इतनी ठंड में रात को घर से कौन निकलता जो रात्रि कर्फ्यू की जरूरत पड़ी..!
*क्या चुनावी रैलियों से डरता वाईरस,लोगो के मनो में चल रहा सवाल..!!*
*कुछ बातों को ध्यान रखकर हम कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग को जीत पाएंगे..!*
श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा,सेंट्रल डेस्क
पिछले कुछ सालों से इंसान नई नई बीमारियों से जूझ रहा है! मगर पिछले लगभग दो सालों से न केवल हमारा देश व बल्कि पूरे विश्व को कोरोना नामक बीमारी ने आतंकित कर रखा है! बल्कि पूरे विश्व मे बहूत लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं बहूत बच्चे अनाथ हो चुके हैं बहूत लोगों का रोजगार छिन चुका है! बाजारों में वीरानी सी छाई हुई है! गाड़ियों व ट्रेनों में अगर कोई गलती से खांस भी दे तो लोग उसे शक की निगाह से देखते हैं!पिछले कुछ महीनों से कोरोना कुछ कमजोर हुआ तो इसका श्रेय लॉकडाउन व टीके को दिया गया!केंद्र सरकार ने भी कोरोना को नियंत्रित करने का खूब प्रचार किया! लेकिन अब एक बार फिर से कोरोना सिर उठाने लगा है!दहशत का माहौल फिर से बनने लगा है!अब पांच राज्यों में चुनाव आने वाले हैं बीमारी को देखते हुए चुनाव टालने की मांग उठने लगी है!चुनावी रैलियों पर भी रोक लगाने की मांग उठ रही है नाजुक हालात को देखते हुए रैलियों पर रोक लगाने की मांग को सही कहा जा सकता है! पर इन मांगों पर रोक लगने की घोषणा तो अभी तक नहींं हुई है लेकिन कुछ राज्यों ने रात्रि कर्फ्यू लगा दिए हैं हालांकि यह बात समझ से परे है कि इतनी ठंड में रात को घर से कौन निकलता है जो रात्रि कर्फ्यू की जरूरत पड़ी! गंभीर हालत को देखते हुए चुनावी रैलियों पर रोक लगनी चाहिए! लोग जागरूक हों साफ सफाई रखें मास्क लगाएं बिना जरूरत के घरों से बाहर न निकलें ज्यादा भीड़भाड़ न हो इस बात का ध्यान रखा जाए तभी हम कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग को जीत पाएंगे।