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भगवान के आगे क्यों जलाया जाता है 'दीपक'? - श्रीनारद मीडिया

भगवान के आगे क्यों जलाया जाता है ‘दीपक’?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

हम सभी जानते हैं कि दीपक प्रकाश का प्रतीक है, और जहां दीपक होता है, वहां अंधेरे का वास नहीं होता है। वहीं, सभी घरों में पूजा के दौरान आपने दीपक जलते हुए जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपके दिमाग में यह प्रश्न आया है, कि जो सम्पूर्ण जगत को प्रकाशित करता है, भला उसको दिया दिखाने की क्या जरूरत है।

जब सृष्टि की रचना हो रही थी, और भगवान ने सूर्य की रचना की है, तब सूरज ने भगवान से प्रश्न किया कि जब रात के समय सूरज उपस्थित नहीं होगा, तब समस्त सृष्टि अंधकार में कैसे रहेगी?

तब भगवान ने दीपक की रचना करते हुए कहा था, कि सूरज का छोटा अंश रात के अंधेरे में प्रकाश फैलाएगा, और तब से इस संसार में दीपक का प्रादुर्भाव हुआ।

समझना मुश्किल नहीं है, कि भगवान और दीपक का आखिर क्या रिश्ता है? माना जाता है कि दीपक में भगवान का एक अंश समाहित होता है, और इसलिए भगवान के प्रत्येक पूजन में दीपक का प्रयोग होता है।

खास बात यह भी है कि किसी भी पूजन-अर्चना में दीपक का प्रयोग एक तरह से अनिवार्य ही है। वहीं हमारे देश में देसी घी का दीपक जलाने का चलन आज से नहीं सदियों से चला आ रहा है। ज्योतिष में भी इस बात का ज़िक्र है, कि किसी भी प्रकार के डर से तथा शत्रुओं से रक्षा करने के लिए प्रत्येक सोमवार और शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

इससे न केवल परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है, बल्कि तमाम अशुभ कार्यों से मुक्ति भी मिलती है। अगर आप बाल गोपाल के सामने गुरुवार को देसी घी का दिया जलाते हैं, तो इससे भी सुख – समृद्धि आती है।

अनेक शास्त्रों में यह बात स्पष्ट ढंग से कही गई है, कि देवी-देवताओं के पूजा करने से तमाम बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसी क्रम में राहु केतु नामक ग्रह से मुक्ति के लिए सुबह शाम घर के मंदिर में अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसे में कुंडली में बैठा राहु केतु का दोष दूर हो जाता है। शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। वहीं, दीपक जलाकर ही भगवान की आरती की जाती है, और ऐसे में जिंदगी खुशियों से भर जाती है। इससे घर भर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।

खास बात यह भी है कि प्रकाश फैलाने की प्रवृत्ति से आपका मान-सम्मान भी उतनी ही तेजी से बढ़ता है, किंतु मान सम्मान के साथ-साथ अगर आप आर्थिक प्रगति भी चाहते हैं, तो माँ लक्ष्मी के सामने सात मुखी दिया, जिसमें सात बत्तियां हों, उसे जलाने से धन-संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। ज्योतिष में स्पष्ट बताया गया है कि सात मुखी दीपक जलाने से धन की प्राप्ति होती है, तो दो मुखी दीपक मां सरस्वती के सामने जलाने से बुद्धि तीव्र होती है, और यश की प्राप्ति होती है।

इसी क्रम में बुधवार के दिन भगवान गणेश के सामने तीन मुखी देसी घी का दीपक जलाना चाहिए, साथ ही दुर्वा घास अर्पित करना चाहिए। इससे धन धान्य तेजी से बढ़ता है। दीपक की महत्ता केवल दीपावली जैसे त्यौहार में ही नहीं होती है, बल्कि प्रत्येक दिन ईश्वर की आराधना करने के लिए दीपक का प्रज्वलन अनिवार्य रूप से प्रत्येक घर में किया जाता है।

 

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