बिहार में महिला शिक्षकों को क्यों परेशानी होने वाली है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राज्य के सरकारी विद्यालय छठ पूजा के दिन खुले रहेंगे. छठ पूजा नहाय खाय से शुरू हो जाती है. लेकिन इस बार राज्य के सरकारी विद्यालय छठ पूजा में नहाय-खाय और खरना के दिन खुले रहेंगे. इसका विरोध विभिन्न शिक्षक संघ ने शुरू कर दिया है. खास कर महिला शिक्षकाओं को ज्यादा परेशानी हो रही है. संघ ने कहा कि काफी संख्या में महिला शिक्षिका छठ पूजा करती हैं. छुट्टी नहीं होने से महिला शिक्षिका ज्यादा परेशान हैं. वहीं, संघ ने दीपावली और छठ पर्व में सरकारी विद्यालयों में अवकाश में कटौती का विरोध किया है.

महिला शिक्षकों को सबसे ज्यादा परेशानी

टीइटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में 31 अक्तूबर को दीपावली में मात्र एक दिन की ही छुट्टी दी गयी है. इससे घर से दूर पदस्थापित शिक्षकों को अपने परिवार के साथ दीपावली मनाने में दिक्कत होगी. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कुल शिक्षकों में 60 फीसदी महिला शिक्षिका हैं, जिनमें से अधिकतर महिला शिक्षिका महापर्व छठ खुद करती हैं. शिक्षा विभाग द्वारा जारी वर्ष 2024 के अवकाश तालिका में सात, आठ और नौ नवंबर को छठ पर्व की छुट्टी दी गयी है, जबकि चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत पांच नवंबर से नहाय-खाय के साथ हो रही है.

शिक्षक संघ ने की अवकाश की मांग

वहीं, छह नवंबर को खरना, सात नवंबर को संध्याकालीन अर्घ व आठ को सुबह का अर्घ्य होना है. नहाय-खाय और खरना दोनों तिथियों को सरकारी विद्यालय खुले हैं. देश की आजादी से वर्ष 2023 तक हमेशा दीपावली से छठ तक स्कूलों में छुट्टी रहती थी, जबकि इस वर्ष 2024 में पहली बार दीपावली से छठ तक कि लगातार छुट्टी नहीं दी गयी है. शिक्षक संघ ने सरकार से अवकाश तालिका में संशोधन करने की मांग की है.

 

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