वर्ष 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना क्यों आवश्यक है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने अंतर-सरकारी वार्ता समिति (INC3) से पहले प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतरिम रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक है- वर्ष 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने की ओर: एक नीति परिदृश्य विश्लेषण।
- प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतर्राष्ट्रीय बाध्यकारी समझौते के लिये INC3 को नवंबर 2023 में नैरोबी, केन्या में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले INC2 को जून 2023 में पेरिस, फ्राँस में आयोजित किया गया था।
नोट: अंतरिम रिपोर्ट एक प्रारंभिक या आंशिक रिपोर्ट को संदर्भित करती है जो पूर्ण या अंतिम रिपोर्ट के पूरा होने से पहले जारी की जाती है। यह एक दस्तावेज़ है जो किसी विशेष विषय या परियोजना पर प्रारंभिक निष्कर्ष, विश्लेषण या प्रगति को प्रस्तुत करता है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु क्या हैं?
- वर्तमान स्थिति:
- वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर 21 मिलियन टन (MT) प्लास्टिक का पर्यावरण में रिसाव हो गया।
- सामान्य व्यवसाय परिदृश्य, जहाँ कोई महत्त्वपूर्ण परिवर्तन नहीं किया जाता है, में प्लास्टिक का उपयोग बढ़ जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2040 तक मैक्रोप्लास्टिक रिसाव में 50% की वृद्धि होगी।
- इसका अर्थ होगा कि लगभग 30 मीट्रिक टन प्लास्टिक का पर्यावरण में रिसाव हो जाएगा, जिसमें से 9 मीट्रिक टन जलीय वातावरण में प्रवेश कर जाएगा।
- अनुमानित परिदृश्य :
- प्राथमिक प्लास्टिक का उपयोग वर्ष 2020 के स्तर पर वर्ष 2040 तक स्थिर करने के परिणामस्वरूप वर्ष 2040 तक महत्त्वपूर्ण प्लास्टिक रिसाव (12 मीट्रिक टन) होगा।
- हालाँकि महत्त्वाकांक्षी वैश्विक कार्रवाई परिदृश्य अपशिष्ट उत्पादन को काफी हद तक कम कर सकता है, कुप्रबंधित कचरे को लगभग समाप्त कर सकता है और वर्ष 2040 तक प्लास्टिक रिसाव को लगभग समाप्त कर सकता है।
- बढ़ते प्लास्टिक उपयोग का प्रभाव:
- प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग और निपटान से पर्यावरण (आवास विनाश, मिट्टी प्रदूषण), जलवायु (ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान) तथा मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण के पहले की अपेक्षा और गंभीर परिणाम होंगे।
- प्लास्टिक विभिन्न प्रकार के जीवन चक्र प्रभाव उत्पन्न करता है, जिसमें कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 3.8% का योगदान (2022 में 1.9 GtCO2 e) शामिल है।
- कार्रवाई की लागत:
- शीघ्र, कठोर और समन्वित नीतिगत कार्रवाई के साथ वैश्विक महत्त्वाकांक्षा वर्ष 2040 में प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन को बेसलाइन से एक-चौथाई तक कम कर सकती है।
- यह वर्ष 2040 तक (119 से 4 मीट्रिक टन तक) कुप्रबंधित अपशिष्ट को वस्तुतः समाप्त कर सकती है, परिणामस्वरूप, प्लास्टिक रिसाव भी लगभग समाप्त (वर्ष 2040 में 1.2 मीट्रिक टन) हो जाएगा।
- हालाँकि नदियों और महासागरों में प्लास्टिक का स्टॉक वर्ष 2020 के 152 मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2040 में 226 मीट्रिक टन (बेसलाइन से 74 मीट्रिक टन कम) होने का अनुमान है।
- वर्ष 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिये महत्त्वाकांक्षी वैश्विक कार्रवाइयों पर वर्ष 2040 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 0.5% खर्च आएगा।
- हालाँकि इन लागतों में निष्क्रियता की टाली गई लागत शामिल नहीं है और इसे व्यापक रूप से बेहतर पर्यावरणीय परिणामों के संदर्भ में देखा जाना चाहिये।
- वित्तीय आवश्यकताएँ:
- कम उन्नत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों वाले तेज़ी से बढ़ते देशों में अपशिष्ट संग्रहण, छंँटाई और उपचार के लिये महत्त्वपूर्ण निवेश (2020 और 2040 के बीच 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) की आवश्यकता होगी।
- लागतों के असमान वितरण के कारण अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
- सिफारिशें:
- इसके पूरे जीवनचक्र में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिये एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देते हुए विभिन्न नीतिगत परिदृश्यों की आवश्यकता है।
- वर्ष 2040 तक प्लास्टिक रिसाव को खत्म करने के लिये तकनीकी और आर्थिक बाधाओं पर काबू पाना आवश्यक है।
- पुनर्चक्रण की सफलताएँ और स्क्रैप तथा द्वितीयक प्लास्टिक के लिये अच्छी तरह से काम करने वाले अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण रणनीतियाँ हैं।
अंतर-सरकारी वार्ता समिति (INC) क्या है?
- परिचय:
- INC की स्थापना फरवरी 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-5.2) के 5वें सत्र में हुई थी।
- UNEA संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का शासी निकाय है।
- वर्ष 2024 के अंत तक वार्ता को पूरा करने की महत्त्वाकांक्षा के साथ समुद्री पर्यावरण सहित प्लास्टिक प्रदूषण पर एक अंतर्राष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी उपकरण विकसित करने के लिये ऐतिहासिक संकल्प (5/14) को अपनाया गया था।
- INC1 का पहला सत्र वर्ष 2022 में उरुग्वे में आयोजित किया गया था।
- INC की स्थापना फरवरी 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-5.2) के 5वें सत्र में हुई थी।
- आवश्यकता:
- प्लास्टिक प्रदूषण का तेज़ी से बढ़ता स्तर एक गंभीर वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे का प्रतिनिधित्व करता है जो सतत् विकास के पर्यावरणीय, सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य आयामों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
- आवश्यक हस्तक्षेपों के अभाव में जलीय पारिस्थितिक तंत्र में प्रवेश करने वाले प्लास्टिक कचरे की मात्रा वर्ष 2016 में लगभग 9–14 मिलियन टन प्रतिवर्ष से बढ़कर वर्ष 2040 तक अनुमानित 23–37 मिलियन टन प्रतिवर्ष हो सकती है।
- उद्देश्य:
- कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते के तहत देशों से अपेक्षा की जाएगी कि वे साधन के उद्देश्यों में योगदान करने के लिये देश-संचालित दृष्टिकोणों को दर्शाते हुए राष्ट्रीय कार्ययोजनाओं को विकसित, कार्यान्वित और अद्यतन करें।
- उनसे प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम, कमी और उन्मूलन की दिशा में काम करने तथा क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करने के लिये राष्ट्रीय कार्ययोजनाओं को बढ़ावा देने की उम्मीद की जाएगी।
प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने हेतु क्या पहल हैं?
- भारतीय पहल:
- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2022
- विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR)
- एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर राष्ट्रीय डैशबोर्ड
- इंडिया प्लास्टिक पैक्ट
- प्रोजेक्ट रिप्लान
- वैश्विक पहल:
- एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर यूरोपीय संघ का निर्देश
- क्लोज़िंग द लूप
- द ग्लोबल टूरिज़्म प्लास्टिक इनिशिएटिव
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