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क्यों है ये मोदी की स्टेट विजिट खास?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत की सामरिक दृष्टि से कुछ ऐसे फैसले लिए जाएंगे जिससे उनकी ये अमेरिका यात्रा ऐतिहासिक बन जाएगी।

क्या है ये मेगा डिफेंस डील

इसमें सबसे अहम है रक्षा क्षेत्र में ठोस कदम उठाने की। रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 350 फाइटर जेट इंजनों के भारत में निर्माण का बड़ा राजनीतिक सौदा परवान चढ़ने वाला है। अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रानिक और हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स के बीच समझौते पर हस्ताक्षर 22-23 जून को होने की संभावना है। इस डील के बाद दोनों कंपनियां घरेलू स्तर पर फाइटर जेट इंजन की मैन्युफैक्चरिंग करेंगे। शुरुआत में दोनों कंपनी प्लेन के इंजन बनाएंगे।

जबकि भविष्य में भारतीय नौसेना के जहाजों के इंजन भी इसका हिस्सा बन सकते हैं। इस डील को लेकर जो बातचीत हो रही है उसकी सबसे खास बात ये है कि भारत अमेरिका के साथ जेट इंजन बनाने की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने पर जोर दे रहा है। इस डील के बाद भारत स्वदेशी फाइटर इंजन बनाने में सक्षम हो जाएगा। वहीं आने वाले समय में इससे देश में पानी के जहाजों के इंजन भी तैयार किए जा सकेंगे।

रक्षा क्षेत्र का ये सबसे बड़ा समझौता 

नई डील के बाद तेजस को हाईपावर का इंजन मिल जाएगा। मार्क 2 और स्वदेशी फाइटर प्लेन एमका में जीई 414 इंजन लगेगा। बताया जा रहा है कि जीई और एचएएल के बीच रक्षा क्षेत्र का ये सबसे बड़ा समझौता होगा। ये रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत किया जाएगा।

करीब एक दशक के लंबे इंतजार के बाद भारत और अमेरिका के बीच सैन्य विमानों के इंजन को लेकर ये बड़ा रक्षा सौदा होने जा रहा हैय़ शुरुआती साझेदारी केवल सैन्य विमानों के इंजन के लिए होगी। माना जा रहा है कि अमेरिका के रक्षा मंत्री लार्ड आस्टिन और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच इस सौदे को लेकर बुनियादी बातचीत हो गई है और इस पर सहमति भी बन गई है।

अमेरिका के लिए भी ये डील क्यों जरूरी

जिस अमेरिका ने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारत को जीपीएस नेविगेशन देने से मना कर दिया था। वो आज अपने हथियारों की टेक्नोलाजी देने को तैयार बैठा है। अमेरिका अब ऐसी स्थिति में आ गया है कि वो कुछ भी करने को तैयार है, लेकिन ये डील साइन कर हो जाए।

अमेरिका को इस डील की कितनी जरूरत है वो आप इस बात से समझ सकते हैं कि कुछ दिन पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री भारत आए और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर इस डील के बारे में बात करके गए। वो इस उम्मीद से भारत आए थे कि जब पीएम मोदी 22 जून को अमेरिका आए तो ये डील साइन करके जाएंगे। इसके अलावा 13 जून को अमेरिका के एनएसए जैस सुलेविन भारत दौरे पर पहुंचे। वो भी इस डील के बारे में बात होगी। इस डील को अमेरिका की इकोनॉमी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

पीएम मोदी सात साल की अवधि के भीतर कांग्रेस को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले जून 2016 में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था। बहुत कम वैश्विक नेताओं ने अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधित किया है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति और रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले महान नेता नेल्सन मंडेला और इस्राइल के पूर्व पीएम यित्झाक राबिन भी दो बार अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं।

 

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