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क्यों जरूरी है माहवारी स्वच्छता प्रबंधन? - श्रीनारद मीडिया

क्यों जरूरी है माहवारी स्वच्छता प्रबंधन?

क्यों जरूरी है माहवारी स्वच्छता प्रबंधन?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर विशेष

दुनियाभर में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (विश्व पीरियड्स डे) मनाया जा रहा है। इसे 28 तारीख को मनाने खास वजह यह है कि महिलाओं को पीरियड्स 28 दिनों अंदर आते हैं। ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स को लेकर खुलकर बात नहीं करतीं और न ही इस दौरान  बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक होती हैं। मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर खासतौर से सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि लापरवाही कई सारी बीमारियों को जन्म दे सकती है। यहां तक कि कई बार इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी संबंधी परेशानी भी हो सकती है।

पहली बार कब मनाया गया है 

मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की शुरूआत साल 2013 में वॉश (जल स्वच्छता एवं स्वास्थ्य रक्षा) द्वारा की गयी थी और इस दिवस को पहली बार 28 मई 2014 में मनाया गया था।

विश्व पीरियड डे एक ऐसा मंच है, जो मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए गैर सरकारी संगठनों, सरकारी संस्थाओं, निजी क्षेत्र, मीडिया और हर व्यक्ति को एक साथ लाता है।

उद्देश्य

एक ऐसे विश्व का निर्माण करना, जिसमें हर महिला और लड़की जिस भी समय अपनी निजता, सुरक्षा एवं गरिमा के साथ है, अपने मासिक धर्म को स्वस्थ तरीके से प्रबंधित कर सकती है।

पिछले पांच सालों से विश्व पीरियड्स डे मनाया जा रहा है। इसे 28 तारीख को मनाने के पीछे वजह है कि महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स 28 दिनों के भीतर आते हैं। इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य कारण है कि लड़कियां और महिलाएं मासिक धर्म को लेकर जागरूक होने के साथ ही इस विषय पर खुलकर अपनी बात रखें। मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहें, जिससे उन्हें किसी भी तरह के घातक संक्रमण का शिकार न होना पड़े। दरअसल, कई बार इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस थीम 

इस बार विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की थीम ‘ Periods do not stop for pandemics in light of the coronavirus crisis’ रखी गई है। आज से नहीं काफी समय पहले से पीरियड्स के दौरान लड़कियों के साथ थोड़ा अलग सा बर्ताव किया जाता रहा है जिसके चलते वह टेंशन में और काफी चिड़चिड़ी रहती हैं।

क्या होती है माहवारी

माहवारी नौ से 13 वर्ष की लड़कियों के शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है। इसके फलस्वरूप शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। यह प्राकृतिक प्रक्रिया सभी लड़कियों में किशोरावस्था के अंतिम चरण से शुरू होकर (रजस्वला) उनके संपूर्ण प्रजनन काल (रजोनिवृत्ति पूर्व) तक जारी रहती है। आज भी बहुत सी किशोरियां मासिक धर्म के कारण स्कूल नहीं जाती हैं। महिलाओं को आज भी इस मुद्दे पर बात करने में झिझक होती है। आधे से ज्यादा लोगों को लगता है कि मासिक धर्म अपराध है।

इन बातों का रखें ख्याल

– घर में रखे पुराने गंदे कपड़े का प्रयोग नही करें। इससे संक्रमण का खतरा रहता है।

– छह घंटे के अंतराल पर सैनिटरी नैपकिन बदलना चाहिए।

– समय-समय पर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करती रहें।

– पीरियड्स के समय कई बार शरीर में दर्द होता है। इसलिए गर्म पानी से नहाएं।

-अपने बिस्तर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर बेडशीट बदलती रहें।

– अगर यात्रा पर हैं और शौचालय जाना हो तो सफाई वाली जगह पर जाएं।

– खान-पान का रखें ख्याल। सुपाच्य आहार का सेवन करें।

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