यात्रा के दौरान प्रवासी पक्षियों को क्यों नहीं होता है दिशा भ्रम?
प्रवासी पक्षी दिवस पर विशेष
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आखिर प्रवासी पक्षी देशांतर क्यों करते हैं? उनको इसकी जरूरत क्यों पड़ती है। इसके पीछे उनका प्राकृतिक शास्त्र क्या है। यह जिज्ञासा आपके मन में भी जरूर उठती होगी कि प्रवासी पक्षी इतना जोखिम लेकर इतनी लंबी-लंबी उड़ान क्यों भरते हैं। बेहद जटिल मौसम, पहाड़ों, महासागरों को पार करते हुए यह पक्षी अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। विदेशी परिंदे हजारों मील की यह यात्रा अपने जीवन को दांव पर लगाकर करते हैं। भले ही ये परिंदों आधुनिक विज्ञान से अनभिज्ञ हो, लेकिन यह जानकर आप भी चकित होंगे कि इनका आने-जाने का क्रम बेहद वैज्ञानिक है।
मानव की भांति उनको मौसम और दिशाओं का अच्छा बोध होता है। आज इस कड़ी में हम आपको बताएंगे कि दुनियाभर के पक्षी प्रवास क्यों करते हैं? इसके साथ प्रवासी पक्षियों की इस कड़ी में यह भी जानेंगे कि इस प्रवास के कितने प्रकार हैं। उनका प्रवास कैसे मौसम और उनकी जरूरतों के हिसाब से बदलता रहता है? इन पक्षियों को आखिर मौसम के बदलाव की आहट कैसे होती है?
पक्षियों के जीनों में होता है प्रवास के गुण
पर्यावरणविद विजयपाल बघेल का कहना है कि प्रवास पक्षियों का एक नैसर्गिक व्यवहार है। यह प्रत्यक्ष रूप से उनके अस्तित्व से संबंध रखता है। भोजन, आश्रय और प्रजनन के लिए ये पक्षी प्रवास करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पक्षी प्रवास नहीं करें तो उनके समक्ष प्रजनन और भोजन की बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पक्षियों में प्रवास के गुण उनके जीनों में ही होते हैं। इसलिए अनेक प्रजातियों के पक्षी निश्चित समय और मौसम के आगमन पर प्रवास यात्रा को निकल पड़ते हैं। इस दौरान कई पक्षी लंबी यात्रा पर निकल पड़ते हैं। जीनों में अंकित प्रवास का आनुवंशिक गुण इनका मार्गदर्शन करता है। इसके चलते यह अपने गंतव्य तक पहुंचने में कामयाब हो जाते हैं.
पक्षी प्रवास के प्रकार
प्रवासी पक्षी बोइंग जेट जितनी ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं और उनकी उड़ान की औसत गति 80 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। पक्षी वैज्ञानिकों ने पक्षियों में प्रवास के दौरान जो अध्ययन किए हैं उसके आधार पर उनमें छह प्रकार के प्रवास पाए जाते हैं।
स्थानीय प्रवास : पर्यावरणविद व ग्रीनमैन नाम से मशहूर विजयपाल बघेल का कहना है कि अनेक प्रवासी पक्षी प्रकाश, अंधकार, तापमान, आर्द्रता और भोजन की उपलब्धता जैसे पर्यावरणीय कारकों की प्रतिक्रिया में अपने घोंसले से बाहर दैनिक रूप से गति करते हैं। पक्षी अपने घोंसले से भोजन क्षेत्र के बीच नियमित दैनिक प्रवास करते है। गौरैया लंबी प्रवास यात्रा नहीं करती लेकिन ये अपनी कालोनी से प्रतिदिन भोजन के लिए बाहर आती हैं। पैराडाइज फ्लाइकैचर, गोल्डेन ओरिओल स्थानीय प्रवास करने वाले पक्षियों के कुछ उदाहरण हैं,
मौसमी प्रवास : मौसम में बदलाव आने पर पक्षियों का प्रवास यात्रा पर निकल पड़ना एक आम बात है। उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में गर्मी के मौसम की शुरुआत या अंत में पक्षी प्रवास को निकलते हैं। वहीं शीतोष्ण क्षेत्रों में प्रवास सर्दियों के शुरू होने पर होता है। शीतोष्ण क्षेत्रों के पक्षी सर्दियों में गर्म प्रदेशों को चले जाते हैं और बसंत के आने पर अपने मूल क्षेत्रों को लौट आते हैं। यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया में पक्षियों के ऐसे प्रवास देखे जाते हैं।
चक्रीय प्रवास/अक्षांशीय प्रवास: कुछ पक्षियों की प्रवास यात्राएं मौसमी तो होती हैं, परंतु ये यात्राएं नियमित अंतराल पर नहीं होती। पक्षियों में इस प्रकार का प्रवास चक्रीय प्रवास कहलाता है। अमेरिका में पाए जाने वाले उल्लू तीन से पांच वर्षों में चक्रीय प्रवास करते हैं। पक्षियों में अक्षांशीय प्रवास भी होता है। पक्षियों में पाया जाने वाला यह सबसे प्रचलित प्रवास होता है। यह उत्तर से दक्षिण या दक्षिण से उत्तर अक्षांस की ओर होता है। शरद ऋतु में प्रवासी पक्षी उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवास करते हैं। इसके उलट वसंत ऋतु के आने पर यह दक्षिण से उत्तर की ओर होता है। प्रतिवर्ष लाखों प्रवासी परिंदे तीन हजार किलोमीटर की उड़ान भरकर केंद्रीय और दक्षिण अफ्रीका को पहुंचते हैं। यूरोप के एक तिहाई पक्षी शीतकाल में अफ्रीका पहुंच जाते हैं।
ऊर्ध्व प्रवास: पक्षियों की एक ऐसी प्रजातियां पर्वतों पर रहती हैं। यह बदलते मौसम में निम्न ऊंचाई पर गर्म स्थलों की ओर प्रवास करते हैं। वहां इनको भोजन और आवास असानी से सुलभ होता है। 9500 फीट की ऊंचाई पर पाई जाने वाली पहाड़ी बटेर सर्दी आने पर पांच हजार फीट नीचे आ जाती है। गर्मी के शुरू होते ही यह वापस अपने स्थान पर लौट जाती हैं। ब्रिटेन में पाई जाने वाली अबाबील और साइबेरिया की बिल्लो पक्षियों में इस प्रकार के प्रवास देखने को मिलते हैं। पक्षियों द्वारा पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व की ओर किया जाने वाला प्रवास देशान्तरीय प्रवास कहलाता है।
- यह भी पढ़े…..
- नवाजुद्दीन सिद्दीकी को लंबे संघर्ष के बाद मिला बड़ा मुकाम,कैसे?
- ड्रीप इरिगेशन एवं स्प्रिंकलर इरीगेशन सिस्टम के प्रचार प्रसार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
- मशरक में पूर्व और वर्तमान वार्ड सदस्य के वर्चस्व की लड़ाई में इस कड़ाके की धूप में प्यासे रह रहे है ग्रामीण