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क्यों कम हो रहा है बिजली उत्पादन?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दुनिया में 2020 में न्यूक्लियर प्लांट से बिजली उत्पादन 3.9 फीसद कम हुआ है। जबकि इस बीच चीन में न्यूक्लियर प्लांट से बिजली उत्पादन 4.4 फीसद बढ़ा है। चीन में दो नए रिएक्टर लगने से ये उत्पादन बढ़ा है। वर्ल्ड न्यूक्लियर इंडस्ट्री रिपोर्ट 2021 में यह जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में वैश्विक स्तर पर 415 न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। जो 2011 से 22 कम हैं। वहीं अन्य 26 वर्तमान में दीर्घकालिक भंडारण में हैं और 53 निर्माणाधीन हैं। जो नए न्यूक्लियर रिएक्टर बन रहे हैं उनमें से आधे भारत और चीन में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में रिन्यूएबल एनर्जी का प्रसार हो रहा है। वहीं फुकोशिमा जैसी परमाणु दुर्घटनाओं से आम लोगों में न्यूक्लियर पावर प्लांट की छवि नकारात्मक बन गई है।

इसलिए दुनिया भर में परमाणु प्लांट से बिजली उत्पादन में गिरावट आई है। 1996 में न्यूक्लियर बिजली उत्पादन अपने चरम पर था। तब कुल बिजली उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 19.5 थी जो गिरकर 2020 तक 10.1 फीसद हो गया है। ज्यादातर देशों ने अपने न्यूक्लियर प्लांट बढ़ाने की योजना को रोक दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस समय दुनिया में 33 देश परमाणु पावर प्लांट चला रहे हैं लेकिन इसमें से सिर्फ अब 14 देश इसकी तकनीक पर काम कर रहे हैं। बेलारूस और यूएई दो देश हैं जिन्होंने इस सेक्टर में हाल में एंट्री ली है।

चीन ने 1990 के दशक के शुरुआती सालों में न्यूक्लियर एनर्जी पर काम शुरू किया था। अब उसके कुल 52 रिएक्टर हैं। इसमें से 39 रिएक्टर पिछले 10 साल में बने हैं। इस बीच जुलाई 2021 तक 93 परिचालन रिएक्टर इकाइयों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा गढ़ बना हुआ है। पर यह संख्या 2011 से 11 कम है। गिरावट के बावजूद, अमेरिकी कार्यक्रम सक्रिय के रूप में सूचीबद्ध है। वहीं जापान भी सक्रिय की सूची में है लेकिन वहां उत्पादन में भारी कमी आई है। 2011 से जापान में 39 इकाइयां थीं जो अब वर्तमान में नौ हैं। उम्मीद की जाती है कि जापान जल्द ही आधिकारिक तौर पर नए परमाणु ऊर्जा निर्माण को छोड़ देगा।

केवल तीन देश जिनके पास परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम थे, उन्होंने अब तक सभी रिएक्टरों को बंद कर दिया है – 1987 में इटली, 1998 में कजाकिस्तान और 2009 में लिथुआनिया।

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