कोरोना उत्पत्ति की बहस पर फिलहाल भारत क्यों है चुप?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने नए साक्ष्यों के आधार पर कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन को एक बार फिर घेरना शुरू कर दिया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की ताजा रिपोर्ट ने इस बात की आशंका को मजबूत किया है कि चीन के वुहान स्थित वायरोलाजी लैब में ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई थी जिसने धीरे धीरे पूरी दुनिया को अपनी जद में ले लिया है। महामारी पर मशहूर अमेरिकी विशेषज्ञ डा. एंथोनी फासी ने इस वायरस के मानवनिर्मित होने के तथ्य को मजबूत मानते हुए चीन में और ज्यादा खोज-बीन करने की बात कही है। भारत फिलहाल इस पर चुप है और सीधे आरोप से बचना चाहता है। भारत इस बारे में तथ्यपरक जांच का पहले भी समर्थन करता रहा है और अब भी उसकी यही सोच है।
कोरोना वायरस की उत्तपत्ति को लेकर चीन वैश्विक स्तर पर कठघरे में है। लगातार अलग-अलग साक्ष्यों के जरिए उस पर शक गहराता भी जा रहा है। लेकिन भारत की स्थिति थोड़ी अलग है। जानकारों का कहना है कि भारत चीन के साथ कई मोर्चों पर तनाव का सामना कर रहा है। मई, 2020 से ही दोनो देशों की सीमाओं पर सैन्य जमावड़ा है। इसको समाप्त करने के लिए भारत व चीन के बीच उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता का दौर चल रहा है। चीनी सैनिकों के सीमा अतिक्रमण के बाद भारत ने चीन की कंपनियों के खिलाफ कई तरह के कदम उठा रखे हैं। हाल के दिनों में तनाव को कम करने के संकेत हैं। यह एक वजह है कि भारत अभी वायरस उत्पत्ति के मुद्दे को अपनी तरफ से हवा देने की कोई कोशिश नहीं कर रहा। मार्च, 2021 के अंत में जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर अपनी स्टडी रिपोर्ट जारी की थी तो उस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
डब्ल्यूएचओ की टीम को सारी सूचनाएं नहीं देने पर भारत ने जताई थी चिंता
वैसे यह रिपोर्ट ही अपने आप में काफी विवादास्पद रही थी। इसमें यह सवाल सामने आया था कि चीन ने डब्ल्यूएचओ की टीम को कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ी सारी सूचनाएं नहीं दी है। इस पर भारत ने भी चिंता जताई थी। भारत ने कहा था कि, ‘डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने यह कहा है कि उन्हें पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया था। भारत इस बात का समर्थन करता है कि डब्ल्यूएचओ को इस विषय पर अध्ययन के लिए सात संबंधित पक्षों को पूरी सूचनाएं देनी चाहिए, खास तौर पर यह वायरस कैसे उत्पन्न हुआ और कहां से उत्पन्न हुआ है, इससे जुड़ी सूचनाओं को।’
भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहीं भी चीन का नाम नहीं लिया गया था। भारत के अलावा कम से कम एक दर्जन और देशों ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए और वृहद जांच का समर्थन किया था। इसमें ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, कनाडा भी शामिल थे।
ये भी पढ़े…
- पंजाब से बिहार आ रही महिला को प्रसव पीड़ा, स्टॉपेज नहीं होने पर भी रोकी ट्रेन
- सीवान के पूर्व जिलाधिकारी शुभकृति मजूमदार के माता जी का हुआ निधन.
- ग्रामीण अंचल में कायम है राह बाबा की पूजा की प्राचीन परंपरा,लोक परंपरा की कई मान्यताएं
- टायफाइड से ग्रसित शिक्षक नेता से मिलकर शिक्षकों ने पूछा कुशल क्षेम
- लखनऊ के पानी में मिला कोरोना वायरस, तीन जगह से लिए गए नमूने, पीजीआई में हुई जांच