हैदराबाद विश्वविद्यालय के निकट क्यों पहुंचा बुलडोजर ?
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priyranjan singh
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
तेलंगाना के हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास एक जमीन पर बुल्डोजर एक्शन को लेकर पुलिस और छात्र आमने-सामने आ गए। यूनिवर्सिटी के पास स्थित 400 एकड़ भूखंड को साफ करने वाली टीम के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया। थोड़ी देर के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया था।दरअसल, मामला ये है कि इस जमीन को विकसित करने और वहां एक आईटी पार्क स्थापित करने की योजना बना रही है। कांचा गीचाबोवली में 400 एकड़ भूमि हैदराबाद विश्विधायल (यूओएच) के बॉर्डर पर है।
छात्रों ने क्यों किया विरोध प्रदर्शन?
छात्रों ने पर्यावरण संबंधी चिंता जाहिर करते हुए पार्क स्थापित करने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (यूओएचएसयू) ने एक प्रेस रिलीज जारी कर प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लेने की आलोचना की है।
यूनिवर्सिटी ने कहा कि जब छात्र विरोध करने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे, तो पुलिस कर्मियों ने कई छात्रों को जबरन हिरासत में लिया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इस मौके पर 50 से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया गया।
पत्रकार की गिरफ्तारी का केटी रामा राव ने किया विरोध
गौरतलब है कि इस विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे एक पत्रकार को भी हिरासत में लिया गया। पत्रकार की गिरफ्तारी पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कांग्रेस सरकार की आलोचना की और कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का “घोर दमन” “अस्वीकार्य” है। पत्रकार सुमित को कथित तौर पर हैदराबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की हिरासत की रिपोर्टिंग करते समय पुलिस ने हिरासत में लिया था।
केटीआर ने एक्स पर पोस्ट किया, “तेलंगाना में पुलिस की बर्बरता चिंताजनक है। पत्रकारों को हिरासत में लिया जा रहा है और असहमति जताने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह दमन अस्वीकार्य है और राहुल गांधी लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में उपदेश देते फिर रहे हैं। दोहरे मापदंड बेहद घृणित हैं।”
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास एक जमीन पर बुलडोजर ऐक्शन को लेकर पुलिस और छात्रों के बीच में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। यूनिवर्सिटी के पास स्थित 400 एकड़ के भूखंड को साफ करने वाली टीम के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में ले लिया और बाद में देर रात रिहा भी कर दिया गया। लेकिन इस विवाद ने राजनैतिक रूप तब ले लिया जब विपक्षी पार्टी बीआरएस ने पुलिस पर छात्रों की पिटाई करने और उनको गिरफ्तारी के दौरान घसीटने का आरोप लगाया।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर छात्रों ने बताया कि जब उन्होंने मौके पर ‘बुलडोजर’ देखा तो वे वहां पहुंचे। वहां पर विश्वविद्यालय के कुछ छात्र और अन्य लोग पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए भूमि की नीलामी के कथित प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे इस दौरान कुछ लोग मशीनों पर चढ़ गए, पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि वे ‘वापस जाएं’ विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया। हालांकि छात्रों का आरोप है कि वह सभी शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे पुलिस ने उनके ऊपर बल प्रयोग किया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर 53 छात्रों को एहतियातन हिरासत में लिया गया था। उन्होंने सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डाली है, जबकि कुछ प्रदर्शनकारी छात्रो ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। जो भी लोग इसमें शामिल थे उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में हैदराबाद के एक छात्र ने आरोप लगाया कि वे परिसर में सूचना मिलने के बाद वहां पर पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने पूरे क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर दी और जंगल को नष्ट करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
तेलंगाना में विपक्षी पार्टी बीआरएस ने छात्रों के ऊपर की गई पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान के नारे पर भी तंज कसा। बीआरएस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस की ‘मोहब्बत की दुकान’ अब हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय तक पहुंच गई है। कांचा गच्चीबावली में 400 एकड़ जमीन बेचने के कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पत्रकारों को तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।’’
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि जिस भूमि पर यह काम किया जा रहा था वह यूनिवर्सिटी की नहीं है। ऐसे में सरकार वहां पर आईटी पार्क का निर्माण करना चाहती है।