हिट एंड रन कानून के खिलाफ उग्र प्रदर्शन क्यों हो रहा है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जिले में हड़ताल के दौरान चालकों ने पुलिस पर पथराव किया। हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण छत्तीसगढ़ के रायपुर में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली।
केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे ‘हिट एंड रन’ के नए कानून को लेकर कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। नए कानून के विरोध में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी, बिहार के ड्राइवरों ने शनिवार से ही चक्काजाम करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून को लाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- वाहन चालकों की हड़ताल के मद्देनजर मध्य प्रदेश के सभी जिलों में प्रशासन अलर्ट मोड पर है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर समेत कई जिलों में प्रशासन ने पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कमी की बात को खारिज किया है। प्रशासन ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कोई कमी नहीं है।
- ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि हिट एंड रन कानून के खिलाफ वाहन चालकों की हड़ताल से मध्य प्रदेश में करीब पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
- बस और ट्रक चालकों की हड़ताल के चलते पंजाब के लुधियाना में पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है। पेट्रोल पंप पर आउट ऑफ स्टॉक के पोस्टर चिपका दिए गए हैं।
- हिट एंड रन कानून के खिलाफ कठुआ में वाहन चालकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने उनको रोकने का प्रयास भी किया।
- महाराष्ट्र के नागपुर में हिट-एंड-रन मामलों पर नए कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया।
- मध्य प्रदेश के धार में वाहन चालकों ने पीथमपुर हाईवे को जाम कर दिया।
- इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, “यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है।” उन्होंने कहा कि “भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है।”
महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस को दिया निर्देश
महाराष्ट्र सरकार ने वाहन चालकों की हड़ताल को देखते हुए पुलिस को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस को कहा है कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
हिमाचल प्रदेश में भी हड़ताल का असर सुबह से देखने को मिल रहा है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के हड़ताल के कारण धर्मशाला में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं।
हिट एंड रन’ के नए कानून में में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। एआईएमटीसी के अनुसार, कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। अमृतलाल मदान ने बताया कि देशभर में पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है,तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है।
एआईएमटीसी ने क्या कहा?
एआईएमटीसी का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।
एआईएमटीसी मध्य प्रदेश शाखा के प्रमुख राकेश तिवारी ने कहा, “हमने राष्ट्रीय स्तर के निकाय को अपना समर्थन दिया है। देश में लगभग 95 लाख ट्रकों में से राज्य में लगभग 5 लाख ट्रक हैं जो करोड़ों लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हैं। इस तरह का एकतरफा और बिना सोचे-समझे प्रावधान उन्हें हतोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एआईएमटीसी अगले एक सप्ताह में देशभर में नए प्रावधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अपनी आगे की रणनीति तय करेगी।
पहले क्या था कानून और अब संशोधन क्या होगा?
हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है।
संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।
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