जनगणना क्यों नहीं करा रही सरकार- सोनिया गाँधी

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14 करोड़ को नहीं मिल रहा मुफ्त राशन-सोनिया गांधी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा के शून्यकाल के दौरान जाति जनगणना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा है। सोनिया गांधी ने जल्द से जल्द जाति जनगणना कराने की मांग उठाई है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जाति जनगणना की मांग उठाते हुए कहा है कि, ये जल्द होना चाहिए जिससे सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गारंटीकृत लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि, खाद्य सुरक्षा विशेषाधिकारी नहीं बल्कि नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
सोनिया गांधी ने बताया कि, यूपीए सरकार के दौरान इस कानून को लाया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को खाद्यान्न और पोषण मिल सके ये सुनिश्चित करना था। उन्होंने कहा कि, इस कानून की मदद से लाखों लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में मदद की है और कोरोना काल के दौरान इस कानून से लोगों को काफी मदद मिली है।
पात्र लोगों को नहीं मिल रहा राशण
सोनिया गांधी ने एनएफएसए के तहत लागू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि, एनएफएसए एक्ट ही इस योजना के लिए आधार उपलब्ध कराता है। इस योजना के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी क्षेत्र के लोगों को खाद्यान्न में सब्लिडी मिलती है, जिससे गरीब लोगों को काफी ज्यादा फायदा पहुंचा है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि, साल 2011 की जनगणना के आधार पर ही NFSA का आंकड़ा आधारित है जबकि एक दशक से अधिक का समय बीत चुका है। सोनिया गांधी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, इतने सालों में जनगणना क्यों नहीं कराई गई है? जबकि ये हर 10 साल पर होती है।
‘लगता है सरकार नहीं कराने वाली है जनगणना’
राजस्थान से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि बजट आवंटन के दौरान भी जनगणना को लेकर कोई झलक नहीं मिली, जिससे ऐसा लग रहा है कि सरकार इस साल भी जनगणना नहीं कराने वाली है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने की अपील की है।
सोनिया गांधी ने कहा कि ये एक मूलभूत अधिकारी है। उन्होंने कहा कि जनगणना से ही सही आंकड़े मिलेंगे जिससे सही तरीके से खाद्य सुरक्षा योजनाओं का फायदा सभी तक पहुंच सकता है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने राज्यसभा में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। सोनिया गांधी ने जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इसलिए भी जनगणना जरूरी है ताकि सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ मिल सके। सोनिया गांधी शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का सोनिया ने किया जिक्र

सोनिया गांधी ने अपने भाषण के दौरान यूपीए सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम यूपीए सरकार द्वारा लाया गया था और इसका उद्देश्य 140 करोड़ आबादी के लिए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना था। सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी इसी अधिनियम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मदद दी।

जनगणना में हुई 4 साल की देरी- सोनिया

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद भारत के इतिहास पहली बार जनगणना में 4 साल की देरी हुई। उन्होंने कहा कि इसे 2021 में ही होना था लेकिन अभी तक भी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि यह कब आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन से भी पता चलता है कि जनगणना इस साल भी कराए जाने की संभावना नहीं है।

सोनिया गांधी ने कहा कि 14 करोड़ भारतीयों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत उनके लाभों से वंचित किया जा रहा है। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द जनगणना को पूरा करें और सुनिश्चित करें कि सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ हो।

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