Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
क्यों मनाई जाती है होली भाई दूज? - श्रीनारद मीडिया

क्यों मनाई जाती है होली भाई दूज?

क्यों मनाई जाती है होली भाई दूज?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

होली भाई दूज का पर्व 27 मार्च दिन बुधवार को है. भाई-दूज का पर्व भाई-बहन के बीच के बंधन और प्यार का प्रतीक है. भाई दूज का पर्व होली के दो दिन बाद मनाया जाता है. इसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. यह त्योहार दिवाली भाई दूज की तरह उतना ज्यादा लोकप्रिय नहीं है, लेकिन इस पर्व का भी अपना अलग महत्व है. इतना लोकप्रिय न होने के कारण, लोगों को इसके बारे में पता नहीं चलता है.

होली भाई दूज 2024 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 26 मार्च 2024 को दोपहर 02 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन 27 मार्च 2024 शाम 05 बजकर 06 मिनट पर होगा. उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 27 मार्च को होली भाई दूज मनाया जाएगा. पहला शुभ मुहूर्त बुधवार की सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है. वहीं दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 31 मिनट से शाम 5 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज पर तिलक कैसे करें?
भाई दूज के मौके पर बहनें, भाई के तिलक और आरती के लिए थाल सजाती हैं. इसमें कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए. तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाएं. चावल के इस चौक पर भाई को बिठाया जाए और शुभ मुहूर्त में बहनें उनका तिलक करें.

भाई दूज पर पूजन सामग्री
भाई दूज की पूजा थाली में सिंदूर, फूल, चावल, चांदी का सिक्का, पान के पत्ते, गोला यानी सुखा नारियल, फूल की पत्तियां, कलावा, मिठाई और फल आदी जरूर रखें, इसके साथ-साथ आपको पूजा थाली के लिए एक कपड़ा भी लेना है, इस कपड़े को थाली पर बिछाकर ही सारा सामान रखकर पूजा करें.

होली भाई दूज की पौराणिक कथा
भाई दूज पर बहनें भाई के माथे पर तिलक करके उनके सुखमय जीवन, उज्जवल भविष्य और लंबी आयु की कामना करती हैं. वहीं भाई भी अपने कर्तव्य के निर्वहन का संकल्प लेते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भाई का तिलक करने से उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. भाई दूज के पर्व की पावन कथा सूर्य देव पुत्र यम और यमुना से जुड़ी हुई है.

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे. यमुना जी ने हार्दिक भाव से उनका स्वागत किया था, इसके बाद यमुना जी ने उनके माथे पर तिलक लगाया और मिठाई खिलाई थी. भगवान यम अपनी बहन के आतिथ्य से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने यह वरदान दिया की जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक लगवाएगा, उसे लंबी उम्र और समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा.

Leave a Reply

error: Content is protected !!