मणिपुर के सीएम ने क्यों दिया त्यागपत्र ?
विधानसभा सत्र से एक दिन पहले बीरेन सिंह ने क्यों छोड़ी कुर्सी?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

उनका इस्तीफा राज्य के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। पार्टी के विधायकों के बीच कोई मतभेद नहीं है। सीएम राज्य में शांति चाहते हैं और उन्होंने केंद्र से लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है।”
एन बीरेन सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए, असम के दरांग-उदलगुरी से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा, “मुझे अभी उनके इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली है।
यह उनका निर्णय है। मैं अपने मंत्रिमंडल के साथ इस पर चर्चा करूंगा और हमारी पार्टी मणिपुर के संबंध में चर्चा के अगले पाठ्यक्रम पर फैसला करेगी। हम बस चाहते हैं कि मणिपुर प्रगति करे और शांति हो।”
हिंसा भड़कने के दो साल बाद सीएम का इस्तीफा
बता दें, बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद शुरू हुई थी।
यह रैली मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा राज्य को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश देने के बाद आयोजित की गई थी।
अपना इस्तीफा सौंपते समय बीरेन सिंह के साथ भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी, भाजपा के उत्तर पूर्व मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा और कम से कम 19 विधायक मौजूद थे। सिंह ने अपने त्याग पत्र में कहा, “मणिपुर के लोगों की सेवा करना अब तक सम्मान की बात रही है।”
विधानसभा सत्र से एक दिन पहले बीरेन सिंह ने क्यों छोड़ी कुर्सी?
सचिवालय में हुई थी बैठक
शनिवार को बीरेन सिंह ने सीएम सचिवालय में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की थी। यह बैठक विपक्षी कांग्रेस द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारियों के मद्देनजर बुलाई गई थी।
बीरेन सिंह के इस्तीफे पर क्या बोले राहुल गांधी?
बीरेन सिंह के इस्तीफे पर राहुल गांधी ने तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि करीब दो साल तक बीरेन सिंह ने मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया। राज्य में हिंसा और जानमाल की हानि के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पद पर बने रहने दिया। अब उनके इस्तीफे से पता चलता है कि बढ़ते जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने उन्हें हिसाब-किताब करने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन, सबसे जरूरी प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करना और लोगों के घावों पर मरहम लगाना है।
त्यागपत्र में बीरेन सिंह ने क्या लिखा?
राज्यपाल को लिखे पत्र में बीरेन सिंह ने कहा कि वह मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार के प्रति अत्यंत आभारी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से सीमा पर घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने, अवैध घुसपैठियों को निकालने तथा मादक पदार्थों और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए नीति तैयार करने का भी अनुरोध किया।
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