पीएम मोदी ने11 दिन उपवास क्यों किया?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या मंदिर में रामलला जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज ने आध्यात्मिक प्रतिबद्धता और व्रत के सख्त नियमों के पालन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कठोर उपवास और ध्यान किया जो धार्मिक नेताओं द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं से कहीं अधिक था।
पीएम मोदी ने तीन की जगह 11 दिन का संपूर्ण व्रत किया
स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज ने कहा कि मैंने तो कहा था हम लोगों ने महापुरुषों से परामर्श करके लिखा था आपको केवल 3 दिन का उपवास करना है, अपने 11 दिन का संपूर्ण व्रत किया। मैं थोड़ा तार्किक हूं, बहुत पहले आपकी परम पूजनीय माता जी से मिलकर के मैंने री-कंफर्म भी किया था कि आपका यह अभ्यास 40 वर्षों का है।
उपवास के दौरान पीएम मोदी ने टाल दिए विदेश प्रवास
देव गिरि जी महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय नेता प्राप्त होना यह सामान्य बात नहीं है। विभिन्न दिनों में हमने कहा था कि आपको विदेश प्रवास नहीं करना चाहिए क्योंकि आते-जाते समय कई विघ्न आते हैं, आपने विदेश प्रवास टाल दिया, यह सिर्फ देश भक्ति के कारण हुआ। आपने दिव्या देश का प्रवास ऐसा किया नासिक से आरंभ किया गुरुवायुर गए, श्री रामेश्वरम गए।
11 दिनों तक पीएम मोदी फर्श पर सोये
आप पूरी भारत माता के हर कोने में जाकर के निमंत्रण दे रहे थे कि आइए दिव्य आत्माओं, अयोध्या पधारिए और हमारे राष्ट्र को महान बनाने के लिए आशीर्वाद दीजिए। आपको तीन दिनों तक भूमि शयन चयन करना चाहिए, 11 दिनों से आप भूमि शयन कर रहे हैं। ठंड में इस प्रकार का चयन करना, मानों स्वयं ब्रह्मा जी आशीर्वाद दे रहे हों। भारत की संस्कृति का सबसे मूल शब्द है ‘गुरुदेव’। केवल एक राजा याद आता है जिसमें सब कुछ था और उसे राजा का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज।
तीन दिनों तक मंदिर में रहे पीएम मोदी
मित्रों लोगों को पता नहीं है शायद 3 दिन का उपवास करना था, लेकिन 11 दिन का किया, तीन दिन मंदिर में रहे और महाराज ने कहा कि मुझे राज नहीं करना है, मुझे संन्यास लेना है। उनको समझाया और लौटा करके लाया कि यह भी आपका कार्य है, हिमालय से लौट करके भेज दिया कि जाओ भारत माता की सेवा करो। कुछ स्थान ऐसे होते हैं जहां पर आधार के साथ अपना मस्तक अपने आप झुक जाता है। आज छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ रामदास स्वामी महाराज की याद आ गई।
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