इस खुबसूरत चेहरे को चार राज्य की पुलिस क्यों खोज रही है पढ़े खबर
युवती ने कोर्ट में जमा करा दिया जज का फर्जी साइन वाला पेपर, कारनामे और भी…
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
शातिराना दिमाग ऐसा कि बिहार के साथ उत्तराखंड पुलिस भी पीछे पड़ी है, लेकिन अबतक वह युवती गिरफ्त में नहीं आयी। घर के बाकी लोग शिकंजे में हैं, लेकिन वह फरार। दबिश बेकार जा रही। युवती बिहार की है, खबर पटना से।यह कहानी एक ऐसे भाई बहन की है, जिसने एक शहर ही नहीं बल्कि चार राज्यों की पुलिस को परेशान कर दिया। बिहार, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और पंजाब में भाई-बहन के खिलाफ कई केस चल रहे।
हालांकि, उत्तराखंड पुलिस ने इनमें से एक (निखिल भारद्वाज) को पटना के पालीगंज से गिरफ्तार कर लिया है। अब दूसरी यानी स्वाति कुमारी की तलाश में इनके अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि स्वाति शादीशुदा है। इसने अपने पति और ससुराल वालों को भी धोखा दिया। उन्हें भी चूना लगाया और उन्हें फंसाने के लिए उनके ऊपर झूठा मुकदमा तक लाद दिया।
इतना ही नहीं निखिल भारद्वाज और स्वाति कुमारी के माता पिता भी दो साल पहले जेल गए थे। फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से माता-पिता बेल पर बाहर हैं। इन चारों के खिलाफ मारपीट, उत्पीड़न, संपत्ति हड़पने, फर्जीवाड़ा समेत कई केस दर्ज हैं। आरोप- पूरा परिवार एक गिरोह के रूप में काम करता था
बताते चलें कि गया के राजेंद्र पथ निवासी मिथिलेश कुमार शर्मा, उनकी पत्नी सुमन कुमारी, पुत्र निखिल भारद्वाज और पुत्री स्वाति कुमारी पर कई मामले दर्ज है। सूत्र बताते हैं कि स्वाति पर पुणे, हरिद्वार, मुजफ्फरपुर, पटना, मुंबई, कपूरथला में केस चल रहे हैं। आरोप यह है कि पूरा परिवार एक गिरोह के रूप में काम करता था। पहले वह इकलौती संतान वाले से स्वाति की शादी करवाते और फिर उनकी संपत्ति हड़पने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाते थे।
इन लोगों की चपेट में आने वाले तीन-चार परिवार इनसे बुरी तरह से त्रस्त हैं। इसी आरोप में 28 अप्रैल 2022 को हरिद्वार की पुलिस ने बिहार के गया से मिथिलेश कुमार शर्मा और उनकी पत्नी सुमन कुमारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं मिथिलेश कुमार शर्मा के पुत्र निखिल कुमार भारद्वाज को हरिद्वार पुलिस 2 दिन पहले पालीगंज के एक गांव से गिरफ्तार कर लिया था, जबकि उनकी बेटी स्वाति कुमारी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
हरिद्वार कोर्ट का फर्जी डिसीजन पेपर तक बना लिया था
सभी अभियुक्तों पर हरिद्वार के एक थाना में 48/ 2020 के तहत मामला दर्ज हैं। इन पर आईपीसी अन्तर्गत 420, 466, 468 , 471 और 120 (बी) की धाराएं दर्ज है। चारों नामजद अभियुक्त पर हरिद्वार जिला कोर्ट में 2020 से यह मुकदमा चल रहा है। इस मामले में निखिल और स्वाति कुमारी मुख्य अभियुक्त है। अभियुक्तों पर हरिद्वार कोर्ट का फर्जी डिसीजन पेपर बनाने, जज का नकली हस्ताक्षर करने और कोर्ट का फर्जी मुहर बनाकर दूसरे कोर्ट में जमा करने का आरोप है। कोर्ट के आदेश पर बिहार और सिडकुल थाना (हरिद्वार) पुलिस ने संयुक्त रूप से 30 दिसंबर की मध्य रात्रि में छापा मारकर अभियुक्त निखिल भारद्वाज को गिरफ्तार किया।
दूसरे शादी करके तीन बच्चों का पिता बन गया था निखिल
दरअसल, हरिद्वार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पटना के पालीगंज थाना स्थित तोरनी गांव निवासी उदय शर्मा और संजय शर्मा के घर (निखिल का ससुराल) पर दोनों भाई-बहन छिपे हैं। महिला को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। आरोपी निखिल तो पकड़ा गया लेकिन स्वाति किसी तरह पुलिस को चकमा देकर वहां से निकल गई। सूत्रों ने बताया कि तोरनी गांव में निखिल भारद्वाज गैर कानूनी रूप से दूसरी शादी करके तीन बच्चों का पिता बना हुआ था। निखिल, कोर्ट के बार-बार समन भेजने के बावजूद हाजिर नहीं होता था। इसी तरह स्वाति कुमारी भी कोर्ट और पुलिस को चकमा देकर अभी तक फरार है।
पुणे, मुंबई, कपूरथला और हरिद्वार में इनके खिलाफ केस
बताते चलें कि उपरोक्त चारों अभियुक्तों पर पुणे के सीजेएम कोर्ट में FIR (संख्या 404566 / 2014) दर्ज है। इसमें भारतीय दंड विधान की धारा- 498 A ,आर / डब्ल्यू 34 दर्ज हैं। इसके अलावे इन पर पुणे के भारतीय विद्यापीठ पुलिस थाना में FIR संख्या -347/ 2014 (दिनांक 12. 08. 2014) को दर्ज है। साथ ही साथ मुम्बई के पवई पुलिस स्टेशन में FIR संख्या-164/2019 (दिनांक- 30. 03. 2019) के तहत भी उक्त अभियुक्त फरार घोषित हो चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुम्बई, पुणे (महराष्ट्र), कपूरथला (पंजाब) और हरिद्वार (उत्तराखंड) की पुलिस अभियुक्त की तलाश कर रहीl
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