भारत में सिर और गर्दन का कैंसर क्यों बढ़ रहा है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह देखा गया है कि इन कैंसर के मामलों की संख्या कुल कैंसर मामलों का लगभग 26% है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ोतरी के पीछे तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन, और खराब जीवनशैली प्रमुख कारण हैं।
देश भर में 1,869 कैंसर रोगियों पर किए गए अध्ययन के निष्कर्ष शनिवार को मनाए गए ‘विश्व सिर और गर्दन कैंसर दिवस’ पर जारी किए गए। इसके मुताबिक, भारत में लगभग 26 प्रतिशत कैंसर रोगियों के सिर और गर्दन में ट्यूमर है, और देश में ऐसे मामलों में वृद्धि का ट्रेंड बना हुआ है। दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी संगठन कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन ने 1 मार्च से 30 जून तक अपने हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त कॉल से डेटा एकत्र करके यह अध्ययन किया।
भारत में कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ने कहा कि भारत में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, खासकर युवा पुरुषों में। यह तंबाकू के बढ़ते सेवन और ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण है। उन्होंने कहा, “लगभग 80-90 प्रतिशत मुंह के कैंसर के मरीज किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते पाए गए हैं, चाहे वह धूम्रपान हो या चबाना। सिर और गर्दन के कैंसर के अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है, जबकि अन्य कैंसरों के मामलों का कारण अज्ञात है। यह एक रोकथाम योग्य कैंसर है जिसे जीवनशैली में बदलाव करके रोका जा सकता है।”
“तंबाकू छोड़ने के लिए जागरूकता बढ़ाने और बीमारी का जल्द पता लगाने के लिए समय पर जांच करवाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर के लगभग दो तिहाई मामलों का पता देर से चलता है। इसके पीछे संभवतः कारण ये है कि उचित जांच नहीं कराते हैं। गुप्ता ने कहा कि कैंसर मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य शिक्षा और समय पर पहचान के माध्यम से व्यक्तियों और समुदायों पर कैंसर की घटनाओं और प्रभाव को कम करना है।
उन्होंने कहा, “यदि पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाए तो 80 प्रतिशत से अधिक रोगियों में सिर और गर्दन के कैंसर का इलाज संभव है। कैंसर के उपचार के क्षेत्र में, हमें लगभग हर सप्ताह नई दवाइयां मिली हैं, जिनसे कैंसर का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकता है, जिससे बेहतर परिणाम और बेहतर जीवन गुणवत्ता प्राप्त होती है।”
उन्होंने कहा, “सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी के संयोजन का उपयोग किया जा सकता है। नवीनतम कैंसर उपचार न केवल बीमारी को ठीक करने को प्राथमिकता देता है, बल्कि जीवित बचे लोगों के लिए जीवन की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।” कैंसर मुक्त भारत अभियान के तहत, हाल ही में एक निःशुल्क राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (93-555-20202) शुरू किया गया, जो सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चालू रहता है।
कैंसर के मरीज इस नंबर पर कॉल करके सीधे प्रमुख ऑन्कोलॉजिस्ट से बात कर सकते हैं या बिना किसी शुल्क के अपने इलाज के बारे में चर्चा करने के लिए वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। सिर और गर्दन के कैंसर के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का नंबर आता है। यह 16 प्रतिशत है। भारत में पंद्रह प्रतिशत मामले स्तन कैंसर और रक्त कैंसर के हैं। ये डेटा भारत पर नवीनतम GLOBOCAN डेटा के अनुरूप हैं – एक डेटाबेस जो वैश्विक कैंसर के आंकड़े देता है। GLOBOCON डेटा इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी का हिस्सा है।
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