मिशन शक्ति चर्चा में क्यों है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तीकरण को समर्पित व्यापक योजना मिशन शक्ति के विषय में सरकार से और जानकारी की मांग की है।
- यह मांग घरेलू हिंसा के मामलों से निपटने के लिये सुरक्षा अधिकारियों की संभावित कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए की गई है।
घरेलू हिंसा से संबंधित चिंताएँ:
- न्यायालय में पेश किये गए एक सरकारी दस्तावेज़ के अनुसार, 801 ज़िलों में घरेलू हिंसा के लंबित मामलों की संख्या 4.4 लाख है।
- हालाँकि पीड़ितों की सहायता के लिये इनमें से अधिकांश ज़िलों में वन-स्टॉप सेंटर स्थापित किये गए हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों की सहायता के लिये सुरक्षा अधिकारियों की संख्या कितनी है।
- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 8 के तहत सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति करना अनिवार्य है।
- सुरक्षा अधिकारी, जो विशेष रूप से महिलाएँ होनी चाहिये, की कानून के तहत एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। वे पीड़ितों की शिकायत दर्ज कराने, पुलिस को सूचना देने, तत्काल सुरक्षा एवं सहायता प्रदान करने, पीड़ितों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में सूचित करने के साथ ही न्यायालयी कार्यवाही में समर्थन प्रदान कर उनकी मदद करते हैं।
मिशन शक्ति:
- परिचय: मिशन शक्ति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का एक एकीकृत महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम है जिसे महिलाओं की रक्षा, संरक्षा और सशक्तीकरण के कार्यान्वयन के लिये शुरू किया गया है।
- यह महिलाओं के जीवन को निरंतर प्रभावित करने वाले मुद्दों को संबोधित कर और उन्हें अभिसरण एवं नागरिक-स्वामित्त्व के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार प्रदान कर “महिला-नेतृत्वकारी विकास” की सरकार की प्रतिबद्धता को साकार करना चाहता है।
- उप योजना: इसकी दो उपयोजनाएँ हैं- ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’। “संबल” उप-योजना महिलाओं की रक्षा एवं संरक्षा के लिये है, जबकि “सामर्थ्य” महिलाओं के सशक्तीकरण पर केंद्रित है।
- संबल:
- ‘संबल’ उप-योजना के घटकों में नारी अदालतों के रूप में एक नए घटक के साथ वन स्टॉप सेंटर (OSC), महिला हेल्पलाइन (WHL), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) की पूर्ववर्ती योजनाएँ शामिल हैं, इसके अलावा यह योजना समाज और परिवार संबंधी विवादों के वैकल्पिक समाधान के साथ लैंगिक न्याय को बढ़ावा देगी।
- सामर्थ्य:
- सामर्थ्य उप-योजना के घटकों में उज्ज्वला, स्वाधार गृह और कामकाजी महिला छात्रावास जैसी पिछली योजनाओं के संशोधित संस्करण शामिल किये गए हैं।
- इसके अतिरिक्त कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिये राष्ट्रीय शिशु गृह योजना और ICDS के अंतर्गत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी मौजूदा योजनाओं को अब सामर्थ्य योजना में शामिल किया गया है। सामर्थ्य योजना में आर्थिक सशक्तीकरण के लिये गैप फंडिंग का एक नया घटक भी जोड़ा गया है।
- संबल: