Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
विश्व हेपेटाइटिस दिवस क्यों मनाया जाता है? - श्रीनारद मीडिया

विश्व हेपेटाइटिस दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व हेपेटाइटिस दिवस क्यों मनाया जाता है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है, यह वायरल हेपेटाइटिस के वैश्विक बोझ के विषय में जागरूकता बढ़ाने और वास्तविक परिवर्तन लाने के लिये एकीकृत विषय/थीम पर विश्व को एकीकृत करती है।

प्रमुख बिंदु:

  • वर्ष 2023 की थीम: एक जिंदगी, एक यकृत (One life, one liver)।
  • महत्त्व:
    • यह दिन जागरूकता कार्य के माध्यम से समुदायों, लोगों और राजनेताओं को हेपेटाइटिस के कई प्रकारों के साथ-साथ इसके निवारण हेतु निवारक रणनीतियों, परीक्षण और उपचार विकल्पों के बारे में बहुत कुछ जानने-समझने में मदद करता है।
    • यह हेपेटाइटिस से संबंधित बीमारियों और मौतों की बढ़ती संख्या के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता है।

हेपेटाइटिस:

  • परिचय:
    • हेपेटाइटिस शब्द यकृत की किसी भी सूजन को संदर्भित करता है- किसी भी कारण से यकृत कोशिकाओं की जलन या सूजन।
    • यह तीक्ष्ण हो सकती है (यकृत की सूजन जो बीमारी के साथ सामने आती है- पीलिया, बुखार, उल्टी) या दीर्घकालिक (यकृत की सूजन जो छह महीने से अधिक समय तक रहती है, लेकिन अनिवार्य रूप से कोई लक्षण नहीं देखे जाते हैं)।
  • कारण:
    • आमतौर पर यह वायरस के एक समूह के कारण होता है जिसे “हेपेटोट्रोपिक” (यकृत निर्देशित) वायरस के रूप में जाना जाता है, जिसमें A, B, C, D और E शामिल हैं।
    • अन्य वायरस भी इसका कारण बन सकते हैं, जैसे वेरीसेल्ला वायरस जो चिकन पॉक्स का कारण बनता है।
    • SARS-CoV-2, कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस लीवर को भी हानि पहुँचा सकता है
    • नशीली दवाओं या अल्कोहल का उपयोग करना, लीवर में बहुत अधिक वसा होना (फैटी लीवर हेपेटाइटिस) या एक ऑटोइम्यून स्थिति होना जहाँ शरीर एंटीबॉडी का उत्पादन करता है जो लीवर पर हमला करता है (ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस) जैसे कुछ अन्य संभावित कारण हैं।
  • हेपेटाइटिस के प्रकार:
    • हेपेटाइटिस A वायरस (HAV): यह लीवर की सूजन है जो सामान्य से गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है।
      • यह दूषित भोजन तथा जल के सेवन अथवा किसी संक्रामक व्यक्ति (यौन व्यवहार) के सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है।
      • लगभग सभी लोग आजीवन प्रतिरक्षा के साथ हेपेटाइटिस-A से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं (HAV वाले कुछ लोगों की फुलमिनेंट हेपेटाइटिस से मृत्यु हो सकती है)।
      • हेपेटाइटिस A की रोकथाम के लिये एक सुरक्षित और प्रभावी टीका भी उपलब्ध है।
    • हेपेटाइटिस B वायरस (HBV): यह एक वायरल संक्रमण है जो लीवर को प्रभावित करता है और तीव्र एवं दीर्घकालिक दोनों प्रकार के संक्रमण का कारण बन सकता है।
      • यह आमतौर पर जन्म के दौरान माँ से बच्चे में, बचपन में, संक्रमित साथी के साथ यौन संबंध बनाने, असुरक्षित इंजेक्शन के दौरान फैलता है।
      • हेपेटाइटिस B को टीकों से रोका जा सकता है।
    • हेपेटाइटिस C वायरस (HCV): यह वायरस तीव्र और दीर्घकालिक दोनों तरह के हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है, जिसकी गंभीरता हल्की बीमारी से लेकर गंभीर, आजीवन बीमारी, जिसमें लिवर सिरोसिस और कैंसर शामिल है, तक हो सकती है।
      • यह एक रक्तजनित वायरस है और अधिकांश संक्रमण असुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल, रक्त आधान, इंजेक्शन नशीली दवाओं के उपयोग के माध्यम से होता है।
      • डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल दवाएँ (DAA) हेपेटाइटिस सी संक्रमण वाले 95% से अधिक लोगों को ठीक कर सकती हैं, लेकिन निदान और उपचार तक पहुँच कम है।
      • वर्तमान में हेपेटाइटिस C के खिलाफ कोई प्रभावी टीका नहीं है।
    • हेपेटाइटिस D वायरस (HDV): यह एक ऐसा वायरस है जिसकी प्रतिकृति बनाने के लिये हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) की आवश्यकता होती है। यह विश्व स्तर पर लगभग 5% व्यक्तियों को प्रभावित करता है जिन्हें HBV का पुराना संक्रमण है।
      • हेपेटाइटिस B और D व्यक्तियों को एक साथ (सह-संक्रमण) या एक के बाद एक (सुपर-संक्रमण) संक्रमित कर सकते हैं। यह स्थानीय लोगों, डायलिसिस रोगियों तथा दवा उपयोगकर्ताओं में अधिक आम है। दोनों वायरस का होना यकृत के लिये बहुत जोखिमपूर्ण है और इससे कैंसर या मृत्यु हो सकती है।
      •  हेपेटाइटिस D संक्रमण को हेपेटाइटिस B टीकाकरण द्वारा रोका जा सकता है, हालाँकि इसके उपचार की सफलता दर कम है।
    • हेपेटाइटिस E वायरस (HEV): यह HEV के संक्रमण के कारण होने वाला यकृत का सूजन (Inflammation) है। इसका संक्रमण विश्व भर में देखा जा सकता है, हालाँकि पूर्वी और दक्षिण एशिया में इसका प्रभाव अधिक है।
      • इस वायरस का संचरण मल मार्ग विशेषकर दूषित जल के माध्यम से होता है।
      • हेपेटाइटिस E वायरस संक्रमण को रोकने के लिये एक टीका विकसित किया गया है तथा चीन में इसे लाइसेंस प्राप्त है लेकिन अभी तक यह कहीं और उपलब्ध नहीं है।

हेपेटाइटिस से निपटने हेतु सरकारी पहल: 

Leave a Reply

error: Content is protected !!