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गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों को प्राथमिकता क्यों है? - श्रीनारद मीडिया

गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों को प्राथमिकता क्यों है?

गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों को प्राथमिकता क्यों है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के प्रधानमंत्री ने चार समूहों: गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देने की अनिवार्यता को रेखांकित किया है।

  • यह बल वंचितों के लिये गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत में रेखांकित समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति क्या है?

गरीब/निर्धन (Poor):

  • बहुआयामी निर्धनता सूचकांक:
    • भारत की लगभग 230 मिलियन से अधिक आबादी निर्धन है।
    • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) तथा ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल द्वारा प्रकाशित 2023 वैश्विक बहुआयामी निर्धनता सूचकांक के अनुसार, वर्ष 2005-06 और 2019-21 के दौरान लगभग 415 मिलियन भारतीय, निर्धनता से दूर हुए।
    • UNDP द्वारा परिभाषित, लगभग 18.7% आबादी बहुआयामी निर्धनता के प्रति ‘सुभेद्य’ की श्रेणी में आती है।
      • यह उन व्यक्तियों को संदर्भित करता है, जिन्हें गरीब के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, लेकिन इन्होने सभी भारित संकेतकों के 20-33.3% में अभाव का अनुभव किया है।
    • भोजन पकाने का ईंधनआवास और बेहतर पोषण अभाव के प्रमुख क्षेत्र हैं। संबंधित मेट्रिक्स डाटा में क्रमशः 13.9%, 13.6% और 11.8% आबादी को वंचित के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

  • बेरोज़गारी:
    • अक्तूबर 2023 में भारत की बेरोज़गारी दर दो वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी में वृद्धि दर्ज की गई।
    • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के सत्र 2022-23 के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में 2017-18 की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी में 5.3% से 2.4% और शहरी क्षेत्रों में 7.7% से 5.4% की कमी देखी गई।
    • कुल नियोजित जनसंख्या में स्व-रोज़गार वाले व्यक्तियों का अनुपात वर्ष 2018-19 में 52% से बढ़कर 2022-23 में 57% हो गया।
      • स्व-रोज़गार में विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं जैसे चाय की दुकान चलाना, कृषि कार्य करना, घरेलू उद्यमों में सहायता करना, चिकित्सा का अभ्यास करना और किसी की आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत अवैतनिक कार्य करना।
      • स्व-रोज़गार स्तर का अधिक होना अन्य विकल्पों की कमी को इंगित करता है, इस प्रकार लोग इन अल्प-भुगतान वाले व्यवसायों से जुड़े रहते हैं।
        • अमूमन प्रति व्यक्ति निम्न  आय वाले देशों में स्व-रोज़गार आबादी का अनुपात अधिक होता है।
  • महिलाएँ:
    • विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट, 2023 के अनुसार भारत 146 देशों में से 127वें स्थान पर रहा जो वर्ष 2022 की तुलना में 135वें स्थान से 1.4% अंक तथा आठ स्थान का सुधार दर्शाता है।
    • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध 4% बढ़ गए, जिसमें दर्ज किये गए अपराधों की संख्या 4.45 लाख से अधिक थी।
      • अधिकांश अपराध पतियों अथवा नातेदारों द्वारा क्रूरता, अपहरण, हमला एवं बलात्कार से संबंधित थे।
      • 12 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से अधिक दर्ज की गई।
    • महिला आरक्षण अधिनियम, 2023 जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है, महिलाओं के लिये विधान सभाओं एवं लोकसभा में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिये पारित किया गया था।

  • कृषक:
    • अत्यधिक तथा असामयिक वर्षा के कारण किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे उनकी आय गंभीर रूप से प्रभावित हुई।
      • दक्षिण-पश्चिम मानसून अनियमित और औसत से कम था, जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों में खरीफ फसल की पैदावार प्रभावित हुई।
      • कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा झारखंड जैसे राज्य सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
    • उत्तर भारत में BT कपास की फसल पर पिंक बॉलवर्म कीट के कारण निरंतर होने वाले नुकसान ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।
    • NCRB के आँकड़ों के अनुसार कृषि से संबंधित लोगों में आत्महत्या से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है।
      • भारत में प्रत्येक घंटे एक किसान ने आत्महत्या की तथा वर्ष 2022 में आत्महत्या के 11,290 मामले दर्ज किये गए।
      • खेतिहर मज़दूरों की आत्महत्याएँ किसानों की तुलना में अधिक थीं। आत्महत्या के 53% मामले खेतिहर मज़दूरों के थे।
    • आय के लिये एक औसत कृषक परिवार की निर्भरता फसल उत्पादन के स्थान पर कृषि से मिलने वाली मज़दूरी पर बढ़ती जा रही है।
  • युवा:
    • विश्व बैंक के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत में युवा बेरोज़गारी दर 23.2% थी, जो इसके पड़ोसी देशों पाकिस्तान (11.3%), बांग्लादेश (12.9%) और भूटान (14.4%) से भी अधिक थी।
      • चीन में बेरोज़गारी दर 13.2%, दक्षिण कोरिया में 6.9% और सिंगापुर में 6.1% रही।
      • हालाँकि भारत में युवा बेरोज़गारी दर वर्ष 2021 में 23.9% से कम हो गई है, फिर भी यह 2019 के प्री-कोविड वर्ष में दर्ज 22.9% से अधिक है।

युवा बेरोज़गारी दर का तात्पर्य कार्यबल में उन लोगों से है जिनकी आयु 15 से 24 वर्ष है और उनके पास नौकरी नहीं है, लेकिन वे सक्रिय रूप से नौकरी/रोज़गार की तलाश कर रहे हैं।

स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया, 2023 अध्ययन में पाया गया कि 25 वर्ष से कम आयु के स्नातकों के बीच बेरोज़गारी दर वर्ष 2021-2022 में 42.3% थी, जबकि समग्र बेरोज़गारी दर 8.7% थी।

इन विशिष्ट समूहों को संबोधित करने के उद्देश्य से संबंधित पहल क्या हैं?

  • गरीबों से संबंधित योजनाएंँ:
    • प्रधानमंत्री आवास योजना
    • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005
    • दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
    • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
    • प्रधानमंत्री जनधन योजना
  • महिलाओं से संबंधित योजनाएंँ:
    • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
    • उज्ज्वला योजना
    • प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना
    • वन स्टॉप सेंटर
    • कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013
    • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO), 2012
    • नारी शक्ति पुरस्कार
    • महिला पुलिस स्वयंसेवक
    • महिला शक्ति केंद्र (MSK)
  • किसानों से संबंधित योजनाएंँ:
    • प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
    • कृषि अवसंरचना निधि (AIF)
    • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
    • परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
    • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
  • युवाओं से संबंधित योजनाएंँ:

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