इजरायल-फलस्तीन संघर्ष में क्यों हजारों लोग मरते या घायल होते हैं?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जेरूसलम में इजराइली पुलिस और फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प खूनी संघर्ष में तब्दील हो चुका है। इजराइल ने गाजा में मौजूद हनादी टॉवर पर भारी एयर स्ट्राइक की है। कहा जाता है कि यहां कट्टरपंथी संगठन हमास का कार्यालय और रिहाइश है। इजराइली हमले में इस इलाके में काफी तबाही मची है। वहीं कट्टरपंथी संगठन हमास ने भी इजराइली शहरों तेल अवीव, अश्कलोन और बर्शेबा भारी राकेट दागे हैं। इस इलाके में इतनी बमबारी कभी नहीं देखी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र के मध्य पूर्व के राजदूत टोर वेनेसलैंड ने दोनों पक्षों से गोलाबारी तुरंत बंद करने को कहा है। उन्होंने आशंका जताई है कि यह संघर्ष युद्ध में बदल सकता है। दुर्भाग्य की बात है कि इस इलाके में हिंसा कोई नई बात नहीं है। पिछले 10 साल से लगातार इस इलाके में हर साल हजारों लोग जान गंवाते हैं या घायल होते हैं।
2008 से 2020
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय का कोआर्डिनेशन ऑफ ह्यूमनटेरियन अफेयर 2008 से इस इलाके में फलस्तीन और इजराइल संघर्ष में होने वाली मौतों पर नजर रख रहा है। 2008 से 2020 के बीच कुल 5590 फलस्तीन के लोगों और 250 इजराइल के नागरिकों की मौत हुई है। वहीं घायलों का आंकड़ा तो इससे कहीं बड़ा है। इन 10 साल में कुल 115000 फलस्तीन के लोग घायल हुए हैं। वहीं इजराइल में घायलों का आंकड़ा 5600 है।
हिंसा का चरम-साल 2014 और 2018
यह हिंसा 2014 में अपने चरम पर थी जब इजराइल ने गाजा में ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज चलाया था। यह तीन किशोरों के अपहरण और हत्या के बाद उठाया गया कदम था। यह मुहिम 7 हफ्ते तक चली थी और इसके चलते 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2018 में इजराइल-गाजा सीमा पर हुए प्रदर्शन के चलते 28 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
2021- मौजूदा स्थिति डरावनी
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए फुटेज में इज़राइली आयरन डोम मिसाइलों को दिखाया गया है, जो आने वाले कई रॉकेटों को रोकती हैं। इजरायल और फलस्तीन के बीच जारी इस संघर्ष से दुनियाभर के देश चिंतित हैं। पर दोनों ही ओर से रॉकेट हमले जारी हैं। इजरायल और फलस्तीन के बीच इस जंग में गाजा में 65 फलीस्तीनियों को मारा गया है जबकि इस भीषण युद्ध में 7 इजरायली अब तक जान गंवा चुके हैं।
इजरायल और फलस्तीन के बीच अब युद्ध तेज हो गया है। इजरायल ने गाजा में जमीन के नीचे सुरंग में बनाए गए हमास के ठिकानों को नष्ट करने के लिए भीषण बमबारी की। इजरायल की तोपों ने भी लगभग चालीस मिनट तक गोले बरसाए। हमास ने भी इजरायल के यरुशलम और तेल अवीव सहित कई शहरों पर जबर्दस्त रॉकेट हमले किए हैं। इजरायल ने कहा है कि लेबनान की तरफ से भी रॉकेट दागे गए। लेबनान ने इसका खंडन किया है।
अब तक 119 की मौत
फलस्तीनी अधिकारी के अनुसार अब तक 119 लोगों की मौत हो गई है, इनमें 31 बच्चे और 19 महिलाएं हैं। यहां 830 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इजरायल में मरने वालों की संख्या आठ है। इनमें छह नागरिक हैं।
40 मिनट तक गोलाबारी
गाजा पट्टी के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में इजरायली सीमा पर तैनात तोपों से लगभग 40 मिनट तक गोलाबारी की गई। चश्मदीद लोगों का कहना है कि बार्डर के आसपास रहने वाले फलस्तीनियों का अब वहां से पलायन शुरू हो गया है।
गाजा में दो सौ घर नष्ट
संयुक्त राष्ट्र के समन्वय कार्यालय के अनुसार गाजा में लगभग दो सौ घर नष्ट हो गए हैं। सैकड़ों लोगों ने उत्तरी गाजा के स्कूल में शरण ली है। इजरायल के यहूदी और अरब मिश्रित आबादी में अब अर्द्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए हैं। यहां पर भी दंगे चल रहे हैं।
टैंकों ने बरसाए गोले
इजरायल के सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कोनरिकस ने कहा है कि हमारी कार्रवाई में 160 हवाई जहाज, जमीनी सेना भाग ले रही है। टैंकों ने कुछ समय विशेष निशाने बनाकर गोले बरसाए हैं, लेकिन हम गाजा पट्टी में अब तक घुसे नहीं हैं।
अभी युद्ध चलने का संकेत
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि उनके पूरे अभियान को अभी कुछ समय और लगेगा। इस बार हमास को कड़ा सबक सिखाना होगा।
यूएनएसी अधिवेशन रविवार को
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का रविवार को इजरायल-फलस्तीन के मुद्दे पर खुला अधिवेशन आयोजित किया गया है। अधिवेशन का अनुरोध चीन, ट्यूनीशिया और नार्वे ने किया है। सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य इस मसले पर इस सप्ताह दो बार निजी तौर पर मिल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने युद्ध को तत्काल रोकने की अपील की है।
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