इजरायली नागरिक भारत छोड़कर क्यों जा रहे है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पहले से ही बेहाल चल रहा ताजनगरी आगरा का पर्यटन कारोबार पश्चिम एशिया में तनाव के साथ ही और झुलसने लगा है। भारत से खाड़ी देश होते हुए अमेरिका या यूरोप के लिए फ्लाइट हैं, लेकिन पश्चिम एशिया में तनाव के कारण फ्लाइट को अब रूसी हवाई मार्ग से जाना पड़ रहा है, जो लंबा होने के कारण खर्चीला भी है। इससे नवंबर में आगरा घूमने के लिए एडवांस बुकिंग कराने वाले पर्यटकों ने बुकिंग कैंसिल कराना शुरू कर दिया है।

कोरोना से प्रभावित हुआ था पर्यटन उद्योग

अक्टूबर में भी पिछले वर्ष की अपेक्षा बुकिंग में 30 प्रतिशत तक की गिरावट रही है। इसी तरह हिमाचल से भी इजरायली नागरिक स्वदेश लौटने लगे हैं। कोरोना काल में 2020 और 2021 में आगरा में पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था। कोरोना की पाबंदियां हटीं तो फरवरी, 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ गई। रूसी और यूक्रेनी पर्यटकों की संख्या न के बराबर रह गई।

तनाव का पर्यटन पर पड़ रहा असर

2023 में इनबाउंड टूरिज्म (विदेशी पर्यटन) की गाड़ी किसी तरह पटरी पर आई। तब 5.83 लाख विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने आए। आगरा में अक्टूबर से मार्च तक पर्यटन सीजन रहता है। अब पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है। इसका व्यापक असर ताजनगरी के पर्यटन कारोबार पर नजर आ रहा है।

अमेरिकी चुनाव का भी असर

आगरा टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने बताया कि पर्यटक शांतिपूर्ण माहौल में ही यात्रा करना पसंद करते हैं। भारत में शांति है, लेकिन रूस-यूक्रेन के साथ ही पश्चिम एशिया में तनाव का असर नजर आने लगा है। इजराइली और ईरानी पर्यटक नहीं आए हैं। अमेरिका में इस वर्ष राष्ट्रपति का चुनाव होना है, जिससे अमेरिका से आने वाले पर्यटक भी प्रभावित होंगे।

देश का साथ देने के लिए हिमाचल से भी लौटने लगे इजरायली

हिमाचल प्रदेश आए इजरायल के नागरिक संकट की घड़ी में देश का साथ देने के लिए लौटने लगे हैं। हिमाचल में मैक्लोडगंज व कुल्लू जिले के कई पर्यटन स्थलों में हर वर्ष इजरायल के काफी पर्यटक आते हैं। यही कारण है कि पहले के मुकाबले इस वर्ष इजरायल के पर्यटक कम आए हैं।

300 इजरायली ठहरे

कुल्लू जिले में मणिकर्ण व कसोल इजरायल के नागरिकों के पसंदीदा स्थान हैं। कसोल को मिनी इजरायल भी कहा जाता है। कसोल में इजरायली अप्रैल में आना शुरू होते हैं और यहां इन लोगों ने खबाद हाउस (पूजा स्थल) का निर्माण किया है। कसोल व मनाली में इन दिनों 300 से अधिक इजरायली नागरिक ठहरे हैं।

बुकिंग भी कम हो रही है

12 से 15 अक्टूबर तक योम कीपर और 24 व 25 अक्टूबर को सिमचट तोराह उत्सव ये लोग मनाएंगे। इसके बाद अधिकतर इजरायली नागरिक स्वदेश लौट जाएंगे। होटल एसोसिएशन पार्वती वैली के अध्यक्ष किशन ठाकुर ने बताया कि इजरायली अप्रैल से सितंबर तक कसोल आते हैं। इस बार कसोल में इजरायली पर्यटक कम आए हैं और अब बुकिंग भी कम हो रही है।

 

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