ गये. अचानक कुछ लोग उसके घर में घुस गये और मारपीट करने लगे. मेरी पत्नी को भी बेरहमी से पीटने लगा और इज्जत लूटने की कोशिश की. जब पत्नी ने कहा कि वह गर्भवती है. भगवान के लिए मुझे माफ कर दो. पत्नी के काफी आरजू-मिन्नत के बाद अतातायियों ने उसे बख्श दिया. इसके बाद किसी तरह हमलोग जान बना कर भागे.

अशोक उस दिन की याद कर आज भी सिहर उठता है. पीड़ित अजय कुमार राय ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि आगजनी के बाद वह अपनी भांजा को लेकर भागने की कोशिश कर रहा था तभी पीछे से हमलावरों ने लोहे के रड से उसपर वार कर दिया जिससे वह घायल हो गया.

शंकर कुमार राय ने बताया कि हमलावर तीन तरफ से गांव को घेर लिया था. हमलोग बेखर सोये हुए थे. अचानक उसके घर से धुंआ उठने लगा. सभी लोग घर से भाग निकले. जबतक कुछ समझ पाते तब तक हमलावर उनलोगों पर टूट पड़ा. पीड़ित परिवार वालों ने सरकार से इंसाफ की गुहार लगायी है और कहा है कि जिस तरह उन लोगों के साथ अमानवीय कार्य किया गया है, उसके लिए दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.

घटना के बाद से महादलित परिवार अभी भी सहमे-सहमे हुए हैं. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. पीड़ित एक महिला ने बताया कि सैकड़ों लोगों ने आकर सभी महादलित परिवार के घरों को घेर लिया. जबतक महादलित परिवार कुछ समझ पाते तबतक में उनके घरों में आगजनी शुरू कर दी. बेरहमी से मारना-पीटना भी शुरू कर दिया.

पीड़ित परिवारों ने बताया कि बुधवार की शाम को हुई घटना के बाद हमलावरों ने हमला करने की योजना बनायी. इसकी जानकारी बायसी पुलिस को भी दी गयी थी लेकिन थाने में पुलिस बल कम होने की वजह से पुलिस वहां नहीं गयी. पीड़ितों ने बताया कि योजना के मुतबिक सारे दलित परिवारों को रातोरात उजाड़ने की योजना बनायी गयी थी. इसकी कोशिश भी की गयी.

ये भी पढ़े….

Leave a Reply

error: Content is protected !!