फाल्गुन पूर्णिमा क्यों कहते हैं भाग्यशाली दिवस?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हिंदी कैलेंडर का आखिरी महीना फाल्गुन होता है और फाल्गुन पूर्णिमा शुक्ल पक्ष की अंत में आती है. इसके बाद हिंदी कैलेंडर में नए साल की शुरुआत होती है. फाल्गुन पूर्णिमा को साल का सबसे भाग्यशाली माना जाता है और इस दिन लोग व्रत-उपवास रखते हैं. सबसे खास बात है कि इसी दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है जो कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इसके अलावा यह भी मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखने वाले जातक पर भगवान विष्णु और चंद्र देवता की कृपा बनी रहती है. साथ ही सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जयंती भी मनाई जाती है और हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है. इसलिए फाल्गुन पूर्णिमा साल का सबसे भाग्यशाली दिन माना जाता है.
हिंदू धर्म में प्रत्येक त्योहार व दिन का खास महत्व होता है और पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. विशेष तौर पर फाल्गुन माह की पूर्णिमा सबसे खास मानी जाती है और इस दिन पूजा-पाठ व अनुष्ठान करने का विधान है. कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करना बहुत ही लाभकारी होता है. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. फाल्गुन माह की पूर्णिमा को साल का सबसे भाग्यशाली दिन माना गया है.
कब है फाल्गुन पूर्णिमा 2024?
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च 2024 को सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा. इस तिथि का समापन 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर किया जाएगा. उदयातिथि के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 25 मार्च 2024 को रखा जाएगा. लेकिन होलिका दहन पूर्णिमा की रात्रि में किया जाता है इसलिए वह 24 मार्च 2024 को मनाया जाएगा. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु जी का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन विष्णु जी का विधि-विधान से पूजन करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
बसंत पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त : 4:45 एएम- 5:32 एएम
अभिजीत मुहूर्त : 12:30 पीएम और 12:55 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा-पाठ का कार्य शुभ माना जाता है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त में दान-पुण्य के कार्यों का बड़ा महत्व है।
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