शादी की पहली रात में क्यों पिलाया जाता है दूध और केसर ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सदियों पुरानी परंपरा और रीती रिवाजों के बारे में सवाल करना और इनके पीछे के तर्क का पता लगाना, कई लोगों को ग़लत लग सकता है। हालांकि, इसके बारे में समझना ग़लत नहीं है। ऐसा ही एक रिवाज है शादी की रात दूध पीने का। क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? क्यों शादी की रात दुल्हन के हाथों केसर दूध भिजवाया जाता है? तो आइए जानें इसके पीछे की असल वजह।
शादी की रात क्यों दुल्हा-दुल्हन को पिलाया जाता है दूध?
शादी को एक पवित्र बंधन माना गया है। कई चीज़ों को ध्यान में रखते हुए इसके साथ कई रीति-रिवाजों को जोड़ा जाता है। इन्हीं में से एक शादी की रात दूध पीने की प्रथा भी है। ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद की पहली रात सुखी वैवाहिक जीवन की नींव होती है। परंपराओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि एक गिलास केसर दूध के साथ दांपत्य जीवन को अपनाने से रिश्ते में मिठास आती है।
लेकिन दूध और केसर ही क्यों?
दूध और केसर का इस्तेमाल आमतौर पर कई हिन्दु रीति-रिवाजों में किया जाता है, खासकर दूध को शुभ माना जाता है और यही एक और कारण है कि शादी की पहली रात को दूध का सेवन किया जाता है। लेकिन पहली रात को दूध पीने के इस रिवाज के अलावा भी कोई इस परंपरा को निभाने की कोई वजह है?
केसर वाला दूध पीने से क्या होता है?
सदियों से केसर को कामोत्तेजक औषधि माना गया है। केसर को ट्रिप्टोफैन से भरपूर दूध में मिलाकर पीने से जीवन शक्ति में सुधार होता है और नवविवाहित जोड़े को तनाव मुक्त करने में भी मदद करता है।
वैज्ञानिक रूप से, यह साबित हो चुका है कि केसर में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिसका रोज़ाना सेवन करने से मूड ठीक हो सकता है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, चिंता कम हो सकती है और अवसाद के शुरुआती लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, शादी की पहली रात इस ड्रिंक को पीने के पीछे मकसद है कि शादीशुदा ज़िंदगी की शुरुआत आरामदायक वातावरण और खुशी से हो।
इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई?
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, दूध पीने का ज़िक्र कामसूत्र में किया गया है। माना जाता है यह संभोग के लिए एनर्जी और स्टैमिना देता है। ऐसा पहली रात पर कपल के एक्सपीरिएंस को बेहतर बनाने के लिए किया जाता था। हालांकि, उस समय दूध में सौंफ का रस, शहद, हल्दी, काली मिर्च और केसर डाला जाता था। फिर वक्त के साथ इसमें कई बदलाव आ गए, लेकिन परंपरा अभी भी है।
माना जाता है कि दूध में डाले गए केसर और बादाम की खुशबू से से हार्मेन एक्टिव होते हैं और दूल्हे का मूड अच्छा होता है. इसके अलावा दूध में काली मिर्च, सौंफ और हल्दी मिली होती है. इसी वजह से ये एक एंटी बैक्टीरियल और इम्यूनिटी बढ़ाने वाला मिक्सचर बन जाता है.
केसर पुरुष प्रजनन प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है। एक शोध में यह बताया गया है कि केसर का अर्क और इसमें मौजूद क्रोसीन कामोत्तेजना को बढ़ाने का काम करते हैं। केसर वाला दूध वैवाहिक जीवन में पति और पत्नी के सम्बन्ध के दौरान आने वाली बहुत सी समस्याओ से हमे बचाता है। केसर में क्रोसिन भी पाया जाता है, जो निकोटीन के उपयोग से पुरुष प्रजनन प्रणाली को होने वाले नुकसान से भी हमें बचा सकता है। केसर और बहुत सारी छोटी छोटी समस्याओ से भी काफी हद तक निजात दिलाता है जो आप हम अच्छी तरह जानते है।
पुराने समय में ज्यादातर अरेंज मैरिज होती थी तो दूल्हा और दुल्हन पहली बार एक दूसरे से बोलने और मिलने में असहज महसूस करते थे। तब से यह दूध पिलाने वाली परंपरा चली आ रही है की दूध के बहाने वे एक दूसरे के साथ बातें कर सके और मेलजोल बढ़ा सके, ताकि उनकी हिचक दूर हो जाए। इस दूध को पीने से नर्वसनेस कम हो जाती है और जोश व उत्साह में बढ़ोतरी होती है। इसके साथ इस दूध में डाले गए केसर और बादाम की खुशबू से हॉर्मोन भी अधिक संचारित होते हैं और दूल्हे का मूड अच्छा होता है।
इस दूध में काली मिर्च, सौंफ और हल्दी मिली होती है जिसके कारण यह एक एंटी बैक्टीरियल और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला बन जाता है। जब आप किसी इंसान के साथ पहली बार सबंध बनाते हैं तो आपको कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है तो यह स्पेशल दूध आपकी ताकत को बढ़ाता है।
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