क्यों परमानेंट होने जा रहा है Work From Home ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कोरोना के चलते दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन तेजी से बढ़ गया है। कुछ कंपनियों और उनके कर्मचारियों को तो वर्क फ्रॉम होम इतना रास आया कि उन्होंने ऑफिस से ही तौबा कर लिया है। इसी वर्किंग कल्चर को अपनाते हुए नीदरलैंड ने वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार देने की योजना बना रहा है।
दो डच सांसद कानूनी अधिकार के रूप में घर से काम करने की स्थापना के लिए एक कानून का प्रस्ताव कर रहे हैं, जिस पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है। ऐसे करने पर नीदरलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन जाएगा जहां वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार दिया गया।
इस महीने की शुरुआत में, टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने कंपनी के कर्मचारियों को कार्यालय लौटने या छोड़ने के लिए एक अल्टीमेटम जारी किया था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि नीदरलैंड सरकार का यह फैसला बाकी देशों पर क्या असर डालता है।
इससे पहले पुर्तगाल की संसद ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ को लेकर एक कानून पास किया था। जिसमें कर्मचारी की शिफ्ट खत्म होने के बाद कोई कंपनी उसे कॉल या मैसेज नहीं कर सकती है। वहीं अगर ऐसा करती है तो उस कंपनी पर जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा दुनियाभर में कई ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने परमानेंट वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया है.
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