बिहार की इंटरनेशनल बदनामी क्यों?स्कूटर पर बैलों की ढुलाई व परीक्षा में नकल के एडवेंचर.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में दुनिया का अपनी तरह का अनोखा मामला समाने आया है। रोहतास जिले में 60 फीट लंबे लोहे के पुल की चोरी का मामला (Bihar Bridge Theft Case) जब खुला तो यह भी इस चोरी से कम चौंकाने वाला नहीं निकला। पूरे विश्व में बदनाम करने वाली इस घटना का मास्टरमाइंड बिहार सरकार का एक सरकारी अधिकारी निकला। सासाराम के सिंचाई विभाग के एक अधिकारी राधेश्याम सिंह ने हीं इसकी पूरी साजिश रची थी। इतना ही नहीं उसने हीं घटना की एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इस घटना ने बिहार की अंतरराष्ट्रीय बदनामी कराने वाले चारा घोटाले (Fodder Scam) की याद दिला दी है, जिसमें मवेशियों को स्कूटर पर ढ़ाेया गया था। बिहार की परीक्षाओं के नकल के दौर की सात साल पहले की एक तस्वीर भी याद आ गई है, जिसने राज्य को बहुत बदनाम किया था।
सरकारी अधिकारी व राजनेता ने रची पुल चोरी की साजिश
बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर में आरा कैनाल पर बना लोहे का पुल 60 फुट लंबा 50 साल पुराना पुल था। यह पुल आधा दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए बनाया गया था। अब यह पुल जर्जर हो चुका था तथा उसपर आते-जाते भी नहीं थे, इसलिए सरकारी अधिकारियों व एक राजनेता ने इसकी चोरी की बड़ी साजिश रच डाली।
गांव वालों को सरकारी कर्मचारी बता उखाड़ कर ले गए पुल
इसकी चोरी की साजिश सासाराम में तैनात सोन नहर अवर प्रमंडल, नासरीगंज के अनुमंडल पदाधिकारी राधेश्याम सिंह ने रच डाली। इसमें एक स्थानीय राष्ट्रीय जनता दल नेता को भी अपने साथ कर लिया, ताकि कोई बखेड़ा न हो। फिर, गांव वालों को सरकारी कर्मचारी बता चोर लोहे के पुल को गैस कटर से काट व जेसीबी से उखाड़ कर ले गए।
पुल की चोरी में इस्तेमाल सामान बरामद, आठ गिरफ्तार
एसडीओ राधेश्याम सिंह की साजिश कामयाब हो जाती, अगर लोग जागरूक नहीं होते। आगे पुल के लोहे को बेच देने की योजना थी, लेकिन भांडा फूट गया। फिर, अपने बचाव के लिए एसडीओ राधेश्याम सिंह ने खुद इस चोरी की एफआइआर दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में साजिश को सूंघ ही लिया। आरजेडी नेता शिव कल्याण भारद्वाज सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुल चोरी कांड में इस्तेमाल किए गए सामान (बुलडोजर, पिकअप वैन, 247 किलो लोहा, दो गैस सिलेंडर और दो गैस कटर) भी बरामद कर लिए गए। पुलिस के अनुसार एसडीओ से 10 हजार रुपये लेकर आरजेडी नेता ने पुल चोरी करने वालों को संरक्षण दिया था।
चारा घोटाला की आ गई याद, स्कूटर पर ढोए गए थे मवेशी
बिहार में हुई इस घटना की बदनामी की गूंज सरहदों की सीमाएं लांघ गईं हैं। इसने अविभाजित बिहार में हुए चारा घोटाला की याद दिला दी है, जिसमें बड़े पैमाने पर मवेशियों की स्कूटर पर कागजी ढुलाई की गई थी। चारा घोटाला के अधिकांश मुकदमे अब अंतिम दौर में हैं। अब तक के सभी मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित कई अन्य को सजा मिल चुकी है।
परीक्षा में नकल की एक तस्वीर ने भी कराई थी बड़ी बदनामी
बिहार को अंतरराष्ट्रीय बदनामी देने वाली एक और घटना साल 2015 में बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा के दौरान हुई थी। उन दिनों बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में नकल आम बात थी। साल 2015 में नकल की ऐसी ही एक तस्वीर वायरल हो गई थी। तस्वीर में एक परीक्षा केंद्र की बहरी दीवार पर चढ़ खिड़कियों के माध्यम से नकल के पुर्जे अंदर पहुंचाने का नजारा देख लोग स्तब्ध हो गए थे। नकल कराने वाले परीक्षा केंद्र के भवन की कई मंजिलों तक दीवार पर चढे़ हुए थे। अगर उनमें से कोई गिर जाता तो मौत भी हो सकती थी।
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