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कुत्तों को सबसे सच्चा दोस्त कहा जाता है,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

कुत्तों को सबसे सच्चा दोस्त कहा जाता है,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कुत्तों को इंसान का सबसे अच्छा और सच्चा दोस्त कहा जाता है। कोई इंसान धोखा दे सकता है मगर कुत्ता कभी धोखा नहीं देता है। कुत्तों को इंसान का सबसे वफादार साथी माना जाता है। भले ही इंसान किसी भी स्थिति में हो, चाहे कुत्तों को दुत्कारे या उनके साथ दुर्व्यवहार करे मगर कुत्ते हमेशा प्यार ही बांटते है।

कहा जाता है कि कुत्ते सिर्फ दोस्ती ही करना चाहते है, जिसके कई प्रमाण हम अपने आम जीवन में भी देखते रहते है। कई बार सुनने को मिलता है घरों की रखवाली के लिए रखे गए या पाले गए कुत्तों ने चोरी करने आए चोरों को भगा दिया या चोटिल कर दिया। वहीं ऐसे वफादार दोस्त को सलाम करने के लिए 26 अगस्त को ‘इंटरनेशल डॉग डे’ मनाया जाता है।

इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य कारण है कि कुत्तों को अधिक से अधिक गोद लिया जाना चाहिए, ताकि वो बेहतर स्थिति में जीवन जी सकें। इसके अलावा इस दिन के जरिए प्रजाति, आकार, नस्ल के बावजूद कुत्तों के महत्व को भी बताता है।

अंतरराष्ट्रीय डॉग दिवस का इतिहास
इन दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। इसे कोलीन पेज ने शुरू किया था जो पेट लाईफस्टाइल एक्सपर्ट और पशु बचाव एडवोकेट है। उन्होंने इस दिन ही एक 10 वर्षीय कुत्ते को गोद लिया था।

इस दिन को खास मनाने के लिए अपने प्यारे पालतू साथी को इस दिन बच्चे की तरह पैंपर करें। उसे वो चीजें करवाएं जो उन्हें पसंद है। अंतर्राष्ट्रीय कुत्ता दिवस मनुष्यों और कुत्तों के बीच उल्लेखनीय बंधन का जश्न मनाता है, उन कई कारणों पर प्रकाश डालता है कि क्यों कुत्तों को अक्सर आदर्श साथी माना जाता है। पालतू जानवरों के रूप में कुत्तों की लोकप्रियता सर्वाधिक है। इसके पीछे उनका भावनात्मक, सामाजिक जुड़ाव भी मायने रखता है।

 देते हैं अनकंडीशनल लव और वफादारी
उनका अटूट स्नेह और सहयोग का एक स्रोत प्रदान करता है जो दिल खुश कर देता है। कुत्तों में हमारी भावनाओं को समझने और सहानुभूति के साथ प्रतिक्रिया करने, दुख के समय सांत्वना देने और हमारी खुशियों में हिस्सा लेने की जन्मजात क्षमता होती है।

शारीरिक रूप से फिट रखने में करते हैं मदद
भले ही कोई इस बात को ना मानें मगर कुत्तों के होने से व्यक्ति की जीवनशैली अधिक एक्टिव होती है। उनकी ऊर्जा और उत्साह नियमित व्यायाम को प्रोत्साहित करते हैं, चाहे वह रोजाना सैर पर ले जाने से हो या खेल कर हो। इससे न केवल उनके स्वास्थ्य को लाभ होता है बल्कि कुत्ते के मालिकों के लिए शारीरिक गतिविधि को भी बढ़ावा मिलता है।

मेलजोल बढ़ाने में मददगार
कुत्ते सामाजिक मेलजोल को भी सुविधाजनक बनाते हैं। कुत्ते को सैर पर ले जाने से अक्सर अन्य डॉग लवर्स भी मिलते है, जिनसे कुत्तों के जरिए भी बातचीत शुरू हो जाती है। कुत्ते सामाजिक बाधाओं को तोड़ सकते हैं। अजनबियों के साथ भी ये अपनेपन का भाव पैदा करने में सक्षम होते है।

भावनात्मक समर्थन देते है
कुत्तों की अद्वितीय क्षमताएं उन्हें विभिन्न आवश्यकताओं वाले लोगों के लिए मूल्यवान साथी भी बनाती हैं। कुत्ते विकलांग व्यक्तियों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करते हैं, उनकी स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। अस्पतालों, स्कूलों और नर्सिंग होम में भी इन दिनों कुत्तों की मदद ली जाती है ताकि वो भावनात्मक सहायता देकर उपचार में मदद कर सकें।

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